বিবাহবন্ধনে আবদ্ধ হলেন বিজেপি নেতা
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00:00देखुन शबाई आलोचोना होच्छे तकुनी कथबार्ताई उठेश्टे जे दिलीब घोष मानी तो आके बारे काटखोट्टा राजनीती एक्षेखाने दिलीब घोष बिये कोर्चेन अनेकी चुमके गाचेने खबुर्शुने आके बारे माला बदलेर शेही मोहुर्तेर �
00:30अभुद्धो होलें दुजोने पर-पर शेही मोहुर्तेर चोबी हाशी मुखे पात्री होलूत शादा पांजाबी परे होलूत कोटे दिलीब घोष के दाका जाक्छे मोंगल बंधोन शेही विबाव बंधोने आभुद्धो होलें दुजोने शेही मोहुर्तेर चोबी भु
01:00आमादे शांगे रोल छेन आमादे दुई प्रतिनी दिकिन्तु तारागे, एके बारे शुभो बिभाहेर जेही मुहुर्तो, एकेर परायक राख्ची आपनादेर शामने कारोन सबाई चोक रेखेछेन, एवी पियान अंदर परदाई, एई छोबी दाखार जोन्नो, जे दिल
01:30आगे वी बल्चीरां चे बोई दीक मते समस्ता आचाराचान मेने कितु दिलिभभशेर एई पिये, तार खामपन नहाबे, एबुँग शेही आचाराचान किती इतिवद्धी शामपन नहाए गिया छे, बाईर थेके देखे जतरा अनाराम बर मना हच्चे भीतोरे गिन्त�
02:00परिज्वन राछाडा, काउके इतिनी निमंत्रन परें देखते ही बाच्चो है जे बांगलोर एचे, शे बांगलोर बाहरे आजके दिलो, केंद्रियो बाहरी लिरापत्ता एकबर राखार हो एचे, तार आखेने प्रहरा दिख्चे, जाते बाहरे देखे क्यो बिना निमं
02:30मैन, किमबा तार जे बाचन भोंगी, शेई शोमस्तो थेके किन्त एकबराई आलादा रूपे आजगे ताके देख्चे, बांगलार मांगुष, रिंकु मजुंदार तार सहकोर्मी, एबंग महिला मुच्चार जो नेत्ली, तार सुंगे आजके विबाव रोंदने अबत्त
03:00अबिक्वा भी राजनोतिक महले, ए जल्पना आउड़े जे ताहमने की दिरिभखोष राजनीति थेके अबशवर ने भेन, पुड़े पूरी शांक्षारिक चीपने जाबेन, जो दियो तार तर तरत तके के एकखनों, सेबुष्ट कीछो जाना जायनी, तामे दलोर तरत �
03:30मुहुर्त जार अपेखाय शबाई छिलो, शेई मुहुर्तेर चोवी आक्तम प्रकाश्षे चले आशलोद।