रंगों का त्योहार होली 2 दिन बाद मनाई जाने वाली है. कुछ शहरों में तो अभी से होली मनाने की शुरुआत हो गई है...लेकिन इस बार होली के त्योहार के साथ-साथ रमज़ान का महीना भी चल रहा है...और रमज़ान के ज़ुमे के दिन ही होली का त्योहार है. होली और रमज़ान के इस दुर्लभ संयोग को लेकर जगह-जगह तकरार मची हुई है...यूपी के संभल से शुरू ये सिलसिला बिहार और दिल्ली तक पहुंच गया है...कोई कह रहा है कि होली के मौक़े पर घर में ही नमाज़ पढ़ें तो कोई कह रहा है कि नमाज़ का समय नहीं बदल सकते, इसलिए होली को बीच में रोक देना चाहिए. होली को बीच में ही रोकने की मांग बिहार के दरभंगा की मेयर अंजुम आरा की तरफ़ से आई है...इसको लेकर बीजेपी आग-बबूला है, ख़ुद मेयर की पार्टी जेडीयू के नेता भी इससे सहमत नहीं हैं...यही वजह है कि बाद में मेयर अंजुम आरा ने अपने बयान पर खेद जताते हुए इसे वापस ले लिया. उधर दिल्ली के शकूरबस्ती से बीजेपी विधायक करनैल सिंह ने भी इस विवाद को हवा दी...उन्होंने कहा कि होली साल में एक बार आती है, इसलिए मुस्लिम समुदाय के लोग घर पर ही नमाज़ पढ़ें...इससे पहले यूपी के कई नेता भी इस तरह के बयान दे चुके हैं. इन सबके बीच यूपी के संभल में आज से मस्जिदों को ढकने का काम शुरू हो गया है. होली के जुलूस को देखते हुए ये फ़ैसला लिया गया है...यूपी के शाहजहांपुर में भी मस्जिदों को ढका गया है...लेकिन सवाल ये है कि प्यार और मेल-जोल के त्योहार पर इस तरह की बोली क्यों? क्या एक साथ होली और ज़ुमे की नमाज़ संभव नहीं है? क्यों होली और ज़ुमे की नमाज़ की वजह से तनाव बढ़ता है? क्या विवादित बयानों की वजह से दोनों समुदायों के बीच ये दूरी आई है? कौन इसके लिए ज़िम्मेदार है...क्या राजनीतिक लड़ाई त्योहारों तक पहुंच गई है?
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00:00लेकिन शक्ति यादब जी आपसे ये सवाल है आप लोगों को भी तो बहुत सूट करता है ना
00:03बाँकी दो लोग भी हैं हमारे साथ विक्रम सिंग्जी भी है शक्ति यादब जी है प्लीज वो लोगों की टिपड़ी भी हो जाए
00:08मैं आरही हूँ
00:09बनने वाले मुझे क्या बनते हैं शक्ति यादब जी आप लोग मैं जबाद कर चुका है प्लीज ठीक यादब जी अगर सभी अपील कर रहे हैं और ये सभी बात है कि होली साल में एक बार पढ़ती है तो क्यों कॉंप्रमाइज करेगा हिंदू समुदाए तो आप लोगो
00:39को प्लीज यादब जी सूट कर रहा है आप लोगो को भी पित्रा जी ये जरुवत आन क्यों पढ़ी है क्या किसी ने सवाल ख़ड़ा किया कि रंग पढ़े जाएंगे ये सवाल तो क्रियेट किया गया सवाल है इनका इंटेंशन है क्योंकि बिहार में चुनाव है थोड़
01:09हमको होली के उत्सव से कोई परहेज है तो नहां कि इन बयानों को परोशने के अपसक्त्या कियों पढ़ान पढ़ी
01:15भाजपा के बिधायाक ने जो बिहार में कहा जंतादल यूख के जो मेयर ने कहा ए आपसी ये लोग क्योंकि बहुत इन दिनों हासीय पर हैं
01:24गोलवन्दी जो एक तेजी से पिछडों की दलतों की अल्व संखयाकों की परग़ति सिल्वर्गों की जब गोलवन्दी हुई हैं तो इनकी थोड़ी पेट में दर्द होना तुरू हुआ हैं यह तलास रहा हैं
01:35यहाँ देश कहा है राज हैं, हम पलायन में पीसड़ी है।
01:38हम जॉआरथी की सिती हमारी खराब है
01:41पर केप्ता इंक्म हमारा क्या ?
