वीडियो जानकारी: 25.03.2020, खुला संवाद, ग्रेटर नॉएडा, उत्तर प्रदेश
विवरण:
इस वीडियो में आचार्य जी आदतों और जीवन के उद्देश्य के बारे में चर्चा कर रहे हैं। वे बताते हैं कि जब हम बौद्धिक रूप से सच्चाई को जानते हैं, लेकिन अपनी आदतों को नहीं बदल पाते, तो इसका कारण यह है कि हमारे जीवन में एक खालीपन होता है। यह खालीपन आदतों से भरा होता है, और जब हम आदतों पर ध्यान केंद्रित करते हैं, तो हम केवल एक आदत को छोड़कर दूसरी आदत की ओर बढ़ जाते हैं।
आचार्य जी का कहना है कि आदतें तब तक नहीं टूटतीं जब तक जीवन में कोई केंद्रीय उद्देश्य या प्रेम नहीं होता। यदि हम अपने जीवन में सार्थकता लाते हैं, तो हमारी आदतें अपने आप बदल जाएंगी। वे यह भी बताते हैं कि आदतों को छोड़ने का सही तरीका यह है कि हम अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करें, न कि केवल आदतों पर।
आचार्य जी ने उदाहरण दिया कि यदि किसी व्यक्ति को सुबह समय पर उठने की आदत डालनी है, तो उसे ऐसा उद्देश्य होना चाहिए जो उसे बिस्तर से उठने के लिए मजबूर करे। वे यह भी कहते हैं कि अच्छी आदतें और बुरी आदतें दोनों ही जीवन में असली चीज़ों की कमी को दर्शाती हैं। असली जीवन का अनुभव करने के लिए हमें अपने लक्ष्यों की ओर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और आदतों को स्वचालित रूप से बदलने देना चाहिए।
अंत में, आचार्य जी यह बताते हैं कि जीवन का असली अर्थ केवल अच्छी आदतें अपनाने में नहीं है, बल्कि एक बड़े उद्देश्य के लिए जीने में है। जब हम अपने जीवन को किसी महान उद्देश्य के लिए समर्पित करते हैं, तो हमारी आदतें अपने आप बदल जाती हैं।
प्रसंग:
~ आदतें छूटती क्यों नहीं?
~ आदतें कैसे छोड़ें?
~ गंदी आदतों से कैसे बचें?
~ विवेक कैसे जागृत करें?
~ क्यों हम पर छोटे मुद्दों हावी हो जाते हैं?
~ छोटे मुद्दों में उलझने की आदत को कैसे छोड़ें?
~ छोटी बातों की उपेक्षा कैसे करें?
संगीत: मिलिंद दाते
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विवरण:
इस वीडियो में आचार्य जी आदतों और जीवन के उद्देश्य के बारे में चर्चा कर रहे हैं। वे बताते हैं कि जब हम बौद्धिक रूप से सच्चाई को जानते हैं, लेकिन अपनी आदतों को नहीं बदल पाते, तो इसका कारण यह है कि हमारे जीवन में एक खालीपन होता है। यह खालीपन आदतों से भरा होता है, और जब हम आदतों पर ध्यान केंद्रित करते हैं, तो हम केवल एक आदत को छोड़कर दूसरी आदत की ओर बढ़ जाते हैं।
आचार्य जी का कहना है कि आदतें तब तक नहीं टूटतीं जब तक जीवन में कोई केंद्रीय उद्देश्य या प्रेम नहीं होता। यदि हम अपने जीवन में सार्थकता लाते हैं, तो हमारी आदतें अपने आप बदल जाएंगी। वे यह भी बताते हैं कि आदतों को छोड़ने का सही तरीका यह है कि हम अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करें, न कि केवल आदतों पर।
आचार्य जी ने उदाहरण दिया कि यदि किसी व्यक्ति को सुबह समय पर उठने की आदत डालनी है, तो उसे ऐसा उद्देश्य होना चाहिए जो उसे बिस्तर से उठने के लिए मजबूर करे। वे यह भी कहते हैं कि अच्छी आदतें और बुरी आदतें दोनों ही जीवन में असली चीज़ों की कमी को दर्शाती हैं। असली जीवन का अनुभव करने के लिए हमें अपने लक्ष्यों की ओर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और आदतों को स्वचालित रूप से बदलने देना चाहिए।
अंत में, आचार्य जी यह बताते हैं कि जीवन का असली अर्थ केवल अच्छी आदतें अपनाने में नहीं है, बल्कि एक बड़े उद्देश्य के लिए जीने में है। जब हम अपने जीवन को किसी महान उद्देश्य के लिए समर्पित करते हैं, तो हमारी आदतें अपने आप बदल जाती हैं।
प्रसंग:
~ आदतें छूटती क्यों नहीं?
~ आदतें कैसे छोड़ें?
~ गंदी आदतों से कैसे बचें?
~ विवेक कैसे जागृत करें?
~ क्यों हम पर छोटे मुद्दों हावी हो जाते हैं?
~ छोटे मुद्दों में उलझने की आदत को कैसे छोड़ें?
~ छोटी बातों की उपेक्षा कैसे करें?
संगीत: मिलिंद दाते
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