Mann Marzi Episode 95 [Eng Sub] Haroon Shahid - Fatima Effendi - Humayoun Ashraf - 13th April 2025
Mann Marzi is a story about the consequences of selfish desires and putting personal needs above all else, leading to distress and pain for both oneself and those around them.
Haider, a principled man, has two daughters who couldn’t be more different. His biological daughter, Mansha, is admired for her beauty but often lets her desires lead the way. In contrast, Zara, Haider’s adopted daughter and the child of his late friend, is practical and grounded.
Mansha’s obsession with wealth and appearances leads her to choices that don’t just reshape her own destiny but also leave an indelible mark on Zara’s life, forever changing the futures of both young women.
Will Mansha's decision bring unbearable consequences for Zara? Can Zara escape the fallout of Mansha's choices? Is there any way Zara can convince Mansha to let go of her obsession, or will it all lead to a tragic end?
7th Sky Entertainment Presentation
Producers: Abdullah Kadwani & Asad Qureshi
Director: Zahid Mehmood
Writer: Rabia Razzaque
Cast:
Fatima Effendi as Mansha
Haroon Shahid as Hamza
Humayoun Ashraf as Shuja
Nawal Saeed as Zara
Noor-ul-Hassan as Syed Hassan
Sabahat Adil as Hafsa
Raja Haider as Haider
Nida Mumtaz as Afroz
Bisma Babar as Seerat
Hammad Farooqui as Haadi
Faiza Gillani as Safeena
Rabia Noreen as Sajida
Asim Mehmood as Adil
Shazia Qaiser as Farzana
Shahzad Mallick as Farzana's husband
Salma Qadir as Sadia
Taqi Ahmed as Mohad
Ushba Tabeer as Kashee
#MannMarzi
#HaroonShahid
#FatimaEffendi
#HumayounAshraf
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Mann Marzi is a story about the consequences of selfish desires and putting personal needs above all else, leading to distress and pain for both oneself and those around them.
Haider, a principled man, has two daughters who couldn’t be more different. His biological daughter, Mansha, is admired for her beauty but often lets her desires lead the way. In contrast, Zara, Haider’s adopted daughter and the child of his late friend, is practical and grounded.
Mansha’s obsession with wealth and appearances leads her to choices that don’t just reshape her own destiny but also leave an indelible mark on Zara’s life, forever changing the futures of both young women.
Will Mansha's decision bring unbearable consequences for Zara? Can Zara escape the fallout of Mansha's choices? Is there any way Zara can convince Mansha to let go of her obsession, or will it all lead to a tragic end?
7th Sky Entertainment Presentation
Producers: Abdullah Kadwani & Asad Qureshi
Director: Zahid Mehmood
Writer: Rabia Razzaque
Cast:
Fatima Effendi as Mansha
Haroon Shahid as Hamza
Humayoun Ashraf as Shuja
