• 5 years ago
रामजन्म भूमि के मामले में कांग्रेस की पार्टी लाइन से इतर चलने वाले कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने 29 नवंबर को अयोध्या जाने का एलान किया है। माना जा रहा है कि रावत के इस कदम को पार्टी हाईकमान का समर्थन भी हासिल है।
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत पहले से ही रामजन्म भूमि मामले में कांग्रेस के अन्य नेताओं से अधिक मुखर रहे हैं। रावत कभी इशारों में तो कभी अप्रत्यक्ष रूप से राम मंदिर के निर्माण का समर्थन भी करते रहे हैं।

उनकी इस मुखरता को कांग्रेस नजरअंदाज भी करती आई है। सुप्रीम कोर्ट के रामजन्म भूमि मामले में फैसला देने के बाद हरीश रावत ने 29 नवंबर को अयोध्या जाने का एलान किया है। रावत की यह घोषणा ऐेसे समय में सामने आई है जब कांग्रेस वेट एंड वाच की रणनीति को अपनाना ज्यादा मुफीद मान रही है।
अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद कांग्रेस ने 10 से लेकर 15 नवंबर के बीच प्रस्तावित सारे धरना प्रदर्शन कार्यक्रम स्थगित कर दिए हैं। अयोध्या पर फैसला आने से पहले ही कांग्रेस ने अपने पार्टी नेताओं को दिल्ली भी तलब किया था।

फैसला आने के तुरंत बाद भी पार्टी नेताओं की टिप्पणियां भी संतुलित रहीं और खुद हरीश रावत ने कहा था कि वे सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं। सूत्रों के मुताबिक रावत के इस कदम का पार्टी हाईकमान भी समर्थन कर रहा है। रावत ने बड़ी सफाई से यह भी कह दिया है कि वे कोर्ट के फैसले से खुश है।

मेरी तरह हर भारतीय को प्रसन्नता का आभास हो रहा है। वर्षोँ से हमारी सामान्य जिंदगी को हिंदु मुस्लिम, मंदिर मस्जिद के मुद्दों ने जकड़ रखा था, अब हम उससे मुक्त होकर सांस ले सकेंगे। मैं 29 नवंबर को अपने आराध्य देव राजा राम को धन्यवाद देने अयोध्या जाऊंगा और उनसे प्रार्थना करूंगा कि भगवान अब कोई ऐसा विवाद न हो जो देश की सामाजिक एकता और अखंडता को खंडित करता हो।
- हरीश रावत, पूर्व मुख्यमंत्री एवं राष्ट्रीय महासचिव कांग्रेस

Category

🗞
News

Recommended