देवघर के बाबाधाम में पूजा अर्चना के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की बात ही निराली है। किसी का पहनावा अलग है तो कोई मन्नत मांगने बाबा नगरी आया है। वहीं कोई मन्नत पूरी होने पर शीष झुकाने। यहां आने वाले हर एक भक्त की अपनी अलग कहानी है। श्रद्धा ऐसी कि दोनों हाथ न होने के बावजूद भी पिछले कई सालों से मंदिर में जल चढ़ाने के लिए कोई लगातार आ रहा है। इस श्रावणी मेले के खास मौके पर हम लेकर आए हैं मेले के अजब गजब नजारों व उसके पीछे छिपी कहानी पर। श्रद्धा की इस कहानी को पेश करती खास रिपोर्ट।
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