वीडियो जानकारी: 22.10.24, वेदान्त संहिता, मुंबई
विवरण:
इस वीडियो में आचार्य जी ने एक छात्र के अनुभवों पर चर्चा की है, जिसने अपने कॉलेज में अपने फोन के हैक होने और उसकी व्यक्तिगत जानकारी के दुरुपयोग के कारण कठिनाइयों का सामना किया। छात्र ने बताया कि कैसे उसके सहपाठियों ने उसकी प्रतिष्ठा को गिराने की कोशिश की और उसे आइसोलेट कर दिया। आचार्य जी ने इस स्थिति को समझाते हुए कहा कि समाज में प्रतिष्ठा का बहुत महत्व है, लेकिन यह दूसरों की नजरों में होती है। उन्होंने बताया कि असली मूल्य व्यक्ति की वास्तविकता में है, न कि उसकी प्रतिष्ठा में। आचार्य जी ने यह भी कहा कि जो लोग दूसरों की नजरों में अपनी इज्जत के लिए जीते हैं, वे अक्सर गुलाम बन जाते हैं। उन्होंने छात्रों को सलाह दी कि उन्हें अपनी पहचान और मूल्य को दूसरों की नजरों से परे देखना चाहिए और अपने आप को जमीन पर रखना चाहिए।
आचार्य जी ने यह भी कहा कि जो लोग अपनी वास्तविकता को समझते हैं और अपनी गलतियों को स्वीकार करते हैं, वे जीवन में आगे बढ़ सकते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि समाज में जो लोग इज्जत की बहुत परवाह करते हैं, उन्हें अक्सर ब्लैकमेलिंग का सामना करना पड़ता है। अंत में, उन्होंने छात्रों को यह सिखाया कि उन्हें अपनी पहचान को दूसरों की नजरों से नहीं, बल्कि अपनी वास्तविकता से परिभाषित करना चाहिए।
प्रसंग:
~ असली इज़्ज़त किसे मिलती है?
~ क्यों इज़्ज़त लेने से इंकार करना चाहिए?
~ गुलामी में सबसे बड़ी गुलामी है प्रतिष्ठा (Reputation)
~ प्रसिद्धि और प्रशंसा के प्यासे रहने में क्या समस्या है?
~ चरित्र की परवाह करने में क्या समस्या है?
~ समाज में सबसे ज्यादा सम्मान किसे मिलता है?
~ अगर कोई हुमसे यह पूछता है कि क्या करते हो, तो वह क्या जानना चाहता है?
~ आज के युवाओं में मेंटल डिसऑर्डर और सफरिंग ज्यादा क्यों है?
~ हर समय डर लगा रहता है कि सब कुछ छिन गया तो?
~ अकेलेपन का डर बहुत सताता है, इसको कैसे दूर करूँ?
~ एक सही जगह सर न झुकाने के कारण क्या होता है?
~ क्यों हजार गलत जगहों पर सर झुकाना पड़ता है?
~ एक सही जगह न बिकने के कारण क्या होता है?
~ एक सही काम न करने के कारण क्या होता है?
~ क्यों हमें हजार गलत काम करने पड़ते हैं?
संगीत: मिलिंद दाते
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विवरण:
इस वीडियो में आचार्य जी ने एक छात्र के अनुभवों पर चर्चा की है, जिसने अपने कॉलेज में अपने फोन के हैक होने और उसकी व्यक्तिगत जानकारी के दुरुपयोग के कारण कठिनाइयों का सामना किया। छात्र ने बताया कि कैसे उसके सहपाठियों ने उसकी प्रतिष्ठा को गिराने की कोशिश की और उसे आइसोलेट कर दिया। आचार्य जी ने इस स्थिति को समझाते हुए कहा कि समाज में प्रतिष्ठा का बहुत महत्व है, लेकिन यह दूसरों की नजरों में होती है। उन्होंने बताया कि असली मूल्य व्यक्ति की वास्तविकता में है, न कि उसकी प्रतिष्ठा में। आचार्य जी ने यह भी कहा कि जो लोग दूसरों की नजरों में अपनी इज्जत के लिए जीते हैं, वे अक्सर गुलाम बन जाते हैं। उन्होंने छात्रों को सलाह दी कि उन्हें अपनी पहचान और मूल्य को दूसरों की नजरों से परे देखना चाहिए और अपने आप को जमीन पर रखना चाहिए।
आचार्य जी ने यह भी कहा कि जो लोग अपनी वास्तविकता को समझते हैं और अपनी गलतियों को स्वीकार करते हैं, वे जीवन में आगे बढ़ सकते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि समाज में जो लोग इज्जत की बहुत परवाह करते हैं, उन्हें अक्सर ब्लैकमेलिंग का सामना करना पड़ता है। अंत में, उन्होंने छात्रों को यह सिखाया कि उन्हें अपनी पहचान को दूसरों की नजरों से नहीं, बल्कि अपनी वास्तविकता से परिभाषित करना चाहिए।
प्रसंग:
~ असली इज़्ज़त किसे मिलती है?
~ क्यों इज़्ज़त लेने से इंकार करना चाहिए?
~ गुलामी में सबसे बड़ी गुलामी है प्रतिष्ठा (Reputation)
~ प्रसिद्धि और प्रशंसा के प्यासे रहने में क्या समस्या है?
~ चरित्र की परवाह करने में क्या समस्या है?
~ समाज में सबसे ज्यादा सम्मान किसे मिलता है?
~ अगर कोई हुमसे यह पूछता है कि क्या करते हो, तो वह क्या जानना चाहता है?
~ आज के युवाओं में मेंटल डिसऑर्डर और सफरिंग ज्यादा क्यों है?
~ हर समय डर लगा रहता है कि सब कुछ छिन गया तो?
~ अकेलेपन का डर बहुत सताता है, इसको कैसे दूर करूँ?
~ एक सही जगह सर न झुकाने के कारण क्या होता है?
~ क्यों हजार गलत जगहों पर सर झुकाना पड़ता है?
~ एक सही जगह न बिकने के कारण क्या होता है?
~ एक सही काम न करने के कारण क्या होता है?
~ क्यों हमें हजार गलत काम करने पड़ते हैं?
संगीत: मिलिंद दाते
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