How to stop overthinking - Dr Mohan Solanki

  • 3 years ago
How to stop overthinking - अत्यधिक सोच को कैसे रोके - how to stop overthinking problem | Overthinking meditation
मेरा मन कभी शांत नहीं होता,
मेरे दिमाग में हमेशा कुछ ना कुछ चलता ही रहता है,
प्लान बनाते बनाते थक जाता हूं लेकिन, काम कुछ होता ही नहीं है।
कभी-कभी तो मेरे दिमाग में ऐसे ख्याल आते हैं कि अब कुछ नहीं हो सकता। मेरा तो सब कुछ लुट गया।
सोचते सोचते बहुत चिंतित हो जाता हूं।
क्या आपको भी यह समस्या है, तो इस वीडियो को पूरा देखिए और ऊपर बताई गई समस्याओं से छुटकारा पाइए।
इस वीडियो में हम आपको बताएंगे कि -
Queries solved in this video:-
1.overthinking यानि अत्यधिक सोचने की समस्या क्या होती है अर्थात इसके क्या लक्षण होते हैं
2. Overthinking की समस्या क्यों होती है?
3. क्या बिना दवा लिए इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।
1. overthinking या generalized anxiety disorders एक ऐसी समस्या है जिसमें पीड़ित व्यक्ति भविष्य में आने वाली छोटी-छोटी समस्याओं को पहाड़ जैसी बड़ी समस्या अपने मन में ही बना बैठता है।
मनोविज्ञान की भाषा में इसे Pathological worry कहते हैं।
कई बार आपने देखा होगा लोग पूछ बैठते हैं कि यह रोड कहां जाएगी? तब जवाब देने वाला भी मुस्कुरा जाता है, बोलता है भाई, आपको कहां जाना है?

मन के मते न चलिये, मन के मते अनेक।
जो मन पर असवार है, सो साधु कोई एक।।
कभी ना कभी तो आपके कानों तक यह पंक्तियां सुनाई दी होगी।
लेकिन बहुत से भाई बहिन मन को नियंत्रित नहीं कर पाते। और एक समस्या से ग्रसित हो जाते हैं जिसे बोलचाल की भाषा में overthinking या मनोविज्ञान की भाषा में Generalized anxiety disorder के नाम से जाना जाता है।
चलो छोड़ो इन परिभाषाओं को।
क्या आप ऐसी कोई समस्या से ग्रसित है जिसमें सोचते सोचते आपका सारा समय बर्बाद हो जाता है,
लेकिन आप किसी निष्कर्ष या समाधान पर नहीं पहुंच पाते।
अगर हां, तो आगे देखते रहिए -
हमारा दूसरा प्रश्न - क्यों होती है overthinking की समस्या
यहां तो chemical का लोचा है भाई - serotonin और इस जैसे बहुत सारे केमिकल हमारे शरीर में पाए जाते हैं जो आपके मूड को अच्छा बनाए रखते हैं, इनकी वजह से आप अच्छा सोच पाते हैं अच्छा कर पाते हैं ।
किसी कारणवश अगर इनकी कमी शरीर में हो जाती है तो overthinking, anxiety, चिंता, घबराहट आदि समस्या हो जाती है।
एक दूसरा कारण सामने आया है कि जो लोग over protection में रहे हो, दूसरे लोगों के साथ नहीं मिले झूले हो और फिर अचानक उनको बाहर भेज दिया जाता है, तब यह समस्या पैदा हो सकती है।
इसलिए भाई बच्चों को थोड़ी ठोकरे खाने दो, ज्यादा अंदर दबाकर मत रखो।
और कुछ कारणों की बात करें तो,
जब कोई व्यक्ति अपने भविष्य की प्लानिंग करने बैठता है, तो आगे तक की प्लानिंग कर लेता है, अपनी सोच के अनुसार। लेकिन वास्तविकता के अनुसार वह अपना कार्य नहीं करता। दूसरे लोगों के साथ अपने मन में आने वाले ख्याल को कभी शेयर नहीं करते।
ऐसे लोग मन रुपी उस घोड़े पर तो बैठ जाते हैं, लेकिन वास्तविकता वाली लगाम लगानी नहीं आती |
यह एक मानसिक समस्या है और मानसिक बीमारी को ठीक करने वाले मनोचिकित्सक, दवाओं के सहारे इस समस्या का समाधान भी कर देंगे।
बिना दवा के इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए आपको अपनी आदत में कुछ बदलाव करना होगा और आपकी समस्या हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी।

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