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00:00रख़ान पर रख़ान जो नहीं तो कि आपके जो दुश्मनिया मारीन से
00:08यह तो नहीं करेंगे साप जी
00:14आप चो चाहे मर्दी साजा देलो
00:16यह सेवा है
00:18और सेवा मर्जी से होती है जबर्दस्ति नहीं होती
00:23जिसका मान हो
00:25कल सुबे मेरे साथ चल साथ है
00:27तो कोई भी फैसला करने से पफले
00:30कि जरूर याद रख ले ना
00:32कि शरी हरमंदर साभ किसने रखा था
00:42वही किसी ने भी रखा उझ जड़े उनीव पथरा
00:55कि थी ये शुब काम के लिए
01:25निश्चे कर अपनी जीत करों
01:33निश्चे कर अपनी जीत करों
01:42कि म्याजित कर अपनार्ण कर अपनी ऑफनी जीत कर अपनार्ण।
01:56कि ट्यात्त रश खर अपनी जीत कि क।
02:09खटकन किलोंगा है
02:39करने, छुछ तुम लोग देर से, अलाव सेंग्.
02:48साकिमाल साभजी, वन विलकुल टैप रहे हैं.
02:52तो आप उटे के पकोड़ें जैसे तौंट्रेखने के लिए जिन्दानी ओते हैं, साभ जी.
03:00जी पताऊ, साभ जी, की करना है?
03:07कर दो कर दो कर दो
03:37झाल झाल
04:07दे रहामनना
04:37कि अश्रोट theuma
04:42म Congress現在 others
04:46okay fabulous
04:47weighing only
04:48मॉन इसा मॉन संभाला है
04:49जैसे माई नी भर्तानिया का चाज देडीयो
04:51अपने अबेगा है अपने अबरी यवान से हमेолот्स
04:53किसी को चाज चाहिए किसी क। इज़त
04:57माह रिचा मॉन से काज इज़त
04:59इसको
05:00मैं संझया है नहीं
05:03अपने समाज में न जीवन सेयां, अपने की जात तेक करती है, उसको जानवर संजा जाए गा इनसाब, और को ला सिंग जैसे लोगों को सदियों से जानवरी संजा गया है, नहोर में मैं इसके साथ था, वहां सुना था बच्पन में पोलेने न, एक बार जमीदार के बाग से �
05:33अपन आज बीदेल से इमाना, पॉल्ड़ों आज बीदेल से इमाना, भिज्घ एल, कि अ अज़ खाना भीदेल से देल एका देल से वाना है, भुट।
05:57भश्म इसे पोलोगों की जाए बादिव जोना है, आज बालवों की ठिष्ण की आए।
06:03सर्जी लो खाट से सुने आया है
06:08क्या?
06:24सर्जी वो मैं साफदान कर रहे है
06:26कुछपटान सारा गड़ी की तरफ आ रहे है
06:28और काया के मतब के लिए फोस मेज़े है
06:30आसे
06:33मेरी दूर बिने क्या
06:35क्या साले दिक क्यो नहीं रहे?
06:43कही ऐसा हो तो नहीं साब जी के वो गुलिस्तान की तरफ मुड़ गए?