Nawal Saeed as Zara
Noor-ul-Hassan as Syed Hassan
Sabahat Adil as Hafsa
Raja Haider as Haider
Nida Mumtaz as Afroz
Bisma Babar as Seerat
Hammad Farooqui as Haadi
Faiza Gillani as Safeena
Rabia Noreen as Sajida
Asim Mehmood as Adil
Shazia Qaiser as Farzana
Shahzad Mallick as Farzana's husband
Salma Qadir as Sadia
Taqi Ahmed as Mohad
Ushba Tabeer as Kashee
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TVTranscript
00:00मैं जीरू जरा
00:11मैं जीरू जरा
00:15अमी मैं कोई बेवफाई नहीं कर रहा उसके साथ
00:30यह तो सिर्फ यह बाद काई जा रही है कि उससे मुझसे तलाक मागए कि उसकी हम्मत कैसी होई यह बाद करने की
00:35दिल चार है कि जाकर नब खोली मार दू और अपने आपको भी मार दू और उससे जादा मुझे इस वदास का घुसा है
00:50कि वो घर चोड़के चलीगे उसकी हिम्मत कैसे हुई और तुमने जो उसकी इजदते नफस को इतना मजरू किया है वो क्या
01:09उसे थपड मारा है तुमने
01:11उसका इतबार तोड़ा है तुम्हें पता है जब जब मैं जारा को समझाती थी कि हमसा पे नज़र रखा करो तुम हस्ती थी
01:37किसी थी आप किसी बाते कर रही है अगर मेरा यारा हमजा के दर्मियान इतना भी भरोसा नहीं है तो फिर दो लोगों का एक साथ सारी जिद्गी गुजारने का क्या फायता
01:53पता नहीं हमसा तुम क्यों इतनी अच्छी बीवी को एक दूसरी औरत का दुख देने चाहरे है
02:23मुझे से कुछ नहीं पता आप आप कहें नहीं जा रहे हैं आप यह रोत है कहें नहीं जाएंगे आप
02:53आप अब आप आप आप आप आप आप आप आप आप
03:14है
03:18वह मैं पुपर से पूछते है थी कि पकाना क्या आप आप
03:22जुटे कल लफ करने की जुरूरत नहीं है वो मैं बार से कुछ मंगा लूंगा अमने के लिए
03:27घिम्जा तुमने पुपर से बात की
03:30किस बारे में हमारी शादी की बारे में
03:34मंचा वह जो वक्त था ना कि मुछे जल्दी थी तुमसे शादी करने की
03:40निपल गया
03:42अब तो यह ताने देना बंद करो तुम
03:46अब मैं वापस आ गई हूं न तुम्हारे पास
03:52और कसम लेलो जादा दूर नहीं गई थी
03:58कम असकम मुझे में इतनी गट्स है कि अपनी गलतियां एक्सेप्ट करके उनका अजाला कर सकूं
04:08तुम्हाई तरह बुजदल और डबल माइंड़े नहीं हूं मैं
04:17यह किसका है
04:37यह जारक है
04:47क्योंकि अभी यह घर भी उसी का है
04:49हमें तो अपने बीवी की जूरी के पहचान भी नहीं है और बड़े दावे करते हो तुम्हांबत के
04:53खुद से जूट बोलना बंद कर दो और जारा को भी अजाद कर दो
04:57कर दो तुमसे लाग दर्जे बैतर है वो कमसकम उसे जो करना था जो चाहिए था वो कर गई
05:01कर गई शायद वो बहाना ढून रहे थी और तुमने उसे बहाना दे दिया इसलिए अब जब वो
05:07नहीं आना चाहती तो माई लाइफ में वापस तो उसकी मिनते तरले करना छोड़ दो जाने दो उसे
05:31इस रिष्टे का आजाएज इस्तमाल करके अपने आपको इतना ना किराओ कि मुझे अपने आरत होने पे भी शनलंदगी होने लग लग लग लग लग
05:49लग ये ने हमजा को नहीं भड़काया फूको ये उसका अपना फैसला है वो मुझे से महबबत करता है वो दिल से ही फैसला कर रह है अच्छा और उसे इस पैसले पर किसने लगाया तुम ने
06:01ना अपना घराबाद किया
06:08ना की और की अगोरे आबाद देखना चाहती हूँ
06:13कितना बेमुराद दिल है तुम्हारा मच्चा
06:16ना खुद खुछ रहता है ना कİसी और को खुछ रहने देता
06:21क्यों?
