Ghulam Rasool Cartoon _ Baqra Eid Special Compilation _ Islamic Cartoon Series _ Kids Land

  • 2 days ago
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00:00​ Janwar Agaya
02:52​ Dumbe Ne Babloo Ko Mardi Takkar
14:48​ Babloo Ka Ont Agaya
18:50​ Bakra Bhag Gaya
22:37​ Mujhe Bakra Chaiye Hai
27:39​ Bakra Ho to Aisa

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Ghulam Rasool is a 3D animated cartoon series in Urdu/Hindi for kids produced by Kids Land Animation
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Transcript
00:00जान्मर आ गया, जान्मर आ गया, जान्मर आ गया, जान्मर आ गया, जान्मर आ गया, जान्मर आ गया, जान्मर आ गया, जान्मर आ गया, जान्मर आ गया, जान्मर आ गया, जान्मर आ गया, जान्मर आ गया, जान्मर आ गया, जान्मर आ गया, जान्मर आ गया, जान्मर आ गया
00:31ये, ये शोर कैसा है?
00:34अरे, ये तो उसाथ भाई है
00:36अरे, ये जान्मर तो उसाथ भाई के पिछे लगगा है
00:39नहीं भाई, जान्मर उनके पिछे नहीं लगगा है
00:41वो जान्मर के आगे बाग रहे है
00:45अल्ला ताला का बहुत शुका है, मैं बज़ गया
00:49सर्थ भाई, ये जान्मर आपके पिछे क्यों लग जया था?
00:52वो मैं तो जान्मर को गाड़ी से उतर देख रहे देख रहा था
00:55अच्छानक ये रसी छुड़ा कर मरे पिछे लग गई
00:58जिस वक जान्मर गाड़ी से उतर रहा होता है
01:00वो लोगों का रश और शोर सुनकर बिदख जाता है
01:04हमें उस वक रश नहीं लगाना चाहिए
01:06और ना शोर मत आना चाहिए
01:09शाबाग, शेर, विदान भाई
01:12आज शाम पांक बजे ग्राउन में
01:15ओके, डर्न
01:17बक्रा, बक्रा, बक्रा
01:19जाबागा बक्रा शेर
01:22चलो
01:24इदर आओ इदर आओ
01:25ये देखो बक्रो की लड़ाई हो रही है
01:48सेद हूई पक्रे मो पक्रे
01:51अरे ये बक्रा काई सिंग ना मार दे
02:03आखिर को पक्रे गए ना
02:05ये बक्रा कैसे भगा
02:06हम बक्रों के दागत का मुकाबल कर रहे थे
02:09फिजान भाई जान्वरों को आपस में लड़ाना बहुत बुरी बात है
02:12मौलाना अम्जद अलियाज्मी रह्मतु लाय अलई ने बहारे शरीत में लिखा है
02:17जान्वरों को लड़ाना जैसे लोग मूरों, बटेर, तीतर, मेंड़ों को लड़ाते हैं
02:23ये हराम है और उनका तमाशा देखना भी नाजाज है
02:27देखी, जान्वर को आपस में लड़ानी की वज़ासे कोई ऐसा App भी पढ़ा हो सकता है जिसकी वज़ास से कुर्बानि ये ना हो
02:34हम आहिंदा किसे भी जानवर को नहीं गरेंगे
02:37प्यारे बच्चो आप भी अपने कुर्बाणी के जानवों का बहुत खयार लखेगा
02:44क्या हुआ बाबू अंकल
02:47कभी भी पढ़ते हुए जानवर के तुम नहीं पगणना
02:54ये चलो चलो बजा रहे है ये बागो बागो और तीज बागो
03:06अरे भाई बस करें बस करें और कितना भगाएंगे से
03:14अभी तो मज़ा आनता शुरू हुआ है और क्या ये जबदास भगो
03:30उलाम रसुल भाई आप जी मैं ये क्या कर रहे हैं आप लोग
03:35मैंने अपना दुमबा आपको घुमाने के लिए दिया था
03:38और आप लोग तो इस बिचारे बे जबान जानवर को बुरी ताना से भगा रहे हैं
03:42अस्तक फिर वह ये तो बहुत बुरी बात है
03:45बे जबान जानवर को इस ताना से तकलीफ नहीं देनी चाहिए
03:49और उसाद भाई आप भी?
03:51नहीं नहीं मैं तो इन्हें मना की कर रहा था
03:53लेकिन ये लोग सुन ही नहीं रहे थे
03:55लाए इसे मुझे दे
03:57देखें बिचारा किती बुरी ताना से सांस ले रहा है
04:02ओहो इन लोगों की शरार्थे पतानी कब ख़तम होगी
04:06आप अपने दुमबे का खयाल कैसे रखते हैं?
