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महाराष्ट्र में 5वीं कक्षा तक हिंदी को अनिवार्य किए जाने के फैसले के खिलाफ विरोध तेज हो गया है। राज्य सरकार द्वारा हिंदी को प्राथमिक शिक्षा में अनिवार्य करने का आदेश जारी किया गया था, जिससे विभिन्न राजनैतिक दलों और संगठन विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह मराठी भाषा और राज्य के सांस्कृतिक स्वाभिमान को नुकसान पहुंचा सकता है। विरोध करने वाले नेताओं ने इसे भाषा के असम्मान के रूप में देखा है और सरकार से इस फैसले को वापस लेने की मांग की है। इस मुद्दे ने राज्य की राजनीति में एक नया मोड़ ले लिया है।

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00:00माराश्य में हिंदी भाषा को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा।
00:30ये जो डिसीजन लिया है हिंदी का सक्ति से सिखाने का उसका मखुर विरोद करते हैं इसके कई वज़ा है एक तो नाश्टर एजूकेशन पॉलिसी 2020 में तीन भाषा का प्रावधान नहीं था
00:44वही महराश्ट के सियम देवेंद्र फर्णवीस ने हिंदी भाषा को जबरन थोपने के आरोपो को खारच किया है और साफ किया है कि राज्ज में मराथी ही अनिवारिय भाषा होगी
00:54तमिलाडू की सत्ता पर काबिस जीम के ने भी तीन भाषा की नीती को बीजपी की साजिश बताया है
01:24आपको रखे आगे

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