06:25उस गर में गई
06:26तो तुमने सीरत के घर नहीं उसके जिन्दगी तबाह कर दी
06:31यहां आईयो तो मेरे बच्छों के जिन्दगी में आग लगा दिया
06:36फुदा के लिए हमें माफ कर दो चली जाओ यहां
06:56यहां अउन्ध के लिए प्रेडी जाओ अजनारी के बस्ट भी हुए हुए हमे हैं
07:18बसे भी सुनकर आ रहा हूं कि खामोशी मायूस गी आलामत होगी
07:22कि इन्सान को इतना भी खामोश नहीं रहना चाहिए कि दूसरा उसे आपकी कम्जोरी से
07:35हादी बिस पेरा दिल चाह रहा था कि खामोश पैठो
07:40अगर उस पे मुझे कोई बुजदिल का वोड देना चाहता है तो देता रहा
07:51मुझे लगता है कभी-कभी बुजदिल होने में अच्छा ही है
08:01बिला बज़े के कामों से बच जाते हुआ
08:11कुछ बुरा हुआ
08:21जाहर है आप मुझे कहां बताएंगी लेकिन इतना अंदाजा है मुझे
08:28यह जो कुछ भी हुआ है आप तीनों के दर्मयान हो ना तीनों नहीं दोनों
08:37तीनों की बात तब होती जब दोनों में से कोई एक डेस्ट लॉयल पर इंश्किल बात है क्यों बढ़ती है
08:55वैसे भी आपके और हमजा के दर्मयान मंच्छा की कोई जगह नहीं है
09:05कोई जगह नहीं है
09:09जिसका रास्ता बनाने के लिए आप यहां आतों
09:12तो वह काम करते हो ना यहांसे चली जाते हैं
09:15सारी बहस ही खतम हो जाएगा
09:17प्लीज बच्चों की तरह रिया करना बंग करता
09:19मैं आप पर कोई तंस नहीं करना और आप यह भी जानती है
09:23कि मैं आपको किसी मुश्किल में नहीं दो सब्सक्राइब
09:25किसी मुश्किल में नहीं हो आप
09:27मैंने जो कुछ भी किया हम्जा के लिए और अपने लिए किया
09:41इस सिचुएशन को समझने के लिए इससे निकलने के लिए
09:45हम दोलों को कुछ वक्त चाहिए वह ही वक्त ले रहे हैं
09:47ठीके लीजिए वक्त लेकिन बादा करें मुझे
09:51अगर ऐसी कोई भी बात वी जिसकी वज़े से आप मुश्किल में होंगी आप सबसे पहले मुझे बताएं
09:57बादा
10:00चाहिए वो बात हम्जा के मुटालिक क्यों ना हो तब भी
10:03तब भी
10:09क्योंकि हम्जा के बात अगर मैं किसी इंसान पर भरोसा करती है
10:14वो है हादि
10:21अब वो छोड़े आप मुझे बताएं के अगर मुझे अभीरा अच्छी लगी तो
10:28कोशिश करूंगा के
10:35मुझे भी अच्छी लगी तो
10:37कोशिश नहीं करनी वादा करें
10:41सारा बख लगेगा
10:45लेकिन आपके और मेरे रिष्टे को लेकर कुल भी सवाल उठे उसके लिए मैंने खुद को और वक को
10:57सम्झाना शुरू पर दी
10:59अच्छी नहीं
11:01को
11:19पुट बनाया
11:21यह
11:23कि सारी सफाई कर लेना रूम की और यहां की भी टेस्टिंग कर लेना जो जो मैंने जैसे ही का है मेरे हिसाब से कर लेना
11:46टाहिए के आझा है
11:58कि अ
12:07कि भाष्यन कराकिक मैं नुम का जादी
12:14तुम कहां जा रही?
12:19अपने खायर है
12:20क्या, यह तुमारा घर नहीं है?
12:25मेरे इस घर की जरूरत मुझसे जाधा तुम्हे है
12:27और इतनी हैसियत है मेरी
12:32कैसी चोटी मोटी चीज़े मैं सद्का कर देती हूं अपने सुकों के
12:36बहुत खुरूर नहीं आ गया तुम्हें अपनी नहीं नहीं हैसियत पर
12:40खुरूर नहीं आत्माहत है
12:44घर तु काफी खुबसूरत है
12:54पता नहीं हमजा का टेस्ट इतना इंप्रूब हो गया है या जारा का