04:09जी जी मैं तो इसका बहुत खयाल रखता हूँ
04:12टाइम पर इसके चारे का बनदूबस करता हूँ
04:14इसको बिलकुल भी परिशान नहीं करता
04:16और ये तो फिर कुर्बानी का जानवारे बरकतों वाला
04:20इसका खयाल रखना तो बहुत ज़रूरी है
04:22माशाल्ला माशाल्ला ये तो बहुत अच्छी बात है
04:26और दूसरे बच्चों को भी आपसे सीखना चाहिए
04:29ओहो दुमबे आपसे लिगल गिया
04:32परिशान होने की बात नहीं है
04:34एक आइडिया है मेरे पास
04:37या या
04:46बबल भाई जब तक मैं से प्यार कर रहा हूँ
04:49आप चुपके से आकर रस्ची खोलने
05:06कितना मज़ा आ रहा है
05:18इससे तो बहुत गुस्सा आ रहा होगा
05:22मैं इसके उपर चड़के देखता हूँ
05:37अरे भाई ये आप क्या कर रहे थे
05:40खेल रहे थे
05:41आपको जानवर के साथ इस तरह से नहीं खेलना चाहिए था
05:44जानवर खेलने के लिए थोड़ी होता है
05:46और ये तो फिर कुर्बाणी का जानवर है
05:49मैंने एक किताब में पढ़ा था
05:51ये जानवरों के साथ छेड़ खानी करना इनको तकलीद देना
05:55परिशान करना या बिला वज़े मार पीट करना गुना है
05:59और आप दोनों को ऐसा नहीं करना चाहिए
06:01ठीक है बाबू अंकल
06:02आइंद हम जरूर कुर्बाणी के जानवर को खयाल करेंगे
06:07माशाल्ला माशाल्ला
06:09फेदान भाई एक काम करे
06:11इस धुम्बे को वापिस छोड़ के राजे
06:13मैं अकेला लेकर नहीं जा सकता
06:15आप साथ चलोगे तो ही जाओंगा
06:18अरे धुम्बे यूको
06:20फेदान भाई ये तो भाग रहा है
06:22पकड़े इसे
06:24जी कोचिश कर रहा हूँ
06:26लेकिन ये तो बहुत देज़ भाग रहा है भाई
06:29आप लोग परिशान ना हो
06:31मैं इसे अभी पकड़ लेता हूँ
06:34जड़क अल्ला अल्ला आपको खुश रखे
06:40बस जल्दी जल्दी
06:44अरे उसेट भाई
06:46भाई इसके बैटरी तो चार्च कर देते
06:51अब बस जल्दी से यहाँ हाथ में आ जाये
07:03हमें फ़ोरी तोर पर खुलाम रसूल भाई को बताना पड़ेगा
07:06नहीं नहीं उन्हें कुछ नहीं बताना
07:08और ना उन्हें ये भी पता चल जाएगा
07:10हम उनसे पूछे बगेर ही उनके धुम्बे को ले गर गए थे
07:13क्या आप लोगों ने खुलाम रसूल भाई का धुम्बा चोरी किया था
07:16अस्ताख्फिर उल्ला
07:18चोरी का गुना तो बहुत बड़ा है
07:20इससे अल्ला पाक बहुत नराज होता है
07:23और जिससे अल्ला नराज हो जाए उसकी बक्षिश नहीं होगी
07:27वो जहन्नम में जाएगा
07:29अरे अरे भाई मेरी भी तो सुनलो
07:31चोरी चोरी किया था
07:32हम तो बस थोरी देर के लिए उनके धुम्बे को गुमाने के लिए ले कर गये थे
07:36मैं तो बिलकुल भी आपका सहत नहीं दूँगा
07:38अब अगर घुलाम आसूल भाई को पता चलेगा तो वो कितना नराज होंगे
07:42और अगर उन्हें पता ही ना चले तो
07:45कैसे
07:46मेरे पास एक आइडिया है
07:48ओ हो एक बर फिर आइडिया
07:52अरे बब्लु भाई कहा रह गए
07:54थुम्ब मॉंकर आना था उनको toy अभी तक आय नही
07:57वैधान भाई, वैधान भाई
07:59अरे बब्लु भाई की आवाज तो आ रही है
08:02लिकिन बब्लु भाई दिख नहीं रहा थे
08:04अरे मैं हूँ
08:05इध्र, इध्र
08:07अरे कहा हो अरे ये रहा ये रहा मैं धुम्बा धुम्बा
08:12अरे ये आप हो ये तो पूरा धुम्बा ही लग रहे हैं
08:16हाँ कैसा है बहुत अच्छा
08:19वैदान भाई अब खयाल से संभाल लेना सब
08:22हर हाल में अपनी दोस्ट की मदद करनी चाहिए
08:25ऐसा ना हो गए इस बपकराहित पर मेरी ही कुर्बाणी हो रही हो
08:29ऐसा कुछ भी नहीं होगा बपलू भाई
08:31बस याद रखेगा
08:32जसी ही मैं आपकी पीट पर हाथ मारूं
08:35आप भाग रशुर कर देना
08:36बस एक बार आप गुलाम नसुल भाई की नज़रों से दूर चले गए
08:40तो समझे हमारा काम खतम
08:42पक्का
08:43हंडर परसं
08:44चलें अंदर चलें जल्दी
08:46गुलाम नसुल भाई जौर की नमास के लिए निकलना ही वाले होंगे
08:49चलो भाई अब तुम्हारे खाने का वक्त हो गया है
08:56कहां बसा दिया है फैजान भाई ने मुझे
08:59ये जानवरों की खाने की चीज मैं कैसे खा सकता हूं
09:03क्या बात है तुम खाना के लिए नहीं खा रहे है
09:05क्यूंके मैं तुम्बा नहीं हूं
09:08पुला मुझल भाई हो सकते है ऐसे अभी भूँ ना लग रहे हो
09:11फैजान भाई ये तो बेज़ुबान जानवर है
09:14अगर इसे भूँ पी लगे तो भी ये हमें नहीं बता सकता
09:17आल्या हजरत परमाते है एक हदीस में हुकुम है
09:21ये जो जानवर पालो दिन में सत्तर बार उसे दाना पानी दिखाओ
09:25प्यारे आका सलवाहु अलेहिव अलेहिव सलम ने रिशात फरमाया
09:30हर जानदार के साथ भलाई करने में सवाब है
09:33एक काम करते है ना थोड़ा घुमा लेते है
09:37पकड़े इससे
10:07हँफ़ँ!!!
