वीडियो जानकारी: 02.07.2025, अनौपचारिक सत्र
विवरण:
इस वीडियो में आचार्य जी तंत्र मार्ग के प्रति रुचि रखने वाले व्यक्ति के प्रश्न का उत्तर देते हैं। वह पूछते हैं कि जब व्यक्ति तंत्र मार्ग के बारे में कुछ नहीं जानता, तो उसकी रुचि कैसे उत्पन्न हुई। आचार्य जी यह भी बताते हैं कि तंत्र मार्ग की मंजिल मुक्ति है, लेकिन व्यक्ति को न तो मार्ग का ज्ञान है और न ही मंजिल का।
वआचार्य जी यह सुझाव देते हैं कि शायद व्यक्ति ने तंत्र की आकर्षक तस्वीरें देखी होंगी या उत्तेजक कहानियाँ पढ़ी होंगी, जिससे उसकी रुचि बनी। वह यह भी कहते हैं कि किसी भी मार्ग पर चलने से पहले यह समझना जरूरी है कि उस मार्ग में रुचि क्यों है, खासकर जब व्यक्ति को उसके बारे में कोई जानकारी नहीं है।
आचार्य जी तंत्र की आलोचना नहीं कर रहे हैं, बल्कि उस मानसिकता पर सवाल उठा रहे हैं जो बिना जानकारी के किसी विशेष मार्ग की ओर आकर्षित हो रही है।
🎧 सुनिए #आचार्यप्रशांत को Spotify पर:
https://open.spotify.com/show/3f0KFweIdHB0vfcoizFcET?si=c8f9a6ba31964a06
संगीत: मिलिंद दाते
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विवरण:
इस वीडियो में आचार्य जी तंत्र मार्ग के प्रति रुचि रखने वाले व्यक्ति के प्रश्न का उत्तर देते हैं। वह पूछते हैं कि जब व्यक्ति तंत्र मार्ग के बारे में कुछ नहीं जानता, तो उसकी रुचि कैसे उत्पन्न हुई। आचार्य जी यह भी बताते हैं कि तंत्र मार्ग की मंजिल मुक्ति है, लेकिन व्यक्ति को न तो मार्ग का ज्ञान है और न ही मंजिल का।
वआचार्य जी यह सुझाव देते हैं कि शायद व्यक्ति ने तंत्र की आकर्षक तस्वीरें देखी होंगी या उत्तेजक कहानियाँ पढ़ी होंगी, जिससे उसकी रुचि बनी। वह यह भी कहते हैं कि किसी भी मार्ग पर चलने से पहले यह समझना जरूरी है कि उस मार्ग में रुचि क्यों है, खासकर जब व्यक्ति को उसके बारे में कोई जानकारी नहीं है।
आचार्य जी तंत्र की आलोचना नहीं कर रहे हैं, बल्कि उस मानसिकता पर सवाल उठा रहे हैं जो बिना जानकारी के किसी विशेष मार्ग की ओर आकर्षित हो रही है।
🎧 सुनिए #आचार्यप्रशांत को Spotify पर:
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संगीत: मिलिंद दाते
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