प्रकृति और पक्षी प्रेमियों का इंतजार जल्द खत्म होने वाला है। आप खुले आसमान में उड़ते और आनासागर में घरौंदा बनाए प्रवासी पक्षियों को देखना चाहते हैं, तो उसके लिए बर्ड फेयर से बेहतर कोई जरिया नहीं हो सकता है। अरावली की पहाडिय़ों के बीच बसा शहर तीन दिवसीय बर्ड फेयर के लिए रफ्ता-रफ्ता तैयार हो रहा है। यहां 9 से 11 फरवरी तक एक बार फिर इस खूबसूरत आयोजन की साक्षी बनेगी।
राजस्थान पत्रिका एवं जिला प्रशासन, नगर निगम, अजमेर विकास प्राधिकरण, मदस विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में बर्ड फेयर का आयोजन होगा। पक्षी हमें प्रेम, शांति और पर्यावरण संरक्षण की सीख देते हैं। अत्यधिक शोर-शराबे, हानिकारक धुएं-गैस और प्रदूषण से पशु-पक्षियों को तकलीफ होती है। मनुष्य के समान पक्षी प्रकृति का अंधाधुंध दोहन नहीं करते। आपको पक्षियों की स्वच्छंद उड़ान, जलक्रीड़ा और सुंदरता देखनी है तो बर्ड फेयर के लिए तैयार हो जाइए।
पिछले साल की तरह शहवासियों को पक्षी प्रेम की सीख मिलेगी। दूसरी बार होने वाले बर्ड फेयर में लोगों में पक्षियों को करीब से देखने और जानने का मौका मिलेगा। इसके लिए झील के चारों ओर विभिन्न स्थलों पर पक्षियों को देखने की व्यवस्था की जा रही है। बर्ड फेयर-2018 के लोगो का विमोचन किया जा चुका है। जिस आनासागर झील को लोग हमेशा गंदा समझते थे। पिछले साल हुए बर्ड फेयर से झील को नई पहचान मिली है।
खुद जिला कलक्टर गौरव गोयल भी मानते हैं, कि बर्ड फेयर से अजमेर की पहचान देश के बर्डिंग मैप पर हुई है। बर्ड फेयर की संयोजक नगर निगम उपायुक्त ज्योति ककवानी ने बताया कि बर्ड वॉचिंग के शौकीन शहरवासियों, विद्यार्थियों, शोधार्थियों के लिए 9 से 11 फरवरी तक आनासागर झील के किनारे द्वितीय बर्ड फेयर होगा।
लोग आनासागर बारादरी, क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान के सामने स्थित चौपाटी, सागर विहार पाल, गौरव पथ पर नवनिर्मित पाथ-वे व पुरानी विश्राम स्थली से प्रवासी पक्षियों की उड़ान, झुंड में झील में पहुंचने, जल क्रीड़ा और पानी में मछलियां, भोजन तलाशने जैसी गतिविधियां देख सकेंगे। पक्षियों के जानकार और नियमित बर्ड वॉचिंग करने वाले विशेषज्ञ इनकी प्रजाति, रंगरूप, व्यवहार और गतिविधियों की जानकारी भी देंगे। एडीए सचिव हेमंतस्वरूप माथुर ने बताया की आनासागर बारादरी पर होने वाले उद्घाटन समारोह सहित अन्य तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
प्रवासी पक्षियों को निहारना सुखद
विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो.प्रवीण माथुर के अनुसार प्रवासी पक्षियों को निहारना सुखद होता है। आनासागर झील में कई वर्षों से प्रवासी पक्षी आ रहे हैं। यहां मुख्यत: मध्य एशिया, यूरोप, रूस, चीन, तिब्बत, अफगानिस्तान, हिमाचल प्रदेश, बर्मा, नेपाल, गुजरात, असम, अरुणाचल प्रदेश सहित अन्य प्रांतों से पक्षी आते हैं। मौजूदा समय अजमेर में कई प्रजातियों के पक्षी देखे जा सकते हैं।
By exploring Rajasthan
राजस्थान पत्रिका एवं जिला प्रशासन, नगर निगम, अजमेर विकास प्राधिकरण, मदस विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में बर्ड फेयर का आयोजन होगा। पक्षी हमें प्रेम, शांति और पर्यावरण संरक्षण की सीख देते हैं। अत्यधिक शोर-शराबे, हानिकारक धुएं-गैस और प्रदूषण से पशु-पक्षियों को तकलीफ होती है। मनुष्य के समान पक्षी प्रकृति का अंधाधुंध दोहन नहीं करते। आपको पक्षियों की स्वच्छंद उड़ान, जलक्रीड़ा और सुंदरता देखनी है तो बर्ड फेयर के लिए तैयार हो जाइए।
पिछले साल की तरह शहवासियों को पक्षी प्रेम की सीख मिलेगी। दूसरी बार होने वाले बर्ड फेयर में लोगों में पक्षियों को करीब से देखने और जानने का मौका मिलेगा। इसके लिए झील के चारों ओर विभिन्न स्थलों पर पक्षियों को देखने की व्यवस्था की जा रही है। बर्ड फेयर-2018 के लोगो का विमोचन किया जा चुका है। जिस आनासागर झील को लोग हमेशा गंदा समझते थे। पिछले साल हुए बर्ड फेयर से झील को नई पहचान मिली है।
खुद जिला कलक्टर गौरव गोयल भी मानते हैं, कि बर्ड फेयर से अजमेर की पहचान देश के बर्डिंग मैप पर हुई है। बर्ड फेयर की संयोजक नगर निगम उपायुक्त ज्योति ककवानी ने बताया कि बर्ड वॉचिंग के शौकीन शहरवासियों, विद्यार्थियों, शोधार्थियों के लिए 9 से 11 फरवरी तक आनासागर झील के किनारे द्वितीय बर्ड फेयर होगा।
लोग आनासागर बारादरी, क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान के सामने स्थित चौपाटी, सागर विहार पाल, गौरव पथ पर नवनिर्मित पाथ-वे व पुरानी विश्राम स्थली से प्रवासी पक्षियों की उड़ान, झुंड में झील में पहुंचने, जल क्रीड़ा और पानी में मछलियां, भोजन तलाशने जैसी गतिविधियां देख सकेंगे। पक्षियों के जानकार और नियमित बर्ड वॉचिंग करने वाले विशेषज्ञ इनकी प्रजाति, रंगरूप, व्यवहार और गतिविधियों की जानकारी भी देंगे। एडीए सचिव हेमंतस्वरूप माथुर ने बताया की आनासागर बारादरी पर होने वाले उद्घाटन समारोह सहित अन्य तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
प्रवासी पक्षियों को निहारना सुखद
विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो.प्रवीण माथुर के अनुसार प्रवासी पक्षियों को निहारना सुखद होता है। आनासागर झील में कई वर्षों से प्रवासी पक्षी आ रहे हैं। यहां मुख्यत: मध्य एशिया, यूरोप, रूस, चीन, तिब्बत, अफगानिस्तान, हिमाचल प्रदेश, बर्मा, नेपाल, गुजरात, असम, अरुणाचल प्रदेश सहित अन्य प्रांतों से पक्षी आते हैं। मौजूदा समय अजमेर में कई प्रजातियों के पक्षी देखे जा सकते हैं।
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