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पूरा वीडियो: मेले, उत्सव, पार्टियाँ - इनमें एक खास चीज़ देखी कि नहीं? || आचार्य प्रशांत (2023)

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00:00एक आदमी था उसकी तीन पतनिया थी और तीन क्यों थी क्योंकि पहली से बहुत प्रेम हो गया उसको जबरदस्त वही नैना फिसल गए तो खट से आके ब्याह लाया बिना कुछ बात करें बिना कुछ जाने जिन्दगी में जब ब्याह लाया तो पता चला तोतली है क्योंकि �
00:30तब पता चला कि ये भी तोतली निकली अब क्या करें तो अब जब तीन ब्याह हो गए तो सब उसके नात रिष्टदार यार बोले कि दावत दे तेरी तो लोग की एक होती है तेरी तो एक जटके में तीन हुई है तो बोला दावत दे दूंगा पैसे की कोई कमी नहीं थी �
01:00कोई नहीं होगा और नहीं बोले तो जितना अभी दिया है इससे दूना बाद में दूंगा तो तीनों बोली बलिया तीनों अपना घूम रही है बंठन के और कोई बात करने आए तो बस कोई मुस्कुरा रही है कोई ये कर रही कोई बोल कुछ नहीं रही है ये लोग कह रह
01:30YouTube donations
01:41मेले और यह विवाहों के उसव और यह रंगरो गन और ठेलम ठेली यह सब तो वह जगहें होती हैं जहाँ जगत का मुह झील जाता है और चेहरा दिख़ जाता है
01:50वहाँ पर भी आपको जूट नहीं दिखा
01:52वो तीनों चुप रह गई होती
01:53और जूट न पता चलता तब तक कोई बात भी थी
01:56पर वो तीनों बोल पड़ी है मेले में
01:58उसके बाद भी आपको जूट नहीं दिखा
01:59कैसे नहीं दिखा

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