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Pope Francis Passes Away: पोप फ्रांसिस (Pope Francis) के निधन की पुष्टि वेटिकन ने सोमवार को बयान जारी कर की। बयान में कहा गया कि वह रोमन कैथोलिक चर्च के पहले लैटिन अमेरिकी थे। कितनी संपत्ति के मालिक थे पोप फ्रांसिस वीडियो में जानें विस्तार से.

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~PR.250~ED.106~HT.410~GR.124~

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Transcript
00:00अपने पीछे कितनी संपत्ती छोड़ गए पोप फ्रांसिस
00:16जाने कितनी थी सेलरी और कहां दान करते थे पैसा
00:25पोप फ्रांसिस की संपत्ती का पूरा लेखा जोखा
00:29सुभह के साथ बचकर पैंतीस मिनट
00:33सोमवार का सूरज अभी पूरी तरह से आसमान में चड़ा नहीं था
00:38और दुनिया के एक कूनी में शान्ती छा गए
00:42वेटिकन सिटी से खबर आई ओफ फ्रांसिस अब दुनिया में नहीं रहे
00:4788 वर्षय रोमन कैथॉलिक चर्च के इस महान नीता ने आखिरी सांस ली
00:52निमोनिया से महीनों की जंग के बाद आखिरकार पोप फ्रांसिस ने आखें मूद ली
00:58ये सिर्फ एक नीता का निधन नहीं ये उस आत्मा का जाना था जिसने चर्च को एक नई सोच एक नया दृष्टी कूण देने की कूशिश की
01:08पोप फ्रांसिस जिनका असली नाम जॉर्ज मारियो बर्गोगलियो था उनका जन्म अर्जेंटीना में हुआ
01:15एक साधारन परिवार से निकल कर वे एक ऐसे मकाम पर पहुंचे जहां उनकी बातों से करोडों लोगों के दिलों को सुकून मिला
01:242013 में जब उन्होंने पोप बेनेडिक्ट सोलवें के स्तीफे के बाद पोप का पद संभाला तब वे पहले लेटिन अमेरिकी पोप बने
01:34ये अपने आपने आपने अधिहासिक शन था पर पोप फ्रांसिस कभी शाही पोप नहीं रहे
01:40उन्होंने हमेशा खुद को आम आदमी की तरह पेश किया एक साधा जीवन जैसुएट परंपराओं के अनुसार चर्च की आलिशानता के बीच वे हमेशा विनमर और सेवा को तरजीह देती रहे
01:53सबसे खास बात ये थी कि उन्होंने चर्च से कभी सैलरी नहीं ली जहां पहले पोप को हर महीने लगभग 32,000 डॉलर यानि की 27 लाक रुपई की तनख़ा मिलती थी
02:06पोप फ्रांसिस ने इसे या तो चर्च को लोटा दिया या किसी जरुरत मंद को दान में दी दिया
02:13पैसी को लेकर उनका ये रवया लोगों को चौंका देता था और प्रेरित भी करता फिर भी वो फ्रांसिस की संपत्ति का अनुमान करीब 16 मिलियन डॉलर यानि की 137 करोड रुपई के आसपास लगाया जा रहा है
02:27इसमें चर्च से उभार मिली पांच कारे अन्य सुविधाएं शामिल थी जो उन्हें उनके पद के कारण मिली ये विरुधा भास भी है और संतुलन भी एक व्यक्ति ने कभी सेलरी नहीं ली फिर भी चर्च की विवस्थाओं के तहत उसे इतनी चीज़ें मिली
02:44पोप फ्रांसिस का करिकाल आसान नहीं था उन्होंने चर्च के भीतर सुधार लानी की कुशिश की और ऐसा करते हुए कई बार विरुध छेला वे परंपराओं से हटकर नहीं सूच लेकर आये जिसे चर्च के रूढ़ी वादी हिस्से में तनाव पैदा हुआ लेकिन यही
03:14थी हम सब एक जैसे हैं और सेवा ही सबसे बड़ी पूजा भी उनकी याद सिर्फ किताबों में नहीं बलकि उन दिलों के बीच जिन्दा रहेगी जिनके लिए उन्होंने हमीशा प्यार विनमरता और सच्चाई का रास्ता दिखाया एक युग का अंत हुआ और उनके विच

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