pratapgarh Farmers are very upset with Nilgai in these days
वे कभी खेत में लौटने लग जाती हैं। कभी अचानक तेज रफ़्तार में दौड़ने लगती हैं तो कभी गड्ढे या बिना मुंडेर के कुएं में छलांग लगा देती हैं। टांगे तुड़वा लेती हैं। वैसे तो किसी जंगली जानवरी के लिए यह व्यवहार सामान्य बात है, मगर यहां तो अफीम के नशे में धुत हो जाने के बाद जंगली जानवर नीलगाय ऐसा करती हैं।
राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले के अफीम काश्तकार इन दिनों नीलगायों से बेहद परशान हैं। नशेड़ी नीलगाय अफीम उगाने वाले किसानों की मेहनत पर पानी फेर रही हैं। यह समस्या एक-दो जगह नहीं, जिलेभर में देखने को मिल रही है। इस वजह से किसानों को दिन-रात अपने खेतों की विशेष रखवाली करनी पड़ रही है।
वे कभी खेत में लौटने लग जाती हैं। कभी अचानक तेज रफ़्तार में दौड़ने लगती हैं तो कभी गड्ढे या बिना मुंडेर के कुएं में छलांग लगा देती हैं। टांगे तुड़वा लेती हैं। वैसे तो किसी जंगली जानवरी के लिए यह व्यवहार सामान्य बात है, मगर यहां तो अफीम के नशे में धुत हो जाने के बाद जंगली जानवर नीलगाय ऐसा करती हैं।
राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले के अफीम काश्तकार इन दिनों नीलगायों से बेहद परशान हैं। नशेड़ी नीलगाय अफीम उगाने वाले किसानों की मेहनत पर पानी फेर रही हैं। यह समस्या एक-दो जगह नहीं, जिलेभर में देखने को मिल रही है। इस वजह से किसानों को दिन-रात अपने खेतों की विशेष रखवाली करनी पड़ रही है।
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