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सिजोफ्रेनिया या संपत्ति विवाद, क्या है DGP के कत्ल का मोटिव?

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00:00करनाड़ा के पूर पुलिस महाने देशक यानि के डीजीपी ओम प्रकाश की हत्या का मामला बेहद हैरान करने वाला है क्योंकि कातिल कोई बाहर का शक्स नहीं बलकि उनकी बीवी है
00:11ऐसे में सवाल उठ रहा है कि शादी के करीन 40 साल बाद बललवी ने अपने ही हाथों से अपने पती ओम प्रकाश का कत्ल क्यों किया
00:21पती पत्नी में किस बात पर जगड़ा होता था और बलललवी और उनकी बेटी कृती किस बीमारी का शिकार थी
00:28क्योंकि कतल के बाद कतल का मौटीव यानि के मकसद जानना बेहत जरूरी होता है
00:34जानकारी के मुदाबिक औम प्रकाश की पत्नी पल्लवी पिछले 12 सालों से डिप्रेशन के अलावा एक गभीर मांसिक बिमारी से भी जूज रही थी
00:43सीजोफरेनिया नाम की इस बिमारी में अक्सर मरीज को ये लगने लगता है कि उसे कोई नुकसान पहुचा सकता है
00:51कई बार ये वहम भी सताता है कि सामने वाला शक्स उसे नुकसान पहुचा सकता है उसकी जान ले सकता है
00:57यानि इस बिमारी के शिकार लोग अक्सर वहम में जीते हैं दरे हुए होते हैं
01:02और इसी एंगल से भी इस केस की जाच अब की जा रही है कि कहीं सीजोफरेनिया की वज़ा से ही तो पल्लवी ने अपने पती ओमप्रकाश का मर्ड़ तो नहीं किया
01:11बैंगलूरू में ही इस बिमारी को लेकर पिछले आठ सालों से पल्लवी का इलाज चल रहा था
01:16इलाज कर रहे, डॉक्टर से भी पुलिस पूछ ताच कर रही और पुलिस पल्लवी की मेंटल स्टेटस भी जानना चाहती है
01:23इसलिए उस बारे में जानकारी जुटा रही है
01:25ओमप्रकाश के बेटे कार्तिकेश के मुताबिक मा पल्लवी के साथ उसकी छोटी बहन कुरूती भी डिप्रेशन का शिकार थी
01:32तो क्या ओमप्रकाश के कतल की वज़ा पल्लवी की मानसिक बिमारी थी?
01:36क्या इसी बिमारी की वज़ा से उन्हें अक्सर लगता था कि ओमप्रकाश उन्हें तिस्टल दिखा कर डराते धमकाते हैं या फिर कतल की वज़ा कुछ और है
01:47शुरूवाती तफ्तीश के मुताबिक पुलिस को ये भी पता चला है कि ओमप्रकाश ने अपने कुछ करीबी पुलिस वालों से घरेलू जगडे की बात शेयर की
01:56चानवीम में ये भी बात सामने आई है कि ओमप्रकाश और उनकी पत्नी पललवी के बीच अकसत एक संपत्ती को लेकर भी जगडा होता था
02:05ये प्रॉपर्टी बैंगलोर में ही है जगडा इस बात को लेकर था कि ओमप्रकाश ने ये प्रॉपर्टी अपनी बहन सरीता कुमारी के नाम पर ले रखी थी
02:14उनी सरीता के नाम जिनके घर वो पिछले हफते भर से रह रहे थे और शुकरवार को ही अपनी बेटी कुरूती के जिद करने पर वो वापस अपने खर लोट कर आये थी
02:25एक बार फिर से याद दिला दे के रवीवार वी सप्रैल को शाम साड़े चार बजे के दरमयान पुलिस को पलवी ने कॉल किया था
02:30पुलिस मौके पर पहुची तो देखा कि खर के डाइनिंग हॉल में कून से सनी पूर डीजीवी ओम प्रकाश की लाश पड़ी थी
02:37और पलवी वही लाश के पास बैठी हुई थी जबकि कुरूती फस फ्लोर पर अपने कमरे में मौझूद थी उसने खुद को कमरे में बंद कर रखा था
02:46पुलिस ने काफी कोशिश की कि दर्वाजा खुल जाए लेकिन कुरूती ने दर्वाजा नहीं खोला तब पुलिस को मजबूरन दर्वाजा तोड़ना पड़ा था
02:55आपको बता दूं के 1981 बैच के IPA सबसर ओम प्रकाश बिहार के चंपारण जिले के रहने वाले थे
03:00उन्होंने अपना करियर तब के बेलारी डिस्ट्रिक और आज के हरपन हली में बतार ASP यानि के Additional Superintendent of Police से शुरू किया था
03:11करनाटक के अलग-अलग शहरों और जिलों में बतार SSP भी उन्होंने शांदार काम किया था
03:17ओम-प्रकाश, लोकायुक, फायर डिपार्ट्पेंट और Emergency Services के अलावा CID में भी DIG के तौर पर काम कर चुके थे
03:26वो एक मार्च 2015 को करनाटक के DGP बनाए गये थे इस पत पर वो पूरे दो साल तक रहे और फिर मार्च 2017 में सर्विस से रेटायर हो गये थे
03:36रेटायर्मेंट के बाद वो अपने परिवार के साथ बैनलूरू के HSR ले आउट इलाखे में रहा करते थे

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