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New Released South Indian Hindi Dubbed Movie 2024 |Part 2 New 2024 Hindi Dubbed Action Movie (1) - Trim

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Transcript
00:00चलो, चलो, चलो.
00:30गिली के गुच्छे को काते हैं वैसे उसने काट डाला वो इनसान है की जानवर गोन है वो लोग और कैसा जग्डा अरे ये दो मट के बीच का जग्डा ओर बुड़ने के वाल गया गया है जिनल्याऋन चे वाली चे या या भवल की राड़ा है कि मा चे पर ख�
01:00मैं जब चोटा था तब से ही चलता आ रहा है, और मासुम लोग इसकी बली चरते आ रहे हैं.
01:07मरने वाला कोई भी हो, लेकिन जान तो जान होती है.
01:11जिन्दगी की कीमत पता हो, तो एसा करते ही क्यों?
01:14कबीरा, तुम्हें कुछ पता चला क्या?
01:15हाँ, वही लड़ाई मार बेट का है.
01:17अरे कासी मैं, ऐसा कौन सा दिन नहीं है कि लड़ाई नहीं होती हो? यह कुछ और ही है.
01:22कुछ और है?
01:23कल कुरुजच्छत्र के स्वामी कोतवाल से जाकर मिले.
01:26किसली मिले?
01:27राजकारण से.
01:29राजकारण?
01:30कुरुजच्छत्र के स्वामी को, जो मट के लिए जगा दी थी न, और जो मेरे दादा पर दादा के समय से वहाँ पर रह रहा है, उन लोगों को बाहर निकालने का काम चल रहा है.
01:38कौन बाहर निकाल रहा है उन्हें?
01:40यह कैसे हो सकता है?
01:42यह यह तकलीब दिये बिना, गल्टी किये बिना यह लोग नहीं रह सकते क्या? अचानक उन्हें बाहर कैसे निकाल सकते? बेचारे लोग जायेंगे कहां?
01:51नहीं, हमें इन्हें छोड़ना नहीं है. चलो, चलते हैं.
01:55यह सब लोग यहाँ पर कितने सालों से रह रहे हैं? मुझे इस बस्ती के बारे में और यह जगह कितनी पुरानी है इसके बारे में? क्या आप सब कुछ बताएंगे?
02:14यह लगभग 20 साल से जदा पुरानी है. यहाँ पर आने के बाद, जब यह लोग इस बात के लिए लड़ रहे थे, तभी इन्हें हम लोगों ने यह रहने की इजाज़त दिये.
02:23जब मेरे पापा यहाँ पर आये थे, तब यहाँ पर सिर्फ काटे और पेड़ी थे. यहाँ बस जंगली जंगल था. शेर, चीता, साप, चारो तरफ जानवर ही थे. यही है वो, नूर का बेटा कभीरा. इस जमीन पर घर बनाने में मेहनत कर करके हमारे बाब, दादा की प�
02:54पर यही पापा यहाँ पर देखने करें.
03:13क्या है, क्यों इतना ध्वा हो रहा है?
03:16सबकच आपकी वज़य से हो रहा है.
03:18सुखे हुई घास लेकर आये कहा, तो ताजी घास लेकर आगाए.
03:21क्या करूँ, सुखी घास का ज्यादा पैसा मांगते हैं.
03:25कमाने वाला अकेला हूं, और तेरा बेटा वो दुकान की तरफ देखता तक नहीं.
03:30धन्दे वाले को काम पर ध्यान देना चाहिए, लेकिन इसे तो तलवार पकड़नी है.
03:34कुछ सुनाई दे रहा है? अरे ये क्या कर लिया तुने?
03:38अम्मी, क्या हुआ? क्या हुआ अम्मी? चल गया क्या?
03:44मुझे चोट लगी तो तुझे कितना दर्ध हो गया न? और तु तलवार पकड़ेगा?
03:50बेटा, हाथ में तलवार पकड़ने वालों की सोच में अच्छाई और दिल में करुणा होती ही नहीं.
03:58ये बहुत ही अलग शेत्र है. अभी आया हुआ कोटवाल मुसल्मान है. बहुत ही खडूस है. सुना है उसके खिलाफ जो जाता है उसे उसे जला कर राक कर देता है.
04:07हाँ बेटा, हमारी तो उम्र हो गई है. क्या होगा क्या पता. तेरा और तेरे खाने का ख़यार कौन रखेगा बेटा. ये सब छोड़ दे और चुप चाप शादी कर ले ठीके.
