बच्चे का शव लिए बिलखते परिजन ने बाइक से की अंतिम विदाई

  • 6 years ago
यहां सिर्फ दो बच्चों ने दम नहीं तोड़ा पूरी व्यवस्था मर गई । यहां सिर्फ 8 साल और 5 साल के दो बच्चे नहीं मरे बल्कि पूरा सरकारी अमला मर गया । परिवार पर मुसीबत का ऐसा पहाड़ टूटा कि हमेशा के लिए छिन चुके जिगर के टुकड़ों को देखने के लिए माता-पिता यहां नहीं हैं । अस्पताल की मोर्चरी से 8 साल के बेटे का शव चाचा ने निकाला । 5 साल की बिटिया का शव दूसरे रिश्तेदारों ने संभाला । और दोनों ही शवों को घर तक ले जाने के लिए अस्पताल में शव वाहन नहीं मिले । दोनों ही बच्चों के शव मोटरसाइकिलों पर रखकर रिश्तेदार और गांव के लोग 20 किलोमीटर तक ले जाने को मजबूर हुए ।

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