13:01लेकिन फरनीचर तो सारा फ्रान्ड लिए
13:05खेर थोड़ी सी शॉपिंग में अपनी पसंद से भी करूँगी
13:11बलके हमजा को दुबाई ले जाओं और फिर ये घर
13:17शुजा के घर की तरह बिल्कुल फ्लासी और शांदार हो जाएगा
13:21हाई मेरा घर
13:26जारा माड़म मैं तुम्हें एक दिन प्रूव कर दूँ
13:31कि किस्मत होती नहीं बनाई जाती है
13:36बस अब एक आखरी काम करना है मजें
13:40इसाज को प्रूप
13:42जाराम करें टुम्हें
13:45कि कि झाखरी को प्रूव जाज दुम्हें
13:50ठालному Church
13:53में क्या मर्द वाके अपनी पहली मुहबत को बुला नहीं सकता
14:23मुहबत पहली आखी नहीं होती इस सब लख्सों का हेर पेर
14:30असल रिष्टा तो वो होता है जो इनसान सब के सामने अपनाता है कुबूल करता है
14:43जिसके साथ दुख्सुख पांटा जाता है
14:54जिसे लिबास के तरह ओड़ा जाता है
15:02मर्द हो या औरद
15:10उसे जब किसी में सची मुहबत मिलती है तो उसे दिल से अपना लेता है
15:18और जिसे दिल से अपना लेता है
15:27उसके सामने सारी दुनिया पीछे रह जाती है
15:32और ये कैसे पता चलेगा कि
15:39किसी ने रिष्टे को दिन से अपना लिया है
15:43जब कोई किसी के बगार ज़्यादा देर न रह पाए
15:46और उसे मिले फॉरण चलाए
15:53अरे हमसा आओ अभी हम तुम्हारा ही जिकर कर रहे था
16:16तुम लोग बैठो में चाह लेकिया थी
16:19तुम्हार आओ अगारा है
16:28ने कंप्ला कु अरार में धकला है
16:43सारा मेरी बात सुनु
16:47हमसा हाथ छोड़े मेरा, दर्द हो रहा है मुझे
16:53जी, देखे आया था में
16:58कुई जबरत नहीं है इसकी
17:04जो पहने थे वो भी उतार थे
17:07तो ख्लेव हो रहे थे मेरे कान में
17:10दिखो
17:13सारा मेरी शर्मिन्दा हूम
17:22इचसानियत से गरीवी हरकत किया।
17:26मैंने इतने गुष्से के लिए ज़ालत के लिए दो आप
17:30लेकिन इसकी कशूरवाना तुम खुद भी हो
17:34तुमने सोच कैसे लिए कि मैं तुम्हे तलाग देवागा।
17:38क्या करेंगे आ
17:40दूसरी बीवी बनाके मन्शा के साथ रखेंगे
17:46दूसरी नहीं पहली
17:48आप पहली का मुगाम कोई नहीं ले सकता हूँ
17:56यह अच्छा मजाग है
18:02और मजाग मजाग में आपने पहली दूसरी का वैसला भी कर लिया
18:06पहले इस बाट से इतना मसला था
18:12तो इतनी अजीम और मुनफरिद लड़की बनने की क्या जरूए थी
18:15कि तुम्हे तलाग दे दूँ और उससे शादी करो
18:19और इतना ही जहलदा तुम्हे शादा था इस बात से
18:21तो उछचा सा कि मेरे सर पे मार दे ती लेकिन तलाग
18:24वे अन्दाज़ा भी है कि तुमने क्या का है
18:27सिर्ष्टे तूट जाते है
18:30दड़ा राती है रिष्टों के अंदर
18:33तिरा बन जाती है रिष्टों
18:35आपको क्या लगता है
18:40कि आपके शादी करने से
18:44रिष्टे पहले जैसे रहेंगे
18:54इसा नहीं होता हमसा
18:56इसा नहीं बतों से क्या फरक पड़ता है
18:58तुमने जो मेरी जिंदगी में अपनी जगा बनाई है
19:02वो को ही नहीं ले सकता
19:03और अब मुझे ये तुम्हें सब कुछ बताने की जरूरत नहीं
19:07तुम्हें इस बात का खुद एहसास होना चाहिए
19:09और
19:10देखो जो कुछ भी मैं उसके लिए कर रह Ay
