In order to please Prince Alfred, the 123 acres of villages had been turned down to trousers
इलाहाबाद में बने अल्फ्रेड पार्क से आजादी की ढेर सारी यादें जुड़ी हुई हैं। यह पार्क जितना अंग्रेजों को प्यारा था। उतना ही यहां हिंदुस्तानी क्रांतिकारियों का आना-जाना भी होता था। चंद्रशेखर आजाद से लेकर कई बड़े कांतिकारी इस पार्क में गुपचुप मीटिंग किया करते थे। वहीं, अंग्रेजो के लिए कैंट इलाके में घूमने के लिए यह सबसे सुनहरा सबसे खूबसूरत स्थल होता था। इस पार्क को बनाने के लिए अंग्रेजों ने हिंदुस्तानियों पर जमकर कहर बरसाया था और 123 एकड़ जमीन पर इस पार्क का निर्माण कराया गया था। इस पार्क को बनाने की वजह राजकुमार अल्फ्रेड को खुश करना था और उन्हें खुश करने के लिए ही हिंदुस्तानी बस्तियों को उजाड़ कर इस पार्क को बनाया गया था।
इलाहाबाद में बने अल्फ्रेड पार्क से आजादी की ढेर सारी यादें जुड़ी हुई हैं। यह पार्क जितना अंग्रेजों को प्यारा था। उतना ही यहां हिंदुस्तानी क्रांतिकारियों का आना-जाना भी होता था। चंद्रशेखर आजाद से लेकर कई बड़े कांतिकारी इस पार्क में गुपचुप मीटिंग किया करते थे। वहीं, अंग्रेजो के लिए कैंट इलाके में घूमने के लिए यह सबसे सुनहरा सबसे खूबसूरत स्थल होता था। इस पार्क को बनाने के लिए अंग्रेजों ने हिंदुस्तानियों पर जमकर कहर बरसाया था और 123 एकड़ जमीन पर इस पार्क का निर्माण कराया गया था। इस पार्क को बनाने की वजह राजकुमार अल्फ्रेड को खुश करना था और उन्हें खुश करने के लिए ही हिंदुस्तानी बस्तियों को उजाड़ कर इस पार्क को बनाया गया था।
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