10:17अरे ये कहां बस गया पकड़ लिया
10:28ओ भाई ये कहां से आ गाये
10:31जजाकल्डॉआरू खैरा
10:33आपने मेरी मदद की और मदद करने का सवाप तो बहुत ज़ादा है
10:38हमारे प्यारे और आखरी नभी
10:40सुलूदा हुआलेगी वा आलेगी मुस्सलम ने रिशात फरमाया
10:44अल्ला बंदे की मदद करता रहता है
10:46जब तक वो अपने भाई की मदद करता है
10:48माशा अल्ला आपने इतनी प्यारी अदीसे बाग सुनाकर मेरा दिल खुश कर दिया
10:56अरे इससे क्या हुआ?
10:57इससे हुस्पिटर लेकर चले
10:58दिब्बी को क्या हुआ?
11:10इसका दिल तो इंसानू की तरह धड़क रहा है
11:13तो डॉक्टर साहत अपने इंजेक्शन साठें की गॉल करेगा?
11:16जी जी बिलकोल लगेगा
11:19इंजेक्शन चौका होगा � not big जाचिन वालाही परवाध में भी?
11:21जो जानवारों को लगता है वही लगेगा
11:22डॉक्ट अंक्ल्. डॉक्ट अंक्ल्. लगा दा. लगा दाया.
11:25बस इसे जळदी से ठीक कर दाया.
11:27सही कहरा आई हम睬ाय् ।
11:29लुख जा लुख जा.
11:30लुख जा लंग तids होUSE जव हरी रूमा.
11:33मैं धुम्बा नहीं हूँ. भब्लू भब्लू. भब्लू
11:35मैं धुम्बा नहीं हूँ, बब्लू हूँ, बब्लू, बब्लू
11:40ये तो बब्लू भाई के एवास लग रही है
11:45जी
11:46बब्लू भाई आप
11:48जी जी मैं इस धुम्बे के अंदर हूँ
11:51ये क्या ढ्रामा किया आपने
11:53चलें बाहर जाये आप लोग यहाँ से
11:55मेरा वक्त भी बर्बात किया और अपना वक्त भी बर्बात किया
11:58बड़े अफसूस की बात है बब्लू भाई
12:00मुझे आप लोगों से ये उमीद नहीं थी
12:02आपने तो हमें धोका दिया है
12:04जोके बोहत बुरी बात है
12:06हमारे प्यारे नभी
12:08सललल्लाह आलेही वा आलेही वसल्लम ने इशात फरमाया
12:11जो धोका दे वो हमें से नहीं
12:14अब ये बताएं मेरा दुम्बा कहा है
12:16द..द..द..दुम्बा
12:18दुम्बा तो आपका भाग गया
12:20क्या मतलब भाग गया
12:22आप दुम्बा क्यों बने हुए थे फिर
12:24वो असल में
12:26ये आईडिया तो फैधान भाई का था
12:28के अब दुम्बा बन जाओ
12:30अस्तक्फरु वाह
12:32आप लोग बुराई में एक दुसरे की
12:34मदद कर रहे थे
12:36अल्ला पाप कुराने मजीद में इशात फरमाता है
12:38वलाता आवनू आलल इसमी वल उदवान
12:42गुनाः और जियादती पर
12:44एक दुसरे की मदद ना करो
12:46गुलाम रसूल भाई घलती हो गई
12:48मैंने इनका साथ दिया
12:50मुझे आपको बताना चाहिए था
12:52इनना लिल्लाहि वइ इनना इलियो जून
12:54इलियो जून
12:56गुलाम रसूल भाई मेरा ख़याल है
12:58कि आप हमें वक जायक के बग़ार
13:00आपके दुम्मे को ढूनना चाहिए
13:02सही कह रहे हैं आप
13:04चले हम मिलकर ढूनते हैं
13:06अच्छी अच्छी बातें बतला साया
13:08सुननते यादाब सिकला साया
13:13अच्छी अच्छी बातें बतला साया
13:18सुननते यादाब सिकला साया
13:22गुलाम रसूल
13:30में मूआफ कर दें गुलाम रसूल भाई
13:32हमें ऐसा नहीं करना चाहिये था
13:34। अल्लापाक आपक़ा
13:36अपनेहभीब सल्लूगा हु आळे ही
13:38آلِهِ وَسَلَّمِ کِ صَدْقِهِ مِن مَعَفَرْمَنِ
13:41غُلَامِ رَسُولِ بَعِي
13:42آبْقَدْ دُمْبَا
13:44جی، یہ تَوَہِی دُمْبَا ہے
13:48شُکَرْ الْحَمْدَ لِلّٰهِ
13:49بَبُ اُنکَلْ
13:50یہ غُلَامِ رَسُولِ بَعِی کا دُمْبَا ہے نا
13:52السلامُ عَلَيْكُمْ وَرَحْمَدُ اللّٰهِ وَبَرَكَاتُ
13:55وَعَلَيْكُمْ وَرَحْمَدُ اللّٰهِ وَبَرَكَاتُ