19:13वो इस वठक्त एए मजबूर ओरत है
19:17उसको सहारा देना शायद मेरा फर्स बनता,
19:20सिर्फ सहारा देने के लिए घर है
19:29क्या पुरानी महबत की आद में कर
19:31तो सहारा देने के लिए अगर कर रहा हूं तो तब तक ठीक है
19:36लेकिन अगर मुहबत की आद में कर रहा हूं तो तुम मुझसे तलाख लेना चाहती उस बात
19:40तुम बहुत ही अजीब बाते करते हैं
19:45और मुझे तो तुम्हारी समझ नहीं आती
19:48ना मुझे तुम्हें समझाना आता है और ना समझना
19:51चले
19:53इसे हम असान कर देते हैं
20:02अगर आपको लगता है कि आपके सहारा देने से
20:05उस पिचारी मजलूम की जिन्दगी असान हो जाएगी तो
20:10आपको जो करना है आपका
20:12आप उससे शादी कर सकते हैं
20:17लेकिन शादी करने के बाद
20:21आप उसे हमारे घर नहीं लाएगे
20:47चाहे मजबूरी से या दिल से
21:02ये खेल तो तुम्हें खेलना ही होगा
21:04खबीर को हासिल करने के सिवा तुम्हारे पास कोई और रास्ता नहीं है
21:09तुम्हे कुछ चाहिए क्या आप क्या मतलब है इस बात का बेरा मतलब कुछ खौलत तो नहीं है
21:13पहले उसे इतना बड़ा ठेका दे दिया अब मदद करने पहुँचके ये वो क्या रहा है
21:18उसे मदद के नाम पर अपनी असलियत दिखा ले इसे तो ना कोई डर है ना कोई खौफ
21:23अरे डर है मेरे दुश्मान तो अब वो तुम से दुबारा मिलने की हिम्मत तो नहीं करेगा
21:29आप इन मासे की तलकियों को भला क्यून ही रहते है आपहां इन तलकियों की वज़ा सही जिनना हूँ
21:33ना मैं कभी पूलोंगी और ना किसी यवार को भोल रह दुगी
21:37तेरी महबत को कोई सिकंदर कोई अस्माट कोई दुश्मनी
21:40रोक नहीं सकती है
21:43देकि मैं रोक सकती है
21:45तुम मेरे तरफ एक कटम बड़ा हो
21:46ये साउ कटम बड़ा हो
21:47मुझे तुमारी तरफ कोई महपत का कटम एक बढ़ाना
21:50महपत नहीं किरती मचसे
21:53कभी
21:54खीक है मैं समझ गया
21:58मैं लब
22:04फैक्ट में हजारा से खुद भी मिला चाहता
22:06था
22:07तो अच्छी बात है हमजा को खुद ही रिलाइज होका है
22:16इस वक सबसे जरूरी उन दोनों का आपस में बात करना है
22:24अच्छा हादी एक काम करो मैं अधुमें एक लोकेशन सेंड कर रहा हूं
22:35मुझे वहां मिलो
22:37ठीक है
22:39ठीक है ठीक है तुम पहुचा में हादी
22:42आप सी यह
22:44ओके
22:45अच्छा
22:46अच्छा
22:50अच्छा
22:51अच्छा
22:52अच्छा
22:53अच्छा
22:54अच्छा
22:55अच्छा
22:56अच्छा
22:57अच्छा
22:58अच्छा
22:59अच्छा
23:00अच्छा
23:01अच्छा
23:02अच्छा
23:03अच्छा
23:04अच्छा
23:05अच्छा
23:06अच्छा
23:07अच्छा
23:08अच्छा
23:09अच्छा
23:10मुझसे जादा तो हमदर्दी जारा नहीं किया उसके साथ
23:28मैं तो बहुत कोशिश की कि मैं उसे दूर रहा हूँ
23:31लेकिन ये तो मुझे जारा नहीं मजबूर किया
23:37कि मैं उसे हमदर्दी करूँ उसका ख्याल रखता
23:39और देखो बात ये है कि जारा मेरी बीवी है न तो उसे इस बात का एसास होना चाहिए
23:47आग में पड़ी चिंगारी को कुरे देंगे तो कहीं न कहीं आग को भड़केगी न
23:53अब वो मेरे किर्दार का और अपने जब्द का इंतिहान ले रही और कुछ भी नहीं
24:09ये सब तो ठीक है जारा लेकिन अमी को ये बात कौन समझाएगा कि ये सब कुछ मैं उसकी हमदर्दी में कर रहा हूँ
