JINAGAM

@jinagam
जिन और आगम ये दो शब्द जिनमें जिन का तात्पर्य है जिनेंद्र और आगम का तात्पर्य है जिनेंद्र द्वारा प्रस्फुटित वाणी। जिसको आगम कहा गया है। हमारा मुख्य उद्येश्य है अन्तर्पन्थवाद से परे तथा पूर्वाग्रहों से रहित विश्वस्तर पर एक प्रभावी व सार्थक जिनशक्ति का निर्माण करना है एवं जिनेंद्र द्वारा दिये गये उपदेशों को संसार तक पहुंचाना है।
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मंगल प्रवचन आचार्य भगवन श्री विद्यासागर जी महामुनिराज
5 years ago
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भव्य जिनेश्वरी दीक्षा
5 years ago
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ये हैं वो दो भाई-बहन जो जा रहे हैं दीक्षा लेने
5 years ago
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गणिनी प्रमुख सौभाग्यमती माता ही के सानिध्य में 35 मंडली णमोकार विधान
5 years ago
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9जी अखिल भारतीय जैन डॉक्टर्स सम्मेलन
5 years ago
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गौ हत्या बंद कराए सरकार आचार्य श्री १०८ भरत सागर जी महाराज
5 years ago
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आर्यिका रत्न श्री १०५ शुभ मती माता जी के सानिध्य में आयोजित दीक्षा समारोह
5 years ago
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अरुण मुनि जी का पीतमपुरा में देवलोकगमन
5 years ago
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प.पू. मुनि श्री 108चिन्मय सागर जी महाराज की आहारचर्या
5 years ago
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प.पू.आचार्य श्री 108 विमल सागर जी महाराज की वंदना
5 years ago
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प.पू. श्वेतपिच्छाचार्य सिद्धान्त चक्रवर्ती आचार्य श्री विद्यानन्द जी महाराज की समाधि शोभायात्रा
5 years ago
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श्रमण मुनि श्री 108 अराध्य सागर जी महाराज के प्रवचन
5 years ago
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श्री विद्यानंद जी महाराज की यम सल्लेखना के बारे में आचार्य श्री १०८ ज्ञानसागर जी महाराज की मंगल भावना
5 years ago