Every year Hindus across India observe the Shraadh or Pitru Paksha period that usually is observed for sixteen days during the autumn months of September and October. Religious scriptures say that the Pitru Paksha period is observed to pay respects and homage to the ancestors. This is why many people also refer to it as the "mourning period" and there are a few dos and don'ts Which should be followed by Pregnant lady during Pitru Paksha.
हिंदू धर्म में पुराणों से लेकर उपनिषदों तक में गर्भधारण से लेकर मृत्योपरांत तक कई तरह के संस्कारों का उल्लेख किया गया है। इन्हीं संस्कारों में से एक संस्कार है पितृ पक्ष। पितृ पक्ष के दौरान व्यक्ति अपने पितरों को तर्पण देने के साथ उनका श्राद्ध भी करता है। श्राद्ध के दौरान गर्भवती महिलाओं के लिए कुछ खास नियम बताएं गए हैं। जिनका पालन न करने पर उसके शिशु पर बुरा असर पड़ सकता है।
#Pitrupakshaprenantlady #Pitrapaksha #Pitrupaksha2019
हिंदू धर्म में पुराणों से लेकर उपनिषदों तक में गर्भधारण से लेकर मृत्योपरांत तक कई तरह के संस्कारों का उल्लेख किया गया है। इन्हीं संस्कारों में से एक संस्कार है पितृ पक्ष। पितृ पक्ष के दौरान व्यक्ति अपने पितरों को तर्पण देने के साथ उनका श्राद्ध भी करता है। श्राद्ध के दौरान गर्भवती महिलाओं के लिए कुछ खास नियम बताएं गए हैं। जिनका पालन न करने पर उसके शिशु पर बुरा असर पड़ सकता है।
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