Sorath aur brijabhar ki katha माता से भिक्षा मांगना (14 वा भाग-संपूर्ण कथा, part 1)

  • 4 years ago
Indian tradition
दोस्तों जब बिरजाभार मामी के पास गया तो मानी बहुत बार समझाई कि सोरठ पुर मत जाओ वहां बहुत खतरा है रास्ते में बहुत परेशानी होगी ,लेकिन बिरजाभार नहीं मानता है तब सावरी ने एक फल दिया और कहा कि इसे रख लो इसे खाने से भूख और प्यास नहीं लगती है तब बिरजाभार मामी को प्रणाम करता है और सोरठ पुर जाने के लिए चल देता है

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