13:56وَعَلَيْكُمْ وَرَحْمَدُ اللّٰهِ وَبَرَكَاتُ
13:57وَعَلَيْكُمْ وَرَحْمَدُ اللّٰهِ وَبَرَكَاتُ
13:58وَعَلَيْكُمْ وَرَحْمَدُ اللّٰهِ وَبَرَكَاتُ
13:59وَعَلَيْكُمْ وَرَحْمَدُ اللّٰهِ وَبَرَكَاتُ
14:00وَعَلَيْكُمْ وَرَحْمَدُ اللّٰهِ وَبَرَكَاتُ
14:01وَعَلَيْكُمْ وَرَحْمَدُ اللّٰهِ وَبَرَكَاتُ
14:02وَعَلَيْكُمْ وَرَحْمَدُ اللّٰهِ وَبَرَكَاتُ
14:03وَعَلَيْكُمْ وَرَحْمَدُ اللّٰهِ وَبَرَكَاتُ
14:04وَعَلَيْكُمْ وَرَحْمَدُ اللّٰهِ وَبَرَكَاتُ
14:05وَعَلَيْكُمْ وَرَحْمَدُ اللّٰهِ وَبَرَكَاتُ
14:06وَعَلَيْكُمْ وَرَحْمَدُ اللّٰهِ وَبَرَكَاتُ
14:07وَعَلَيْكُمْ وَرَحْمَدُ اللّٰهِ وَبَرَكَاتُ
14:08وَعَلَيْكُمْ وَرَحْمَدُ اللّٰهِ وَبَرَكَاتُ
14:09وَعَلَيْكُمْ وَرَحْمَدُ اللّٰهِ وَبَرَكَاتُ
14:10آمین
14:11فیضان بھائی اور ببلو بھائی
14:13ہمیں قربانی کے جانواروں کو بہت پیار اور محبت سرکھنا چاہیئے
14:18ہمیں چاہیئے کہ زیادہ سے زیادہ انکے خدمت کریں
14:21نہ کہ انہیں گلیوں میں بھگا کر پریشان کریں
14:24اور کھیل بنا لیں
14:25ہمیں معاف کردیں غلام رسول بھائی
14:27ہمیں ایسا نہیں کرنا چاہیئے تھا
14:29انشاءاللہ ہم آئندہ ایسا نہیں کریں گے
14:32جی غلام رسول بھائی
14:33آئندہ میں بھی یہ گلتی نہیں کروں گا
14:36جی جی ہر بار کچھ الگ ہی کرتے ہیں آپ
14:52ایسے
14:53ایسے آپ نے ببلو بھائی کو تککر مارنی ہے
14:58میں تھوڑا آگے کام سے جا رہا ہوں
15:00آپ فیضان بھائی کے گھر پہنچ جائیے گا
15:02ایسے
15:07ایسے آپ نے ببلو بھائی کو تککر مارنی ہے
15:10السلام عاليکم و رحمت اللہ
15:12وعليکم السلام
15:14نام لیا اور آپ آ بھی گئے
15:17یہ مجھے تککر مارے گا
15:18یہ سکھا رہے ہیں آپ اسے
15:22اسلام عالیکم و رحمت اللہ
15:24وع Allezہ بالکل میں
15:26دیکھیں یہ دنبے کو تککر مارنا سکھا رہے ہیں
15:29فیضان بھائی تک کر مارنا نہ سکھائیں
15:31بری بات ہے یہ
15:33इस जानवर को उल्टी जीज़े नहीं सिखानी चाहिए
15:36अल्लह ना करें जानवर को कोई ऐसी चोट लग गई
15:39जिससे ऐसा एप पेदा हो जाए के इस जानवर के कुर्बाणी ना हो
15:42सोरी अब नहीं करूँगा
15:44क्या ये लिया है अपने कुर्बाणी के लिए
15:48चोटसा क्या मतलब
15:50मेरा जानवर दिखना ऊट आएगा ऊट
15:53बब्लू भाई कुर्बाणी में हमारी नियत सिथ अल्लह पाको राजी करने की होनी चाहिए
15:58दिखावे के लिए कुर्बाणी करने से सारे अमाल जाया हो जाते है
16:03और बक्रा बड़ा हो या चोटा है नियत खालिस होनी चाहिए
16:07माशाल्ला
16:10चल मेरी ऊटनी चल सो चल
16:13चल मेरी ऊटनी चल सो चल
16:15मैं कहता था न एक दिन ऊट ले लूँगा तो ले लिया मैंने ऊट
16:20अरे रुके बब्लू भाई
16:23आपको नहीं पता जिस जानवर पर कुर्बानी की नियत कर ली जाए
16:27तो उससे आप किसी भी किसम का फाइदा हासन नहीं कर सकते
16:31क्योंके वो जानवर नेकी के लिए खास हो चुका है
16:35और ये नेकी उसी बगद हासिल होगी
16:38गुलाम रसूल भाई ऊट के बारे में कोई प्यारी सी बात बताए
16:41प्यारे आका सुल अल्लाहु आडिके वसल्लम भी ऊटनी पर सवारी को पसंद फर्माया करते थे
16:46और प्यारे आका सुल अल्लाहु आडिके वसल्लम की ऊटनी का नाम था कस्वा
16:51माशाल्ला
17:08क्या? रेद का जहाज?
17:10जी बिलकुल रेद का जहाज
17:12अल्लाह पाक ने कुराने पाग में ऊट का जिकर करते हुए फर्माया तरद्रमा
17:16तो क्या वो ऊट को नहीं देखते के कैसा बनाया गया है?
17:23आआ आआ आआ रुखो मेरे ऊट
17:28बाबो मुझे मेरा ऊट चाहिये
17:38कहा है मेरा ऊट?
17:41यह है बबलू भाई का ऊट
17:43क्या यह?
17:44बुरी बात है यह
17:45आप किसी की दिलाजारी कर रहे हैं
17:47हमें किसी भी मुसल्मान का दिल नहीं तोड़ना चाहिए
17:52आए अंदर चल कर बात करते हैं
17:55बबलू भाई इसमें मुझ चुपाने की क्या बात है?
17:58मैं तो पहले ही आपको कह रहा था
18:00कि जिद ना करें
18:02अल्लाः पाक हमें सिर्फ कुर्बानी करने का हुकुम देता है
18:05अल्लाः पाक कुराने पाक में इरशाद फरमाता है तरजमा
18:09तो तुम अपने रभ के लिए नमास पढ़ो और कुर्बानी करो
18:12तो आप बिल्कुल भी परेशान ना हो
18:15कुर्बानी का बड़ा, छूटा या तगड़ा होना कुछ मैंटर नहीं करता
18:19लेकिन अल्लाः की रिजा के लिए हमें अपनी माली ताकत के हिसाब से
18:24अच्छा और खुपसूरत जान्मर लेना चाहिए
18:27यही बात अल्लाः पाक ने कुराने मजीद ने भी रिशाद फरमाई है
18:31अल्लाः के यहां हर किस ना इनका गोश्ट पहुँझता है और नाखून
18:36अल्लाः ता तुम्हारी तरफ से परहिसगारी इसकी बारगाँ तक पहुँझती है
18:40देखें फैजान भाई आपके लिए गिफ्ट लेकर आए है
18:46चले थेंक यू
18:56अहाँ ये मुझे क्यों गंगर रहे है
19:00कैसे हुदोस कैसे हुदोस
19:04कैसे हुदोस कैसे रहते हो इनकी साथ
19:08ऐसा भी क्या हो गया है बात तो करें
19:10भाई क्या हो गया
19:12क्या हो गया क्या हो गया क्या हो गया
19:14क्या बताओं क्या हो गया
19:16मैं तो तंग आ गया हूँ पनी जिंदगी से
19:18रसी गीज़कर इतना भगाते हुए लाए है
19:20गला पूरा गुढ गया था
19:22क्यों इतना तंग करते हैं
19:24बस ना पानी पूछते है ना गाना
19:27बहुत मारते हैं मुझे
19:29मेरे तो उपर भी बैठ जाते हैं
19:31अल्ला का शुकर है
19:33उलाम रसूल तो मेरी बहुत देखभाल करते है
19:36इतनी दफ़ा पानी मेरे आगे रखते हैं
19:38मेरा बहुत खयाल रखते है
19:40लेकिन मेरा क्या कुसूर है
19:42मेरे साथ ये क्यों हो रहा है
19:45आपके लिए एक आईडिया है मेरे बास
19:50खुद तो आप खुब खा रहे हैं
19:52बाहर बिचारा आपके जानवर भूखा बन्दा हुआ है
19:55किसी को खाता देखकर तोखना नहीं चाहिए
19:58तोख तो आप ऐसे रहे हैं
20:00जैसे आप बहुत रहेम करते हैं जानवरों पर
20:02अभी बतादू क्या किया है
20:04क्या? क्या किया है मैंने
20:06बब्लू भाई के जानवर को हात मार कर किसने उठाया था
20:09क्या मेरे जानवर को मारा आपकी इतने इम्मत
20:13तो क्या हो गिया आपको तो नहीं मारा ना
20:15आपको इस तरह कुर्बाणी के जानवर को नहीं मारना चाहिए
20:19कुर्बाणी की फजीलत पता है ना आपको
20:22प्यार याका सलललाहु अलेही वालेही वसल्लम ने रिशाद फरमाया
20:27कुर्बाणी करने वाले को कुर्बाणी के जानवर के
20:30हर बाल के बदले में एक नेकी मिलती है
20:33और आपको इस तरह घुसा भी नहीं करना चाहिए
20:36ठीक है बब्लू भाई आपने हाथ दोए है ओ
20:40हाथ तो मैंने नहीं दोए तो जाएं पहले हाथ दो ले
20:44अच्छा गुलाम रसूल भाई ये बुकलेट किस बारे में है
20:47इसमें कुर्बाणी के मसाई लिखे हैं अब हमने कुर्बाणी करनी है
20:51तो उसके बारे में मालुमात का होना भी जरूरी है
20:54तो इसे लिए मैं ये पढ़ रहा था और इस रिशाले में वो वाकिया है
20:59जिसकी वाज़ा से हम कुर्बाणी करते हैं
21:01मतलब हदरत इस्माईल अलही सलाम और हदरत इबराहीम अलही सलाम का वाकिया
21:07जिसमें हम जन्नती मेंडे की बारे में भी पढ़ सकते हैं
21:10माईशाल्ला
21:19रुको
21:21रुको
21:23रुको
21:26ओहो कहां गिया बक्रा
21:29मैं आही गया आपके पास
21:31लेकिन आप अकेले कैसे आगे
21:33बस मैं बाग आया हूँ
21:35बहुत बुरी बात है ये
21:38अरे वाह प्यार का एसास कितना अच्छा होता है
21:43ये फैजान भाई का बक्रा यहां कैसे आ गया
21:47रसी तोड़ कर आ गया होगा
21:50फैजान भाई का बक्रा
21:51जी शायद रसी तोड़ कर आ गया हो
21:54वो मारते होंगे इसको
21:56इसलिए भागा होगा ये
21:58पता नहीं है मेरे जानवर को भी मारा था
22:00अच्छा जी
22:02ये क्यों भागा था
22:04मुझे क्या पता क्यों भागा था
22:06आपने तंग किया होगा इसलिए ये भाग गया होगा
22:09आपको लास टाइम भी समझाया था
22:11कि जानवर को बिल्कुल भी तंग नहीं करना चाहिए
22:14गहास, चारा और पानी देना हमारा फर्ज है
22:18और इनकी ताकत से ज्यादा
22:20इनसे काम लेना या भूका प्यासा रखना
22:23बिल्कुल भी जायस नहीं है
22:25जी मैंने इतना खयाल तो नहीं रखा
22:27इसलिए तो ये भागा
22:29अच्छा अब आप इसे लेकर जाएं
22:31और इसके खोब खिदमत करें
22:39आपका बक्रा बहुत प्यारा है
22:41जजात लग
22:45आज बाबा घराएंगे तो मैं बाबा से कहूंगा
22:47कि वो बक्रा लेकर आजें
22:53इसे कहते हैं बक्रा
22:55फर्मान भाई
22:57कुर्बानी एक अजीमुश शान इबादत है
22:59लेकिन याद रखे
23:01कि अल्लाः पाक की बारगा में
23:03तकवा यानि परहेशगारी की एहमियत है
23:13अल्लाः के हाँ हर किस ना इनके गोश्ट पहुँझते हैं
23:15और ना इनका खून
23:17अल्लाः तक तुमारी तरफ से परहेशगारी
23:19उसकी बारगा तक पहुँझती है
23:21जो नेक अमल अच्छी नियत
23:23और इखलास के बगएर किया जाए
23:25वो अल्लाः पाक की बारगा में
23:27मक्बूल नहीं
23:29एक हदीस पाक का मफ़ूम है
23:31पाक के नज़दीग सबसे अफ़जल और सबसे पसंदीद आमल
23:33कुर्बानी का जानवर जिबाख करना है
23:35अब तो मैं अपने बाबा से कहुँगा कि
23:37आज ये बकरा ला कर दें
23:39याहू
23:41भाग पेरे बकरे भाग
23:43और तेल भाग
23:45एक मिनट एक मिनट
23:47ये क्या कर रहे हैं आप लोग
23:49कुर्बानी के जानवर को सताना नहीं चाहिए
23:51बलके इनके साथ शफकत और
23:53नर्मी का सुलूग करना चाहिए
23:55जजाक अल्लाहू खईरा
23:57उलाम रसूल भाई
23:59बाबा जान सबके घरों में बकरे और गाया आ नहीं है
24:01आप कब बकरा लेकर आएंगे
24:03बिटा हम कुर्बाने नेक्स्ट येर कर लेंगे
24:05नहीं नहीं नहीं बस इस साल करनी है तो करनी है
24:07बिटा इस साल कैसे करेंगे
24:09बकरा खरीदने के लिए पैसे भी तो चाहिए होंगे
24:11आप किसे सो उदहार ले ले
24:13बाद में भी कैसे देंगे
24:15मुझे अपने भाई से उदहार लेना चाहिए
24:17खर चलते हैं
24:19हो सकता है कोई सस्ता बकरा मिल जाए
24:21हम
24:33भाई ये बकरा कितने का है
24:35पचास अधार का है
24:37आये बिटा घर चले
24:39बहुत महेगा जानवर है
24:41नहीं बाबा
24:43मुझे बकरा चाहिए तो चाहिए
24:45बिटा जित नहीं करते
24:47आप मेरे साथ घर चलिए
24:49घर चलकर बात करते हैं
24:51ओ ये तो स्कूल के पियन है
24:53कहीं मुझे देखके शर्मिंदा ना हो जाए
24:55फैदान भाई
24:57तमाम बकरे बहुत खुपसूरत हैं
24:59अल्लाह की राह में अपनी पसंदीदा चीज़
25:01ही कुर्बान करनी चाहिए
25:03आपके सब बकरे खुपसूरत हैं माशाल्ला
25:05वैसे क्या ही अच्छा होता
25:07कि हर घर में कुर्बानी होती
25:09अगर अल्लाह ने मुसर दी तो
25:11आपके गरीब को जानवर दे दीजिये
25:13ताके वो भी अपने घर कुर्बानी कर ले
25:17भाई ये बकरा कितने का है
25:19पचास आजार का है
25:21आईये बेटा घर चले
25:23बहुत महिंगा जानवर है
25:25नहीं बाबा मुझे बकरा चाहिए तो चाहिए
25:27बेटा जित नहीं करते
25:41अस्सलाम अलेकम वरह्मतु लाहि वबरकातु