06:47हो सकता है
06:50चलो गुलिस्तान से बात करके देख
06:54क्या जज़ सकता है
06:56हुआ है
06:58क्या दूआ है
07:00आसे पुलिस्तान
07:02कर दो कर दो
07:15झाल झाल
07:45झाल झाल
08:15झाल झाल
08:45झाल
09:15झाल
09:45झाल
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10:56झाल
10:57झाल
10:58में गढ़े
10:59झाल
11:00झाल
11:01झाल
11:02में आड
11:04पर लिए
11:05है वह वहनारी नदसी्ट को नहीं आसकती है
11:08यह पाथानों ने सारे रास्तें रुक रखें
11:11यह
11:12इसलिए उन्होंने थे ठाटों के भागने का भूम दिया है
11:14भागने का हुकुम दिया है
11:33अपोल्या
11:35कियो है
11:36भागने को खेह रहे है
11:40हम भागते है
11:44अपोल्या
11:46अपोल्या
11:48अपोल्या
11:50जवानो
11:52तो अपोल्या दा इरादा मैं सामझ गया हूँ
11:54लेकिन फिर भी मैं चाहता हूँ कि आप सब लोग
11:58एक बार फिर सोच लो
12:00तुम सिर्फ अपनी जान नहीं बहुत कुछ दाओ पे लगा रहे हूँ
12:06अपोल्या
12:08अपोल्या
12:10इसले फिर से सूच
12:14मुझे तो पहले दिन से ही शक था
12:16जो आदमी प्यार मोहबबत और इंसानियत की बाते करता वो जंग कैसे लड़ेगा
12:20जंग कैसे लड़ेगा
12:22जंदा सेंग तुम
12:24हमें कमजोर करने की कोशिश क्यो कर रहे हैं साब जी
12:28सिद्धरां क्यों नहीं कहते
12:30इतने सारे पठान एक साथ देखकर आपको डर लग रहे है
12:34आप ये जंग लड़ना नहीं चाहते साब जी
12:38कर दो जाए जाए
12:44मैं लड़ू मचंदा सेंगा
12:46सरूर लग
12:48तरह मैं चाहता हूँ कि परले हम ये सोच ले
12:50कि हम लड़ किसके लिए रहे हैं
12:53उन पैसों के लिए
12:56जो हमें हर महीने मिलते हैं
12:58इस वर्दी के लिए
13:00या फिर इन अंग्रेजों के लिए
13:02जो खोद हम पे हुकुमत बनाए बैठे हैं
13:05क्या इनके लिए तुम अपना सब कुर्बान कर सकते हो
13:08मैं नहीं कर सकता
13:10मैं बिलकुल नहीं कर सकता
13:14मैं बिलकुल नहीं कर सकता
13:16मेरी सिंदगी, मेरी रिष्टे, मेरी जिम्हदारिया
13:19इन सब से ज्यादा कीमती
13:21तो फिर किसके लिए लड़ेंगे आप साब जी
13:34किसके लिए
13:51किसके लिए अब है
14:11कि क्या भगवास कर्यों तुम जंदेश्य जी जी है
14:16मैंने पेले दिन से का था इंधि गल्थ मंदा भीज दिया गोरुने
14:20तो जो बंदा खुद इन पठानों की मजजीदे बनाता फिर रह वो किस के लिए लड़ेगा
14:24और तुम लोग
14:26तुम सब लोग इस अदमी का गुन्गान कर फिर रहे थे
14:30मूठ ठाके निकल पड़े पठानों की महजीदे बनाने के लिए
14:33अब देख लो
14:33आपके लो, अपनी आखों से देखो, कैसे डर के मारे अंदर कमने में खुछ के बैट के बैट के अ
15:03कर दो, कि बादे लो, कि अज़ता बादे रहे ज़ा दो ज़िए केसिर पगड़ी कीूबांदी है
15:27एक गोरी ने मुझसे कह था कि तुम गुलाम हो
15:32कि अंदुस्तान के मिट्टी से डरपोग पैदा होते हैं
15:36आज जवाब देने का वक्त आगे है
15:40कि इसरी रंग का मतलब समझते हो चंदा सिंग
15:48बहादुरी का रंग है शहीदी का
15:55लाखों सर दिये हमने तब जाके सर पे केसरी पांदे का हक मिला हमें
16:04हाँ जब मैं इसे सजा के हजारों दुश्मनों के पीछ सर उठा के चलूँगा ना
16:11तो मैं अकेले लही मेरे साथ वो लाखों शहीदी चलेंगे
16:16जिनों ने अपनी चान तो दे दी लेकिन आन नहीं दी
16:21अज मैं पैसों के लिए नहीं अंग्रेजों के लिए नहीं अपने लिए नहीं
16:32अन शहीदों के लिए लड़ूगा हरो साथ भी के लिए लड़ूगा जिसे गुलाम समझा जाता है
16:40अपनी काम के लिए लड़ूगा आज मैं अपने गुरू के लिए लड़ूगा आज मेरी पकड़ी भी कैसरी
16:48जब हैगा मेरा लहू भी कैसरी
