Abhinandan Pahado Ki Sahar
@PahadoKiSahar
अगर आप गर्मियों में घूमने की योजना बना रहे हैं तो उत्तराखंड की तीन जगहें हो आएं। यहां जाकर आपको न सिर्फ सकूं मिलेगा बल्कि आप झील-झरने, पहाड़ और हिमालय की मनोरम वादियों का भी लुत्फ उठा सकेंगे। दुनियाभर से पर्यटक उत्तराखंड की इन जगहों की खूबसूरती देखने के लिए आते हैं। आइए जाते हैं कौन-सी हैं ये जगहें...
औली
औली को भारत का मिनी स्विट्जरलैंड कहा जाता है। भारत का यह मिनी स्विट्जरलैंड इतना खूबसूरत है कि विदेशी तक यहां के नजारे देखते नहीं थकते। यह मिनी स्विट्जरलैंड उत्तराखंड के चमोली में स्थित है। यहां कि वादियां और पहाड़ देखकर आपको यह महसूस होगा कि आप सच में स्विट्जरलैंड की सैर कर रहे हैं। हर साल कुदरत के इस नायाब उपहार को निहारने के लिए आने वाले लोगों की भीड़ में कभी कोई कमी नहीं रहती बल्कि यह बढ़ती ही रहती है।
बर्फ पर स्कीइंग का आनंद लेने के लिए दुनिया भर से पर्यटक यहां खींचे चले आते हैं। औली को सर्दियों के मौसम में ही नहीं बल्कि इसकी सुंदरता को निहारने पर्यटकों की भीड़ बारह महीने यहां आती रहती है। बर्फ की सफेद चादर ओढ़े पहाड़ों पर सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त का नजारा, यहां देखने लायक रहता है।
देवप्रयाग
देवप्रयाग समुद्र तल से 830 मीटर की ऊंचाई पर है। ऋषिकेश से देवप्रयाग की दूरी महज 70 किलोमीटर के करीब है। यह खूबसूरत जगह अलकनंदा-भागीरथी नदी के संगम पर बसी है। कहा जाता है कि देवभूमि उत्तराखंड के पंच प्रयागों में से एक देवप्रयाग है। मान्यता है कि जब राजा भागीरथ ने गंगा को पृथ्वी पर उतरने के लिए मनाया तो उनके साथ ही 33 करोड़ देवी- देवता भी गंगा के साथ स्वर्ग से देवप्रयाग में उतरे थे। ये ही वो जगह है जहां भागीरथी और अलकनंदा नदी का संगम होता है । देवप्रयाग में बड़ी तादाद में श्रद्धालु आते हैं। यह बेहद मनोरम स्थल है जहां की खूबसूरती और शांत वातावरण श्रद्धालु और पर्यटकों के दिल में सुकूं देता है।
औली
औली को भारत का मिनी स्विट्जरलैंड कहा जाता है। भारत का यह मिनी स्विट्जरलैंड इतना खूबसूरत है कि विदेशी तक यहां के नजारे देखते नहीं थकते। यह मिनी स्विट्जरलैंड उत्तराखंड के चमोली में स्थित है। यहां कि वादियां और पहाड़ देखकर आपको यह महसूस होगा कि आप सच में स्विट्जरलैंड की सैर कर रहे हैं। हर साल कुदरत के इस नायाब उपहार को निहारने के लिए आने वाले लोगों की भीड़ में कभी कोई कमी नहीं रहती बल्कि यह बढ़ती ही रहती है।
बर्फ पर स्कीइंग का आनंद लेने के लिए दुनिया भर से पर्यटक यहां खींचे चले आते हैं। औली को सर्दियों के मौसम में ही नहीं बल्कि इसकी सुंदरता को निहारने पर्यटकों की भीड़ बारह महीने यहां आती रहती है। बर्फ की सफेद चादर ओढ़े पहाड़ों पर सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त का नजारा, यहां देखने लायक रहता है।
देवप्रयाग
देवप्रयाग समुद्र तल से 830 मीटर की ऊंचाई पर है। ऋषिकेश से देवप्रयाग की दूरी महज 70 किलोमीटर के करीब है। यह खूबसूरत जगह अलकनंदा-भागीरथी नदी के संगम पर बसी है। कहा जाता है कि देवभूमि उत्तराखंड के पंच प्रयागों में से एक देवप्रयाग है। मान्यता है कि जब राजा भागीरथ ने गंगा को पृथ्वी पर उतरने के लिए मनाया तो उनके साथ ही 33 करोड़ देवी- देवता भी गंगा के साथ स्वर्ग से देवप्रयाग में उतरे थे। ये ही वो जगह है जहां भागीरथी और अलकनंदा नदी का संगम होता है । देवप्रयाग में बड़ी तादाद में श्रद्धालु आते हैं। यह बेहद मनोरम स्थल है जहां की खूबसूरती और शांत वातावरण श्रद्धालु और पर्यटकों के दिल में सुकूं देता है।
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