• 3 days ago
वीडियो जानकारी: 02.09.24, गीता समागम, गोवा

प्रसंग:
~ संत का क्या अर्थ है? साधु का क्या अर्थ है?
~ क्या संत के होने के कुछ विशेष लक्षण होते हैं?
~ संसारी व्यक्ति किसे संत मानता है और क्यों?
~ क्यों आजकल के तथाकथित महागुरु हमें ठग पा रहे हैं?
~ संसारी व्यक्ति संत कहलाने के लिए क्या करता है?
~ संसारी कब आध्यात्मिक व्यक्ति से ईर्ष्या करने लगता है?

ताओ जिसकी व्याख्या की जा सकती है वह सनातन ताओ नहीं है।
नाम जिसकी व्याख्या की जा सकती है वह सनातन नाम नहीं है।
ताओ ते चिंग - अध्याय 1

वह जिसका कोई नाम नहीं है वह ही अंतिम सत्य है।
नाम ही सभी सांसारिक वस्तुओं का स्त्रोत है।
ताओ ते चिंग - अध्याय 1

भजन:
जो मैं बौरा तो राम तोरा
लोग मरम का जाने मोरा।

मैं बौरी मेरे राम भरतार
ता कारण रचि करो स्यंगार।

माला तिलक पहरि मन माना
लोगनि राम खिलौना जाना।

थोड़ी भगति बहुत अहंकारा
ऐसे भगता मिलै अपारा।

लोग कहें कबीर बौराना
कबीर का मरम राम जाना।

~ कबीर साहब


संगीत: मिलिंद दाते
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