24:19और मामु जान का कर्द उतारने के लिए कर रहा हूँ और अगर उसका ख्याल नहीं करूँगा मैं तो तुम कहोगी कि मुझसे ज़्यादा सेलफिश इनसान कोई नहीं
24:26मैं समझा दूंगे अनू
24:29हाँ ठीक है उन्हें भी तुम मना लोगी लेकिन भादी का क्यों वो भी तो तुम्हारा खैर क्वाय है तुम्हारा हमदर्द है आके मुझसे सवालाइत करेगा मुझसे पूछेगा
24:38अगर वो सच्छे दिल से मेरा खैर को है कभी भी आपको नेकी करने से नहीं रूखे
24:45कितना इतवार है ना तुम्हास के चाहिछी ही बचाए कि हैस से इतना जलिस है
25:05कि किसी बाते हैं हादी हमारे दर्मियान कभी नहीं आया है पता नहीं क्यों आम बात बात पर हादी को बीच में ले आते हैं
25:16अब जब उसका जिकर करते है ना तो मुझे सच में तकलीफ होती है
25:20अगर ऐसा कुछ भी होता है मुझे किसी बात कर शाक होता तो मैं यहां आके तुम्हें मना ना यहां देखो जो कुछ भी है जिसको जो मर्जी कहना है लेकिन मैं मैं हादी को जानका हूं
25:31अपनी मुहबबत को कभी पश्तावा नहीं बनाएगा
25:35छोड़ो ना इन बातों को घर चलो एक दो दन लगेंगे मुझे कुछ जरूरी काम है जो निमटाने है ठीक है
25:53मेरे भी कुछ अधूरे काम है अब तक अगर वह मैं बूरे करना तो उसके लिए तो तुम्हारी इजाधत है
26:04ठीक है जब सब हो जाए तो मुझे बता दीजेगा कोशिश करूगे कि ये बात मेरे सहिन में ना है
26:34बातानी मैं क्यों उसके जजबात के साथ खेलने हैं चाहिर मैं भी अंदर से मन्चा जैसे हैं
26:36बातानी मैं क्यों उसके जजबात के साथ खेलने हैं चाहिर मैं भी अंदर से मन्चा जैसे हैं
27:00खुद खर्स पसंद मुझे इस बात का यकीन चाहिए ये उसे मुझे कितनी महब्बत है
27:30मैं उसे आजमाइश में इडाल कर भी कितना खुश हो और उसकी आखों में अपनी महब्बत के आँसों देख कर इतना सकून मिल रहा हैं चाहिर
27:44मुझे ताम प्रूबत करें शाल
27:49मुझे फेंट से नहाँ वेवार हैं
27:57बडर्स इस में अपना कुछ कर दो मार्ट
28:04खरूबत कर रहा है
28:08लुझे में प्रूबत
28:12कर दो
28:42अब किसी से कोई बात नहीं कहेंगी
29:02अम्मी से और नाना जान से भी जो बात करनी है वो मैं खुद करूँगी
29:07और हमसा को भी कुछ नहीं कहेंगी आप
29:10लेकिन जारब तुम्ही मैंने खुद इजाज़त दी है
29:13अब इस बात को छोड़े
29:17आपको मुझसे कोई और बात करनी हो तो करिएगा
29:20और समझे जैसे ये कभी हुआ ही नहीं था
29:28और समझे से खुर है समझे ये करुछ।
29:32चुकर इस बातो
30:02सारी सर अपके कार्ड के लिमिट ख़तम हो चुकी है
30:09आपने डबल चेक किया यह सर
30:14मुझे जरा एक सब्सक्राइब दो और आल सॉट इट
30:18बोलो हमगा हाँ अदिल
30:32कैसे हो यार वो कुछ अमाउंट चाहिए थी मझे अगर तुम आभी कर तो मैं कोशिश करूँगा महीने तक वापस कर तुम्हारा दिमाग ठीक है
30:45एक तु अपने गलत डिशीजिंस के वजए से तुम अपनी जेव खाली कर चुक्यों
30:49और अब मुझसे एक्सपेक्ट कर रहे हो कि मैं तुम्हें लोन दूँ और भी तुम्हारी यार्शियों के लिए
30:59टेक सिरेशली ब्रो
31:01मेरे पास इंकामों के लिए एक रुपया भी नहीं हो
