गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में शुक्रवार को राजस्थान पत्रिका व अखिल भारतीय साहित्य परिषद की ओर से काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमे कवियों के साथ विद्यार्थियों ने स्व रचित व अन्य रचानाएं सुनाकर संविधान की जानकारी देने के साथ देश के लिए प्राण न्योछावर करने का संदेश दिया। शहर के ज्योति विद्या मंदिर उच्च प्राथमिक विद्यालय में आयोजित गोष्ठील में कवयित्री तृप्ति पाण्डेय ने हवाओं में रंगत छा गई, फिर से 26 जनवरी आ गई... व राष्ट्र नित नई अंगडाइयां छूने को रहा है तत्पर..., कवयित्री कृष्णा वैष्णव ने क्यूं भला अभिमान स्वयं पर, क्या इस सृष्टि को है दिया जो कुछ थाती इस धरती पर..., पुरखों ने पुरुषार्थ किया चाहे दशमलव को ले लो, शून्य का अन्वेषण कह लो ग्रह उपग्रह की बात करो... कविता सुनाकर गणतंत्र दिवस के साथ भारत की उपलिब्धयों का बखान किया।
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00:00Kyun bhala bhimaan svayam par, kya iss swashti ko hai diya?
00:09Jo kuch tha thi iss gharti par, purkhon ne purjat kiya.
00:17Kyun bhala bhimaan svayam par, kya iss swashti ko hai diya?
00:26Jo kuch tha thi iss gharti par, purkhon ne purjat kiya.
00:33Aap sunna kya kya kiya?
00:35Ki chahe dash malav ko le lo, shunne kaan vaishan keh lo.