01:42सबसे पीसड़ी हैं बिहार के अंदर में।
01:44हम investment में सबसे पीछे हैं।
01:47हम आपके स्वास के मावले में सबसे पिछ हैं
01:50हम इसकी चर्ट्या करते हैं
01:51जिन बातों का कोई मतलब नहीं
01:54उन बातों पर जोड़ देकर करके
01:563-4 दिनों से इन बातों को परूसा जा रहा है
01:58और आज ही मैंने, आज ही हमारे पार्टी के
02:01बाहर हमारे आहां होली विरल्बात के भी सारे चैनल के लोग थे
02:05कई मुसलिम परिवार तोपी पहनकर के लाई बढाकर
02:07सब लोगने रंग लगाया
02:09किसी को कोई प्रहेज नहीं हुआ
02:11हम तो हर के उत्सम में, हर के तुवार में
02:44यह बड़ा सवाल बना हुआ है न शक्ति यादर जूट
02:46अगर बीजेपी के निताओं ने, नहीं, नहीं, मेरी बात सुन्ये
02:48स्ट्रमन कुमार ग्रामेड विकास मंत्रिय बिहार के
02:50वो कह रहे हैं कि इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए
02:52सभी अपने त्योहार अपने तरीके से मनाने का अधिकार है
02:54रोक लगाई जानी चाहिए
02:56अगर इस तरह का बयान दिया जा रहे है, बीजेपी के निताओं के
02:58ओर से तो सही तो बोल रहे हैं, क्या गलत बोल रहे हैं वो
03:00नहीं, नहीं, आप एक
03:02अप एक पक्ष को करें, के बढ़िया बूल रहे हैं
03:04उन्हीं के पाटी के लोग भी बूल रहे हैं
03:06दो बाते एक साथ केसे हो सकती हैं
03:08आप ने कभी कहा कि नोने बयान दिया है, वो निंदनी है
03:11ये बयान कता ही सुईखार नहीं की जा सकती है
03:14किसे ने खारीज किया है यह तो खारीज नहीं के आगया
03:18सवाल वो उठता है कि चाहे वो कोई केवार हो हम हिंदू है
03:22हम सनापन धर्म के मांगने वाले लोग हैं
03:24सनापन का उतर कहंडसा नहीं होता, तीरक्षम्मजीक नहीं होता खंडसा भी है
03:28और एग बात जाननें चाहिये 하ई सनाक्तिन धर्मालंबेंयों को इक पास था रहे है, हम सबका समान करते हैं, सबका अधर करते हैं
03:36हम तक ही हैं, धर्मिक, कि दूसरे धर्मों का अनजार करते हैं, वो धर्मेड़ नहीं है, जो होकिसी धर्म के मानने लोगे
03:42हम घिरना नहीं पहला सकते हैं, घिरना नहीं कर सकते हैं
03:45हम सब के साथ, अब क्या ज़रूता, आप चाहते हैं क्या?
03:48आप चाहते हैं कि तनाग हो, तनाग पैदा करने की आप पूसिस करते हैं
03:52आप लड़ा रहे हैं, सिर्फ की लड़ा रहे हैं
03:55यह बयान तो अभी सामने आ रहे हैं लेकिन समाज में कुछ ऐसे अराजक तत्व हैं
03:59और ये कोई नई बात नहीं है कि जब से बीजेपी आई है तभी से दंग्यो हो रहे हैं
04:03हम लोगों ने बच्पन से देखा है
04:05होली का मौका हो या कोई दूसरे धर्म के तिवहार हो
04:08कई बार ऐसे कुछ तत्व हैं समाज में
04:11जो इस तरह से लगतार माहॉल को बिगाडने के प्रयास में लगी रहते हैं
04:15और कई बार उनको काम्याबी भी मिल जाती है शक्ति यादब जी
04:18हम सब ने देखा है बच्पन से ऐसा नहीं है कि बीजेपी आ गई है
04:21आप लोग आरोप लगा दीजे दोनों की आपस में यहाँ पर प्रतिष पर्धा है
04:25लेकिन समाज का एक वर्ध है ऐसा जिसको सही तरीके से जो पुलिस प्रशासन के लोग हैं
04:30वो हेंडल नहीं कर पाते हैं और उन पर लगाम लगाय जाने की जुरत है
04:34और फिर कुछ पॉलिटिकल पार्टीज को वो सूट भी करने लगता है
05:00पहला है नहीं आखरी है
05:12कई जुम में हैं जिस वक्त में होली पड़ा है
05:15और होली के समय में मैं कहता हूँ है मंदाली सज़ाएए ग्राविन एलाटपॉर में
05:19जहां मुसल्मान भाई याकर करके हिंदु भाई के हाँ जाकर के गले मिलते हैं पूआ पकबान काते हैं
05:24अरे बारा भाज़े के पाले तक रंग का चल्कता है एक बजह से तो अभीर केल जाता है
05:29मलले जी किसेको दिन भर रंग खेलना हूँ
05:32अगर माले जि शक्ति यादब को रात कीMelody आठ बज़े तक रंग खेलना हूँ
05:35तो शक्ति यादब देखेंगे कि कौन आहत हो रहा है जो लेकिंज
05:37है कौन नहीं आपका मन आप खेलेये राट की 8 बजिज़ेथा ।