'Waqf के जिन्ना बनना चाहते हैं Owaisi', Maulana Sajid Rashidi ने विपक्ष को जमकर सुनाया
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00:00जब आप कोट चले गए तो आप कोट जाने के बाद मुसल्मानों को बढ़काने का काम क्यों कर रहे हैं?
00:06क्या मुसल्मान सिर्फ इसलिए रह गया?
00:07कि वो सड़कों पर उतरें?
00:08और फिर उसके उपर जैसे टेग लगा हुआ है पत्थर बाज का फनाबाज का फनाबाज का बस यही काम रह गया मुसल्मान का
00:14अवेसी कहते हैं के उठो अब उठने का वक्त आ गया है
00:17मुसल्मान के सर पे तलवार लटकी है
00:19मुसल्मान के मस्जिदों के खिलाफ साजी शोरी कहां मुसल्मान के खिलाफ तलवार लटके वाई
00:24असुद्दिन अवैसी जो है आने वाले वक्त के जिना बनना चाहते है
00:27हिंदुस्तान में कही ने कही फिर एक पार्टिशन की बात करना चाहते है
00:31हिंदों– плюсल्मान की बात करके हिंदों– मुसल्मान नहीं होना चाहिए.
00:36देए जहां तक हिंदों को रखने की बात है
00:39वक्ः बोर्ड की एक upper committee ही हुती है
00:43जिसको बोर्ड बोलते है बोर्ड में एक चेर्में होता है
00:47और दिल्ली में जैसे पूरे साथ मेंबर होते हैं उनमें से एक चेर्मेन होता है
00:52वो सब सरकार के आदमी होते हैं
00:55और वो सरकार की मनशा के मताबिक ही काम करते है
00:59मेरा मानना ये है कि अगर उसमें मुसलमान भी हो
01:02क्यूंकि वो रिलीजियस बोडी नहीं है
01:05वो वकबोर्ड की बोड़ी है और वकबोर्ड सरकार का है
01:08रिलिजिस बोड़ी उसके नीचे होती है
01:10जिसे मस्जिद कमेटी होती है दरगा कमेटी होती है
01:13मदरसों की कमेटी होती है
01:14वो रिलिजिस बोड़ी होती है
01:16उसमें किसी हिंदू का होना
01:18ये तो वागी शक्के दाइरे में आता है, सवाल पैदा करता है, लेकिन बोर्ड में किसी हिंदू का होना, मैं समझता हूँ इसमें कोई दिक्कत तो है नहीं, दूसरी बात, क्योंकि उपर जितने भी अफसरान है, रिवेन्यू से कॉंटेक्ट है वकबोर्ड का, रिवेन्यू
01:48कुछ कॉस्चन, कुछ सवाल है, अपोजिशन पार्टियों के या परसना बोर्ड जिम्मित उलमा के, ये एक रास्ता है, सम्मीदानिक रास्ता है, कोट का, गए हैं, कल सुनवाई हुई है, आज देखे, दो बजे उस पर कुछ न कुछ निकल कर आना है, जो भी आएगा, हम
02:18लोगों के खिलाब F.I.R. होगी, मेरा कहना ये है, हलांकि मैं सरकार की हमायत कर रहा हूँ, लेकिन मेरा कहना ये है, कि जब आप पोट चले गए, तो आप पोट जाने के बाद मुसल्मानों को भढ़काने का काम क्यों कर रहे हैं, क्या मुसल्मान सिर्फ इसलिए रह गया, क
02:48रहता है, वो सब के लिए मानने होगा, उसको न सरकार डिनाई कर सकती है, न उसको कोई और डिनाई कर सकता है, यही सबसे बहतर रास्ता है, या उसका एक और रास्ता है, कि आप चुप चाप बैट जाएए कहीं भी, लेकिन उसमें बड़े नहताओं को बैटना पड़ेगा
03:18यह सिर्फ भड़काने वाली बात है, मुसल्मान असुदिन अवेसी जो है, आने वाले वक्त के जिना बनना चाहते हैं, हिंदुस्तान में कहीं न कहीं फिर एक पार्टिशन की बात करना चाहते हैं, हिंदु मुसल्मान की बात करके, हिंदु मुसल्मान नहीं होना चाहिए,
03:48रसींगित किया जाना है ये गलत है।
04:18लेकिन मैं फिर कह रहा हूं दुबारा कि कोट में जाने के बाद, अगर आप कोट में नहीं गए, आप मुसलमानों को कह रहे हैं कि चलो उठो प्रोटिस करो धन्ना परदशन करो तो समझ में आता है।
04:29आप कोट भी चलेगे, आप साथ-साथ मुसल्मानों को भढ़काने का काम भी कर रहे हैं,
04:34तो मुसल्मानों को भढ़का ये नहीं, ये बिलकुर सही बात है,
04:36क्योंकि मुसलिम नोजवान, आज भी देखिए,
04:3960% देश में कहीं न कहीं इनलेटरी से है,
04:41मुसल्मान बच्चे या हिंदू बच्चे, जो भी हैं, वो पढ़े लिखे नहीं हैं,
04:46वो कहीं न के हिंदू धर्म के नाम पर या मुसल्मान धर्म के नाम पर जज़बात में आ जाते हैं,
04:51और इस तरह की बाते हैं, आए दिन हम लोग टीवी पर, सोशल मीडिया पर देखते हैं,
04:55कहीं शोबायातरा के साथ ये हो गया, कहीं फला के साथ ये हो गया,
04:59किसी ने मस्जिद पर जंडा लगा दिया, किसी ने दरगा पर जंडा लगा दिया,
05:02ये सारी चीजे जो हैं नेताओं के और जो religious organizations हैं इनके लटकाने बटकाने और बटकाने से होता है
05:10तो मेरा मानना ये है कि देश में अमन शांती के लिए मैं इदर भी कहता हूँ हाला कि मैं सरकार का समर्तिक हूँ
05:17लेकिन मैं ये कहता हूँ कि कुछ लोग जो इदर बयान बादूर हैं उनको भी थोड़ा सा अपने बयानों पर संयम रखना चाहिए
05:23आपस में मिलने से एक दूसरे के साथ प्यार करने से एकता और अखनता से होगी
05:34अगर एकता और अखनता नहीं होगी नफरत होगी तो फिर इस देश की गती रुक जाएगी जिससे सब को नुखसान होगा
05:53झाल