31:07मेरे पास इंकामों के लिए एक रुपया भी नहीं हो
31:23आंदा मुझे पैसों के लिए पॉन मत करना प्लीज
31:31अहां घर पहुंचो मैं भी पहुंच रहा हूं मुझे जरूरी बात करनी है तुमसर
31:36हाँ हाँ शोर शोर ठीक है
31:52यह बनेगा इस लड़केगा
31:55मुंचा अभी कुछ और चीज़ें देख लेते हैं फिर वापस आते हैं यहां
32:00अहां
32:05थैंक यूब हम आते हैंभी तुमठी है
32:09आजो आजो आजो आजो आजो आजो आजो
32:12आजो आजो आजो
32:13थैंक यू सोलज सड़ा आलाफिर
32:19हम्जा, हम्जा सुनो तो, कितना इंबरेसिंग था, बताओ ना, अब यह जूल्री कब लेंगे हैं, तुम्हें पता है, हमारे पास जादा टाइम नहीं है, इंशा, वह, वह, तैं, मुन्हे काम पर पैसे नहीं है, लेकिन मैं आदिल से बात किया, वह, कुछ हो जाएगा, अभ
32:49के क्या फाइदा, कैसे दावदा,
33:06मतारे, मुझे भी सकैत खाने से मौपत होने लग गई है, किद्धी अजीब है ना मेरी मौपत, हमेशा घलत लोगों से घलत वक्ता वाले जगा होते हैं,
33:33रखिये, ऐसास हो जाएगा है, हम गलत थे तो फिर समझने जिन सजा के ज़दा बनने कामित शुरू हो जाता है,
33:49मैं अपनी सजा को किसी की महर्मानी से खतब नहीं करूंगा तादर जान।
34:07मैं अपनी सजा को किसी की महर्मानी से खतब नहीं करूंगा तादर जान।
34:15कह दीजेगा चची अम्मी से और हादी से के मुझे अपनी जिन्दगी का ये अडविंचर करने दें।
34:29मैं भी देखना चाहता हूँ कि अपनी सजा खत्म करने के बाद ये शुजा फिर से दुनिया को फेस करेगा तो कैसा शुजा होगा।
34:46अरे अब तो जित का दामन छोड़ ने अब इसे भी पूरी करने ये चाहे ऐसे करें चाहे बैसे।
34:56मेरे लिए परेशान ना हुआ करें दावजा।
35:04परना किसी और को परेशान करें।
35:06ये बता है कि घर में सब कैसे है।
35:16शुकर ना हम जिल आप वैसे तुम सब चीक है लेकिन वह शुश हो रहा है जिस से जारा और हमजा के दर्मियान कुछ अनबन है।
35:27आप इसे कोई जिकर तो नहीं किया लेकिन वह लगता है कुछ चीद नहीं है।
35:41बंचा की बचासे।
35:49मैं जानता साथ दादाचान के एक दिन ये जरूर होगा।
35:53बंचा जैसी औरत कर से प्रेकी इलाज है कि उसका मूँ पैसन से बंड करते है।
36:03दादाजान आप बंचासे कहें कि उसे जो चाहिए वो ले लेते हैं कि जारा के साथ जाबती ना करते।
36:19जाबती ना करते। उसे अर्रडी बहुत सफर किया है आप मेरी तरफ से कह दीचे का।
36:23दादाजान महबत करने वालों को आजमाते नहीं हैं।
36:41कि जो बंदा है ना बंदा चरका पुतला है।
36:51शेतान की शरंगेजी में बहुत जल्दी आ जाता है।
36:59इसी लिए बिना अजमाईश के रिष्टों से प्यार किया जाएं तो ही अच्छा है।
37:05जीते रही हैं।
37:19अब की मुश्किले आसान करे।
37:21ने सुकून में हूं दादेजान।
37:25आवे काम करें प्लीज मेरी हादी से बात करना।
37:33मेरी जारा और हंजा के लिए कुछ करना चाता हूं।
37:41शायद मेरी एक कोशिश सीरत को पसंद आ जाए।
37:53क्योंकि वो तो रिष्टा जोडने पर यकिंग रखती थी।
37:58तो उसकी कहीं भी बात कभी खलिप नहीं हो सकते।
38:06अपना ख्याल रखिएगा कोफिश आए।
38:20जो जारा के लिए।
38:32जीए।
38:36मैं जीर उजारा