04:21कर ले नहीं ही मा, करनी ही पड़ेगी.
04:23हाँ, वो तो ठीक है, लेकिन मुझे लड़की देगा कौन. तू पहले हाँ बोल बेटा, हमें लड़की पहले से देख रखी है. लेकिन अम्मी जान, मेरे जैसे अनपड़ को अपनी लड़की देने वाला ये पुन्यात्मा है कौन. मिठाई वाला दिलावर.
04:40रुही, मुन्ना, मुन्ना, बैठो, बैठो. मैं आता हूँ, आता हूँ. शक्कर की गुरिया. ये मुन्ना, मुन्ना, मुन्ना. बाबा, बाबा, मिठाई खराब हो जाएगी. ठीक है, मुन्ना, तुम खारो, रुही, मुन्ना, मुन्ना, मुन्ना, मुन्ना, मुन्ना, मुन्न
05:10मुन्ना को पीने के लिए पानी दे दे ना, हाँ?
05:12मैं आता हूँ.
05:22अपनी शादी की बात सुनकर लड़कियां,
05:25होली भी खेलती हैं, रंग भी लगाती हैं,
05:28ये मुझे अब पता चला.
05:29रुही, मुन्ना को थोड़ा गरम नास्टा भी दे दो.
05:32हाँ, बाबा.
05:34ये लो, गरम खाओ.
05:35भाग, मुन्ना, भाग.
05:43गरम नास्टा और गरम कोईला क्या होता है,
05:45मुझे पता नहीं है क्या?
05:47बाब का घर ज़ोड़के तुम्हें जाना पड़ेगा,
05:50इसलिए गुस्सा हो.
05:52हमारे कभीरा के साथ निका करके,
05:55जब तुम घर आओगी ना, तो चारो तरब खुशी होगी, खुशी.
06:07रसूल के आने का इंतजार कर रही है क्या तू?
06:12वो आ गया, देख.
06:18मैंने सुना है तरे बाब ने निका तै कर दिया,
06:20इस गाहों का लड़का हूँ मैं.
06:22तेरे भीना नहीं रह सकता हूँ मैं.
06:25बात नहीं करोगी क्या?
06:27डर लगता है मुझसे.
06:29अरे मैं हूँ ना, ज्यादा सोचो मत.
06:32बस तुम हाँ बोल दो.
06:34हम दोनों यहां से भाग जाते हैं.
06:36कहीं दूर जाकर हम आराम से रहेंगे.
06:37ज्यादा से ज़्यादा चार दिन जगडेंगे ये लोग.
06:40और उसके बाद शांत हो जाएंगे.
06:42आखिर लड़का हूँ मैं.
06:44अम्मी मुझे छोड़कर नहीं रह सकती.
06:46थोड़े दिन बीतने के बाद
06:48हमें ढूनकर वापस बुला लेंगी वो.
06:49तुम्हारी चुप्पी देखकर समझ गया मैं.
06:51तुम्हें मुझसे प्यार ही नहीं है.
06:53अगर तुम मुझसे निका नहीं करोगी न,
06:55तो मेरी राष देखोगी.
07:19मैंने रूही से आपका निकाँ पचास सिक्कों के साथ तै कर दिया.
07:23क्या आपको ये कुबूल है?
07:25कुबूल है.
07:27क्या आपने कुबूल फरमाया?
07:29कबूल है.
07:31अलहंदु लिल्ला.
07:33अलहंदु लिल्ला हे रभी लालेमीन.
07:36अर्रह्मान रहीम.
07:38बासुरी, तंबूरा, जपकी माला..
07:40और आपका ये वेष.
07:42आप किया कोई साधु बाबा हो?
07:45तुमारी नज्रों में मैं किया साधु बाबा दिखता हूं?
07:48देखो, वेश मैं निकाँ पचास सिक्कों के साथ तै कर दिया.
07:53क्या आपको ये कुबूल है?
07:54बासुरी तम्बूरा जपकी माला और आपका ये वेश आप क्या कोई साधु बाबा हो?
08:03तुमारी नजरों में मैं क्या साधु बाबा दिखता हूँ?
08:06देखने से मुझे लगा तो मैंने पूछ लिया, अगर आप साधु ही हो तो मुझे शादी करके यहां पर क्यों लेकर आये हैं आप?
08:14कही भूत प्रेत तो नहीं छुड़वाते हैं आप? विभूती देते हो गया? जादु डोना?
08:22औरे बाबरे, ