बच्चों के लिए नैतिक कहानी_ ईमानदारी का फल hindi kahaniyan
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00:00नमस्ते दोस्तों, कैसे हो आप सब।
00:03चलो, आज मैं तुम्हें एक सुपर मस्त कहानी सुनाता हूं,
00:07जो न केवल मजेदार है, बल्कि हमें एक महत्वपूर्ण सबक भी सिखाती है।
00:12इस कहानी में हम सीखेंगे की इमानदारी कितनी जरूरी है,
00:16और कैसे ये हमारे जीवन को बहतर बना सकती है।
00:20तो एक बार की बात है, एक गाउं में रवी नाम का लड़का रहता था,
00:24रवी बहुत ही अच्छा और समझदार था,
00:27वह अपने दोस्तों और परिवार के बीच बहुत लोग प्रिय था,
00:30लेकिन उसकी एक खराब आदत थी, वह कभी-कभी जूत बोलता था,
00:35और ये आदत उसे मुसीबत में डाल सकती थी।
00:38मम्मी पापा ने उसे बहुत समझाया, पर रवी नहीं माना,
00:42वे उसे बार-बार बताते थे कि जूत बोलना गलत है,
00:46और इससे किसी का भी विश्वास नहीं जीता जा सकता।
00:51कुछ दिन गाउं में मेला लगा, ये मेला हर साल लगता था,
00:55और सभी बच्चे इसका बेसबरी से इंतजार करते थे।
00:58रवी ने सोचा, चलो, मेले में जाकर थोड़ा मजा करते हैं।
01:03उसने अपने दोस्तों के साथ मेले में जाने की योजना बनाई।
01:06उसने पापा से पैसे मांगे, पापा ने उसे दस रुपे दिये और बोले,
01:11रवी बेटा, ध्यान रखना और इमानदार रहना।
01:15उन्होंने उसे समझाया कि पैसे का सही उपयोग कैसे करना है।
01:20रवी मेले में गया और उसने धेर सारी चीजें देखी।
01:23वहाँ खाने, पीने की चीजें, खिलोने और बहुत सारे खेल थे।
01:28अचानक उसकी नजर एक खुबसूरत खिलोने पर पड़ी।
01:32वह खिलोना बहुत आकरशक था और रवी को बहुत पसंद आया।
01:37लेकिन वह खिलोना बहुत महँगा था।
01:40उसकी कीमत रवी के पास मौजूद पैसों से कहीं ज्यादा थी।
01:44रवी के पास इतने पैसे नहीं थे।
01:47उसने अपने पैसे गिने और देखा कि वह खिलोना खरीदने के लिए परियाप्त नहीं है।
01:52उसने सोचा अगर मैं दुकानदार को बोलूं कि मेरे पास पैसे नहीं है तो क्या होगा।
01:57बस सोच में पड़ गया कि क्या उसे सच बोलना चाहिए या जूट।
02:01रवी ने हिम्मत करके दुकानदार से कहा,
02:03अंकल जी, मेरे पास इतने पैसे नहीं है लेकिन मुझे ये खिलोना बहुत पसंद है।
02:09उसने अपनी इमानदारी से बात किए।
02:11दुकानदार मुश्कुराया और बोला,
02:13गेटा, तिरी इमानदारी देखकर मुझे बहुत खुशी वी।
02:17दुकानदार ने उसकी सच्चाई की सरहना किया,
02:20मैं तुझे ये खिलोना गिफ्ट में दे रहा हूँ।
02:22दुकानदार ने उसे खिलोना उपहार में दे दिया।
02:25रवी बहुत खुश हुआ और उसने दुकानदार को थैंक्यू कहा,
02:29उसकी खुशी का ठिकाना नहीं था।
02:31वो तेजी से अपने पापा के पास गया और उन्हें सब कुछ बताया।
02:35उसने अपने पापा को बताया कि कैसे उसकी इमानदारी ने उसे खिलोना दिलबाया।
02:40पापा ने कहा, देखा बेटा, इमानदारी कितनी बड़ी ताकत होती है।
02:45उन्होंने रवी की तारीफ की और उसे हमेशा इमानदार रहने की सलाह दी।
02:50उस दिन से रवी ने सोच लिया कि वो कभी जूट नहीं बोलेगा और हमेशा इमानदार रहेगा।
02:56उसने अपने जीवन में इमानदारी को अपनाने का संकल्प लिया।
03:00उसने ये बात अपने दोस्तों को भी बताई और सब उसे बहुत चाहने लगे।
03:05उसके दोस्तों ने भी उससे प्रेर्णा ली और इमानदारी का महत्व समझा।
03:10तो दोस्तों, इस कहानी से हमने सीखा कि इमानदारी से हम दूसरों का भरोसा जीत सकते हैं और खुद भी खुश रह सकते हैं।
03:18इमानदारी से न केवल हम अपने जीवन को बहतर बना सकते हैं बलकि दूसरों के लिए भी एक उदारण बन सकते हैं।
03:26अगर हम इमानदार रहेंगे, तो जिन्दगी में कभी नहीं हारेंगे। इमानदारी हमें सच्ची खुशी और संतोष देती है। आज की कहानी बस इतनी ही। मुझे उम्मीद है कि आपको यह कहानी पसंद आई होगी और आपने इससे कुछ सीखा होगा। अगली बार फिर
03:56करता है कि अगली बार फिर करता है कि अगली बार फिर करता है कि अगली बार फिर करता है कि अगली बार फिर करता है कि अगली बार फिर करता है कि अगली बार फिर करता है कि अगली बार फिर करता है कि अ