प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में भाषा विवाद पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भारतीय भाषाओं का सम्मान करना हर नागरिक का कर्तव्य है और यह देश की विविधता में एकता को मजबूती प्रदान करता है। मोदी ने यह भी कहा कि भाषा न केवल संवाद का माध्यम है, बल्कि यह हमारी संस्कृति, परंपराओं और इतिहास का भी अहम हिस्सा है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि किसी भी भाषा को लेकर विवाद की बजाय हमें सभी भाषाओं को समान सम्मान देना चाहिए और भारत की विविध भाषाई धरोहर को सहेजकर रखना चाहिए। प्रधानमंत्री का यह बयान एकजुटता और राष्ट्रीयता की भावना को बढ़ावा देने के उद्देश्य से था।
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NewsTranscript
00:00आज राम नौमी के मौके पर PM मोधी तमिल नाडू के रामिश्रम पहुचे
00:03यहां PM मोधी ने पमबन ब्रिज़ का उधधाटन किया
00:06और इस दोरान PM मोधी ने भाषा विवात को लेकर बड़ा बयान दिया है
00:10PM मोधी ने कहा कि कुछ लोगों को हर बात पर रोने की आदत होती है
00:15वहें PM मोधी ने कहा कि तमिल नाडू के कई नेताओं के चिःठियां मेरे पास आती है
00:19आश्चर की बात है कुई नेता तमिल में सिंघ्टियर नहीं करता
00:23तो प्रदानमंतिरी नरेंदर मोदी ने भाषा विवात को लेकर यहाँ निशाना साधा है
00:27और PM मोदी ने क्या कुछ कहा आपको सुना देते हैं
00:30मैं तो कभी कभी एहरान हो जाता हूं
00:34तमिल नारू के कुछ नेताओं की चीठियां जब मेरे पास आती हैं
00:44कभी भी कोई नेता तमिल भाषी में सिगनेचर नहीं करता है
00:52अरे तमिल का गवरव हो मैं सबसे कहूंगा कम से कम तमिल भाषा में अपनी सिगनेचर तो करो
01:04तो PM मोदी ने भाषा विवात को लेकर कहा कि कम से कम अपनी भाषा में सिगनेचर तो करें
01:13आपको रखे आगे