देवनाथपुरा की तंग गलियों से विशाल प्रतिमा को निकालने में करीब एक घंटे का वक्त लगा. गली से सड़क तक लाने के बीच रास्ते में जगह-जगह मां काली का आरती-पूजन स्थानीय निवासियों द्वारा किया गया. शांति समिति के हिंदू-मुस्लिम सदस्यों ने मिलकर विसर्जन यात्रा की कमान संभाली. नवसंघ की काली पूजा के विवादित इतिहास को देखते हुए इस विसर्जन शोभायात्रा में सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए थे. एक मजिस्ट्रेट और दो सीओ सहित बड़ी संख्या में पुलिस और अन्य सुरक्षा बल तैनात थे.
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