Lava Parsai/ Dhan Buvai is a tradition of wedding in Bundelkhand region of India, sometimes it is also called(dhan buvai) paddy sowing. In this tradition, the younger brother of the bride plays an important role. Only after this are the paiapuji, panv pujna or panv pakharai. After the feet of the bride and groom are worshiped under the pavilion (mandap), then the bride and groom take the Round (fere).
भारत के बुंदेलखंड क्षेत्र की शादी की एक परम्परा है लावा परसाई, कहीं-कहीं इसे धान बुवाई भी कहते हैं. इस परम्परा मे दुल्हन के छोटे भाई की अहम भूमिका होती है. इसके बाद ही पयपुजी,पाव पूजना या पांव पखराई होता हैं. दूल्हा और दुल्हन के पैर पूजने के बाद मंडप के नीचे हवन- पूजन होता है फिर वर और वधू अग्नि के फेरे लेते हैं.
भारत के बुंदेलखंड क्षेत्र की शादी की एक परम्परा है लावा परसाई, कहीं-कहीं इसे धान बुवाई भी कहते हैं. इस परम्परा मे दुल्हन के छोटे भाई की अहम भूमिका होती है. इसके बाद ही पयपुजी,पाव पूजना या पांव पखराई होता हैं. दूल्हा और दुल्हन के पैर पूजने के बाद मंडप के नीचे हवन- पूजन होता है फिर वर और वधू अग्नि के फेरे लेते हैं.
Category
🛠️
Lifestyle