16:50और मेरा जवाब भी कैसरी
17:18झाल मुली मुली टो खार, तो स्काल करें यहां पर शाया।
17:48झाल झाल
18:18झाल
18:48झाल
19:18यह तो सिर्फ एक्टिस हैं
19:22करल दी डिल मिल खुण झाल
19:27रख शौक्टिस लेख यह यहां तक नहीं
19:32करवार यह तक नहीं पहुँझ तक नहीं पहुंचिए
19:40कवरा ये नहीं जनाव, हम बहुत दूर हैं, गोली यहां तक नहीं पहुंच सकती है
20:11साब जी इतनी दूर तक तो ये गन मार करती निये।
20:15अगर फीछ की हवा हो, तो कष्टी है
20:22लेश कर तायार हो जाओ
20:34जी इतनी साईड़ी
20:37ऑथ ताम सेंग
20:38जी साब जी
20:40जर्ट दो जब तो जुआ है दोज जाओ जो जाओ जुआ है विए टूल जा जाओ नगर जब तो जाओ
21:02है कर्म कहा है कियो एक सर जी बात पूछना जाना दो बूच ओ
21:10कर दुट है कि अश्जी हातन साब ने तो हमें ही रुकने का अव कम भीया था जोट क्यों का वे रहा है तो आज़ादी के लिए गुरमोक अशादी सर जी यह अंगरे इसम को गुलाम कहते हैं गुलाम को तो ना मर्जी से जीने का ऊग होता है ना मर्जी से मरने का अगर सच कह �
21:40से लड़े लेकिन आज इनी किस सिखों ने अपनी मर्जी से मौत चुनी है किसी गोरे साथ के हुकम से नहीं
21:47इसलिए आज यहां एक्किस आजाद सिख लड़ेंगे और एक्किस आजाद सिख मरेंगे
21:57जनाब बोलो दाद आपको लगता है कि मैं पठानू इनसे लड़ूंगा नहीं मैंने असा कब कहा आपने कहा कि बाहर दस हजारें और हम इक्कीस हम बाईसे जनाब मैं भी लड़ूंगा
22:27आप मेरे कटकाट पर मत जाएए मुझ में बड़ा जोर है मुझे बंदूग चलाना भी आता है बंदूग तो बहुत लोग चला लेते हैं खुदादादी लेकिन जो काम मैं तुमें सौंप रहा हूँ उ सिर्फ तुम कर सकते हो क्या जनाब तुम हर सखमी सिपाई को पानी �
22:57जनाब मैं दुश्मनों को खत्म करना चाहता हूं बचाना नहीं दाद आननपुर सहाब की जंग में भाई कनाया जी सिख सिपाईयों के साथ साथ सखमी मुगलों को भी पानी पिलाते थे जब गुरु साब ने पूचा क्यों तो पता उन्होंने क्या जवाब दिया क्या जन
23:27में भी वो दिखता है और दुश्मन में भी उसकी सेवा कैसे ना करूं रड़ने से सिर्फ दुश्मन खातम होता था और पानी पिलाने से दुश्मनी तुझे इस जंग का सबसे बहादुर सिपाई बनने का मौका दे रहा हूं हिम्मत है तो बन जाओ
23:57आवब रादियो
24:27टरुश एकपार्व नखब अपी अठेका
24:38तरयूब लब那么ा का दुश्मनी तुश्मनी तुश्मनी थाझनों
24:52evidently can
24:55प्रुके!
25:16अज यहां तो तु इनके साथ मना लेगा नंस्या
25:18यह यह तेरे साथ मना लेंगे
25:20दोनों सूर्तों में तेरी सुआगराद पकी आज
25:25जुदाई पे जाणी है
25:40जुदाई पे जाणी
25:46जो तेनू कैनी सी है
25:48जो तेनू कैनी सी
25:50जो तेनू कैनी सी है
25:56जो तेनू कैनी सी
26:04जो तेनू अलविदा कर जाणा है
26:10जो तेनू अलविदा कर जाणा है
26:12जो तेनू अलविदा कर जाणा है
26:14जो तेनू अलविदा कर जाणा है
26:20जो तेनू अलविदा कर जाणा है
26:22जो तेनू अलविदा कर जाणा
26:24जो तेनू अलविदा कर जाणा
26:26जो तेनू अलविदा कर जाणा
26:30जो तेनू अलविदा कर जाणा
26:32जो तेनू तरस देसी है
26:34जो तेनू तरस देसी है
26:38जो तेनू तरस देसी
26:40जो देया तरस देशी
26:45ऐसी तरसे ही मर जाड़ा है
26:54ऐसी तरसे ही मर जाड़ा
27:10आग्द्ट
27:38शेश्ट
27:40झाल झाल
28:10झाल झाल
28:40झाल झाल झाल
29:10कर दो लो का थे राओ मान जैं तो, कि अचा हूंट
29:33भाओ!
29:35बग्मान जैंख जैंख!!
29:37मिच्चह!
29:38मिच्चह?!
29:40प्रेजर एक अब बादो नहाईब नहाई लाईब लाईब लाईब।

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