कोरोना संक्रमण के मद्देनज़र हुए लॉकडाउन ने हज़ारों कामगारों पर आजीविका का संकट ला दिया है, जिससे उनकी रोज़मर्रा की ज़िंदगी चलनी मुश्किल हो गई है. इन कामगारों में सेक्स वर्कर्स भी शामिल हैं. कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देशभर में लगे लॉकडाउन का समाज के लगभग हर तबके पर असर पड़ा है. मज़दूरों, किसानों सहित छोटे कारोबारी आजीविका के संकट से जूझ रहे हैं लेकिन समाज का एक ऐसा तबका भी है, जिसकी समस्याओं पर सरकार और समाज दोनों की ही नज़र नहीं है. ये हैं देश के सेक्स वर्कर्स, जिनमें महिलाओं, पुरुषों से लेकर ट्रांसजेंडर तक शामिल हैं लेकिन इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. सरकार की नीतियों और राहत कार्यक्रमों तक में इन्हें शामिल नहीं किया जाता. सरकार की नीतियों और योजनाओं से महरूम इस वर्ग की समस्याओं के बारे में बता रही हैं रीतू तोमर.
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