Skip to playerSkip to main contentSkip to footer
  • 2/4/2025
वीडियो जानकारी: 31.12.24, ग्रेटर नॉएडा

हमारी ज़िंदगी में प्यार क्यों नहीं है? || आचार्य प्रशांत (2024)


विवरण:
आचार्य प्रशांत कार्य के प्रति भारतीय समाज के दृष्टिकोण पर चर्चा करते हैं। वे बताते हैं कि कैसे लोग किसी भी बहाने से काम टालने की प्रवृत्ति रखते हैं, चाहे त्योहार हो, शोक हो, या मौसम का बदलाव। उनका कहना है कि भारत में काम को जीवन का प्रेमपूर्ण अभिव्यक्ति नहीं बल्कि केवल जीविका का साधन माना जाता है, जिससे लोग उससे जुड़ाव महसूस नहीं करते। वे बताते हैं कि जिनके लिए काम प्रेम है, वे किसी भी परिस्थिति में उसे नहीं छोड़ते।

शिक्षा के संदर्भ में, वे कहते हैं कि बच्चे पढ़ाई से इसलिए दूर भागते हैं क्योंकि उन्हें उसका उद्देश्य नहीं बताया जाता। गणित, इतिहास, साहित्य—सब कुछ उद्देश्यहीन रूप से पढ़ाया जाता है, जिससे जिज्ञासा और प्रेम समाप्त हो जाता है। वे निष्कर्ष निकालते हैं कि जीवन में प्रेम की कमी सबसे बड़ी समस्या है, और यह हर क्षेत्र में परिलक्षित होती है—काम में, शिक्षा में और रिश्तों में।

🎧 सुनिए #आचार्यप्रशांत को Spotify पर:
https://open.spotify.com/show/3f0KFweIdHB0vfcoizFcET?si=c8f9a6ba31964a06

प्रसंग:

संगीत: मिलिंद दाते
~~~~~

Category

📚
Learning

Recommended