25:43वालेकम अस्सलाम वरह्मतु लाहि वबरकातु
25:47अंकल ये बकरा आप रख लीजिये
25:49लेकिन हमारे पास इतने पैसे नहीं है
25:51कि ये बकरा खरेदे
25:53इसको इस बकरा ईद पर आप जिबा कीजेगा
25:55मैं आपसे यही तो कह रहा हूँ
25:57कि हम इस बकरे की कीमत नहीं आदा कर सकते
25:59यह बकरा आपके लिए तोफ़ा है
26:01आप इसको जिबा कीजिए
26:03और इसका गोश्ट भी आप ही खाईए
26:05और हाँ ये पैसे भी रखिये
26:07बकरे की चारे के लिए और कसाई को भी तो देने होंगे
26:09नही नही इतने पैसे तो मैं अपने पास से भी खर्च कर लूँगा
26:11आपकी यही बहुत महरबानी है
26:13ये लिजिये ये आपका बकरा है
26:15बहुत शुक्रिया जजाक अल्ला
26:17अंकल इस तरह जानवर को कुर्बान नहीं करना चाहिए
26:19इसे प्यार से लेकर जए
26:21ये कुर्बानी का जानवर है
26:23इसकी ताजीम कीजिये
26:25इसको तकलिएफ नहीं पहुँशनी चाहिए
26:27और आप बच्चों को भी चाहिए
26:29के इस तरह शोर मत कीजिये
26:31पाई जल्दी से रस्टी निकालो
26:33छूरी तेस करो
26:35शाबाज जल्दी करो
26:37दूसरा जनवर भी किराना है
26:39अंकल जानवर को जिबा करने से पहले
26:41चारं और पानी तो पिलाईई
26:43और हाँ जानवर के सामने
26:45छूरी तेस करने से
26:47अल्ला खिलाँग करो
26:49शाबाच जल्दी करो दूसरा जानवर भी किराना है
26:52अंकल जानवर को जिबा करने से पहले चारा और पानी तो पिलाईए
26:57और हाँ जानवर के सामने छुरी तेस करने से अल्लाह के नभी
27:01सललाहू ताला अलिहिवाईलिवसल्लम ने मना फरमाया है
27:05भाई ठीक है गुलाम रसूल हम ऐसा ही करेंगे जैसे हमारे नभी ने फरमाया है
27:10भाई दूसरे जानवर भी लियाओ सब एक साथ यही जिबा करेंगे
27:13वक्त बहुत कम है
27:15अंकल एक और बात कहनी है
27:17कहिए गुलाम रसूल आप तो अच्छी अच्छी बाते ही बताते है
27:35ये सब बुज़र गाने दिन की तरवियत का नतीजा है
27:40आजे नमान भाई आजे
27:51कितने का लिया है?
27:52एक लाग का है
27:54ठीक है बस कुछ छोड़ा लग रहा है
27:59मेरा क्याल है कि गान अच्छी होती है
28:02जी नहीं बकर अच्छा होता है
28:04चलें बब्लु भाई बाबु अंकल से पैसला करा लेते है
28:07बाबु अंकल ये बताईये गाए अच्छी होती है या बकरा?
28:11बकरा
28:12बाबु अंकल क्या मैं वज़ा जान सकता हूँ?
28:15तरवियत तीन साल पहले गाए ने मुझे लाथ मारी थी
28:20आप मुझे लिया
28:25जब से मैं गाए के बजाये बकरा ही लाता हूँ बकराहित पर
28:31कहका लगा कर नहीं हसना चाहिए ये दिलो को मुरदा कर देता है
28:37ये है बकरा जानदार बकरा
28:40ऐसा बकरा पूरी सोसाइटी में किसी के पास नहीं है
28:43बस बस बस
28:44बस क्या बस बस बस बस ये आज की बात है
28:48कल जब सुबा होगी तो सोसाइटी का हर बच्चा कहेगा
28:52बकरा तो बबलू भाई का है
28:54अभी तो नहीं है ना
28:56अभी मैं अपने बाबा के साथ मंडी जा रहा हूँ
28:59रात तक बकरा लेकर आ जाओंगा
29:01ये आप दोनों किस तरह की बात कर रहे हैं
29:03क्या आपने कुरान करीम की ये आयात नहीं सुनी
29:06ला तफरा इन लाह ला युहिब फरीहीन
29:10इतराओं नहीं
29:11बेशक ला इतराने वालों को पसंद नहीं करता
29:14अस्ताफिर लाह रभी मिन कुली जंबीं वा आतूबु इले
29:19गुलाम रसुल भाई कुर्बानी की एहमियत के बारे में कुछ बताईए
29:22कुर्बानी की एहमियत का अंदाजा इस बात से लगा लीजिये
29:26कि अलऽह के नभी सलली आले ही वाले के फर्मान का मफ़ूम है
29:31जो साहिबे हैसियत हो और कुर्बानी ना करे
29:34वो हमारी ईदगा के करीब ना आए
29:37गुलाम रसुल भाई कुर्बाणी के लिए ओंट की उमर कितनी हुआ नि चाहिए
29:40उंट की उमर कमस कम पाँच साल होनी चाहिए
29:43और गाय की उमर कितनी होनी चाहिए
