वाराणसी ( यूपी ) - प्रयागराज महाकुंभ स्नान के बाद साधु संतों का जत्था अब काशी की तरफ बढ़ गया है। पंचदशनाम जूना अखाड़े के साधु संत काशी पहुंच गए हैं। वाराणसी के हनुमान घाट पर जूना अखाड़े के मठ मौजूद हैं, जहां पर साधु अपना डेरा और तंबू लेकर जम गए हैं । साधुओं की माने तो कुंभ स्नान का फल बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने के बाद ही पूर्ण माना जाता है। इस वजह से भारी संख्या में साधु संतों का जत्था अब काशी की तरफ पहुंच रहा है । इस वजह से घाट पर साधुओं की भारी भीड़ देखने को मिल रही है। महाशिवरात्रि के दिन भारी संख्या में साधु पेशवाई निकालेंगे और बाबा विश्वनाथ का दर्शन करेंगे। उसके बाद बाबा की बारात में भी साधु शामिल होंगे। माना यह जा रहा है कि साधुओं का जत्था होली तक काशी में मौजूद रहेगा।
#VARANASHI #KASHI #sadhu #MAHASHIVRATRI
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00:00यह कुछ जावण के परूदिया में अज्ञान जावन लेकर आचन लो।
00:02जावन के परूदिया इंद्धीर लो तो अगर यहाँ तो भी जावन में उपने डिसको नावाद का बाड़ेता, अन्श्टास ओका जावन पर एक वान सेवा है।
00:04गुड़ा सुह ज़िन गुड़ा सुह जिन गुड़ा
00:34आप primarily पूरिय ऐसी में क्यों करते हैं और क्यों को समझ समय चाहते हैं।
00:41आप क्यों बतालने के लिए क्यों कै साथ?
00:45उसका इससे मते हैं स्टावऽ की लिए एक एक रखीली समझ समय करते हैं।
00:54होली तक रहेंगे यहांपे, जबतक हमारी मोरच्छापे नहीं मिलेंगे,
00:59जबतक हम यहांसे नहीं जायें
01:01घाम होतά।हर साही हसनान अंधल होता।
01:05और जब जब याहाँ पे धरति में आते हैं सदु महत्मा यहलपे असनान जय नहीं करते हैं clanныйbuthe just trying to move uphindu ma buhdman
01:12कोयमी खयीं कयावे सादु महत्मा जयांपे विस्सनात में पर गि बरायात में नहीं जाएंगे to s year by either
01:20आंद्रिया का काउन इउडय्यां too
01:30आंद्रिया का काउन इउडय्यां
01:36डिसबंड प्लांग विजास्नाविलक तरे बांग
01:39थांंन मेच्र योर तरे बांगllo
01:48यह पर, जो जिसलम की भजन चला जाता है, वो चरन चिला देगे तो हामारा वो बजन ले जायेगा
01:53जो हमने 12 साल, 15 साल, 20 साल में भजन कमाया हो
01:58कासी to विष्णात थो, विष्णात थो विष्णात था
02:01वे गंगंगा जब से पिरगट हुई है इदर,
02:04विश्णात में जब श्रिभाई कासी अई बसी है, कासी के बासी गिरनार के सिद उत्राकंड के रिठी मुनी भांग धटूरे में खुशी
02:17कासी के दर्सन होती है किस बाबा विश्णात के तब ही पूरा होता है
02:22आदिशे नहीं जे परमपरा से चल जा रहे हैं, आनात आनात आनाती हैं
02:30तो धूनी लगा के बचन करती हैं, इसलिए संसार का कल्याण होए, भक्तों का कल्याण होए
02:37और खुदको भी रस्ता का ज्यान परगट होए, खासे ही देता है कि यहां से अपनी भस्मी लगा के
02:46नागा वन के बाबा विश्णात के दर्शन करने के लिए जाती हैं, सेवरातरी के दिन
02:53तो यह तो दर्शन है, यह मोक्ष है, जातो सवी तराग, सवी तराग है, यह मोक्ष का द्वार है
03:01और परागराज को स्वर्गलोग कहती है, पराड़ों में, वेदों में, सास्त्रों में, उसको स्वर्गलोग से पकार होती है