Auspicious time / Subh Muhrat is very important for marriage or doing any auspicious work in Hindu religion. It is believed that the work done in the auspicious time is to give auspicious results. In such a case, if there is no any auspicious time or muhurat marriage, then the scriptures have given the order to complete the marriage ceremony in Godhuli Muhurat . Here Acharya Ajay Dwivedi is explaining the significance of Godhuli Muhurat
हिन्दु धर्म में विवाह या फिर किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले शुभ मुहूर्त का होना अति आवश्यक माना गया है। ऐसा माना जाता है कि शुभ मुहूर्त में किया गया कार्य शुभ फल देने वाला होता है । ऐसे में अगर विवाह मुहूर्तों में क्रूर ग्रह, युति, वेध, मृत्युवाण आदि दोषों की शुद्धि होने पर भी यदि विवाह का शुद्ध लग्न न निकलता हो तो गोधूलि लग्न में विवाह संस्कार संपन्न करने की आज्ञा शास्त्रों ने दी है। तो आइए आचार्य अजय द्विवेदी से जानते है गोधूलि मुहूर्त के बारें में ।
हिन्दु धर्म में विवाह या फिर किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले शुभ मुहूर्त का होना अति आवश्यक माना गया है। ऐसा माना जाता है कि शुभ मुहूर्त में किया गया कार्य शुभ फल देने वाला होता है । ऐसे में अगर विवाह मुहूर्तों में क्रूर ग्रह, युति, वेध, मृत्युवाण आदि दोषों की शुद्धि होने पर भी यदि विवाह का शुद्ध लग्न न निकलता हो तो गोधूलि लग्न में विवाह संस्कार संपन्न करने की आज्ञा शास्त्रों ने दी है। तो आइए आचार्य अजय द्विवेदी से जानते है गोधूलि मुहूर्त के बारें में ।
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