29:45गाय की उमर कमस कम दो साल होनी चाहिए
29:48घुलाम रसूल, मेरा भी एक सवाल है
29:50बहुत मुश्किल है भई, बहुत मुश्किल
29:53आप सवाल बताईए, मुझे जवाब मालूम होगा तो जरूर बताऊंगा
29:57वरना किसी आली में दीन से मालूम कर लेंगे
29:59भाई, इतने सारे जानवर हर साल बकराईट पर जिबा होते हैं
30:04क्या ये जानवरों का जाया करना नहीं है
30:07इतने पैसे किसी फलाई काम में लगा दिये जाए
30:10बाबु अंकल, इसलाम फलाई और बैबूत के कामों को पसंद भी करता है
30:14और तरगीब भी देता है
30:16और कुर्बाणी के बहुत से फ़वाइध है
30:18इन में से चन्द बाते मैं आपको बताता हूँ
30:21गरीबो को गोश मनपर आता है
30:23जानवर पलने वारो क्योंच जानवर फोरो कनने पर अच्छा मनाफ़ः मिलता
30:27कसाएयो को रोज्गार मिलता है
30:29खालो से इंड्रश्टरि चलती है
30:31कुर्बाणी की खाले गरीबों और मिस्कीनों को मिल जाती हैं
30:34इस तरह हर साल तरोडो खांदानों को रोजगार मोयस्सर आता है
30:38फलाही काम भी होते हैं
30:40हुँ, भै गुलाम रसूल बहुत खुब
30:47आजा मेरे बकरे
30:51अब सब बच्चों को पता चलेगा
30:53बब्लू का बकरा कैसा है
31:06बाबा
31:13यह बब्लू भाई ने अपने बकरे को कपड़े क्यों पहिना दिये है
31:16अब फैजान भाई ने पूछा तो क्या कहूँगा
31:19बब्लू भाई, बब्लू भाई
31:21बाद में मिलेंगे, बाद में
31:24हुँ, कुछ तो गड़बड है
31:28बब्लू भाई, यह आपने इतनी गर्मी में
31:30अपने बकरे को कपड़े क्यों पहिना इँहे
31:32बस वैसे ही, वैसे ही पहिना इँहे
31:35हुँ, कुछ तो गड़बड है
31:38यह बात समझ नहीं आ रही, कि आखिर इस शदीद गर्मी में
31:41बब्लू भाई ने अपने बकरे को कपड़े क्यों पहिना इँहे
31:44यही बात तो मुझे समझ नहीं आ रही
31:46मेरा क्याल है कि बब्लू भाई कोई एव वाला बकरा लाए है
31:49एक तरकीब है मेरे पास
31:51आजे नमान भाई आजे
31:57यह तो बकरी है
32:00यह आप चोरों की तरह बब्लू भाई की घर से क्यों निकल रहे हैं
32:03हम देखने गए थे
32:05क्या देखने गए थे
32:06यही कि बब्लू भाई ने अपने बकरे को कपड़े क्यों पहिना इँहे
32:09लेकिन मालूम हो गया
32:11यही के बब्लू भाई न अपने बकरे को कपड़े क्यों पनाये हुए हैं
32:15लेकिन मालूम हो गया के बब्लू भाई बकरे की जगा बकरी खरीद कर लाये हैं
32:20यह तो बहुत बूरी बात है के आप दूसरों के घर में उसकी इजाज़त के बगएर दाखिल हो
32:25हुँ यह बात तो हम भूल गय थे
32:27आ रहे हैं बब्लू भाई आ रहे हैं
32:29बब्लू भाई बकरी खरीद है आप ले
32:33बहुत बूरी बात है फैजान भाई
32:35इस तरह किसी का मज़ाग नहीं उड़ाते
32:37क्या आपने कुरान करीम की यह आयत नहीं सुने
32:40या ऐयूहल लजीन आमनू लायसखर कउम्मु मिन कउमिन असा ऐन्यकून उखईरम मिन खुम वला निसा उम्मिन निसा इन असा ऐन्यकुन न खैरम मिन छुन
32:50ए इमान वालो मर्द दूसरे मरदों पर न हसें
32:54हो सकता है कि वो इन हसने वालों से बेहतर हो
32:57और ना उर्टे दूसरी उर्टों पर हसें
32:59हो सकता है कि वो इन हसने वालियों से बेहतर हो
33:02और आपको मालूम है बकरी की भी कुर्बानी होती है
33:05और नुमान भाई आप भी
33:07मैं तो कह रहा था
33:09बबलू भाई आप बिला वज़ा परिशान हो रहे थे
33:12आपको मालूम है अंबियाई का राम ने भी बकरिया पाली थी
33:15बकरी भी उन जानवरों में से है
33:17जिनकी कुर्बानी जाईज है
33:19जैसे गाएं और बैल दोनों के कुर्बानी की जाती है
33:22इसी तरह बकरे और बकरी दोनों के कुर्बानी की जा सकती है
33:26लिहाज़ा हमें बिला वज़ा इस पर दन्कीर नहीं करनी चाहिए
33:29बबलू भाई मुझे माफ कर दीजिए
33:31और मुझे भी
33:33इट्स ओके कोई बात नहीं

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