• 14 hours ago
प्रयागराज, यूपी : सतारा से बीजेपी सांसद छत्रपति उदयनराजे भोसले की धर्मपत्नी दमयंतीराजे भोसले महाकुंभ में शामिल होने संगम नगरी प्रयागराज पहुंचीं हैं। उन्होंने देश के लोगों को महाकुंभ में शामिल होने का संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि आत्मचिंतन का जब किसी में निर्माण होता है तो महाकुंभ में आकर बहुत सारे सवालों का उत्तर मिलता है। यहां पर आशीर्वाद तो मिलेगा ही। साधु-संतों के आसपास आने का मौका मिलता है, यह सौभाग्य की बात है। उन्होंने आगे कहा कि हम धर्म की रक्षा करेंगे तो धर्म हमारी रक्षा करेगा।

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00:00मैं ये मेसेच देना चाहूँगी कि ये एक अनुभव लेने लाइक है, ये ऐसा अनुभव है जो कोई भी एक पाथ पर है, जो सोच रहा है कि और क्या है दुनिया में, कि और क्या है सीखने को, अनुभव करने को, तो वो होता है आत्मचिंतन.
00:21आत्मचिंतन जब किसी में निर्मान होता है, तो महाकुम में आके, बहुत सारे जो आपके सवाल हैं, उसका उत्तर आपको मिलने वाला है, और नहीं भी मिले, तो यहाँ पर आशिर्वात तो मिलेगा है मिलेगा, इतने सारे सादु, सांत, महां चोक कभी मिलते नहीं हैं, जो म
00:51आके आपको एक मोका मिलता है, कि अगर अस्पास मीले होvous से फजा की अनिधित हैं, कि इसलिए,
00:59जो बोलते हैं कि सिर्फ मिलने से ही शक्ती का महसूस होना ज़रूरी नहीं है, अगर आसपास भी शक्ती होती तो महसूस हो जाती है, तो उनके आसपास आने का एक मौका मिलता है, तो ये एक बहुत पड़ा भाग्ये का एक मौका है, तो सबको मैं ये बोलूंगी कि अगर आप
01:29सनातन धर्म की रक्षा करेंगे, तो धर्म हमारी रक्षा करेगा, और सबको अपना धर्म मुबारक है, लेकिन हमें भी हमारा धर्म प्यारा है,
01:40वैसे ही सबको अपना धर्म प्यारा होता है, और ये सनातन धर्म का एक बड़ा मिलावा है, एक बड़ा मौका है, कि अपने सेम समझ के जो लोग हैं, सह समझ के जो लोग हैं, और जो एक भक्ती के भाव से लोग आते हैं, तो कुछ पता नहीं चलता कि सर्वी क्या होती है, �
02:10तो इसका आके अनुभव लीज़े, सबके लिए अच्छा है, अपने लिए अच्छा है, बहुत अच्छी कहानी है, मैं यहाँ पे आई, तो मुझे ऐसे लगा कि ठीक है मैं इस घहराने से हूँ, लेकिन मुझे अपने आप से ये अनुभव करना है, कि मुझे नहीं प्रो
02:40स्टेट ने हमारी पूरी विवस्था करी है, लेकिन एक ऐसा जगे आती है, वहाँ से गाडिया नहीं जाती, वहाँ से कोई गाड नहीं जा सकती, जहाँ पे अखाडे शुरू होते हैं, तो हम वहाँ पे अपने आप, उन्हें बोला यहाँ पे नहीं जाएगा, मैंने बोला
03:10उनका अशिर्वाद मिला, और उसी अखाडे के साथ, जिनका नाम है, मैं अभी मने इसलिए कि अखाडो के नाम महा मंदलेश्वर श्री एकहजाराट स्वामी गेरिधर गेरीजी महराज का पंचायति अखाडा महा निर्वानी, उन्होंने इतना अधर सम्मान, बिना कुछ �
03:40की लहरारे थे, और सब कुछ, उनको कुछ मालूम नहीं था हम आ रहे हैं, लेकिन यही देव की कृपा है, शिवाजी महाराज की कृपा है, कि हमें सब कुछ, बिना कुछ किये सब कुछ मिला है यहां पे, बहुत बहुत अभारी है, बहुत अच्छी अनुभव है.

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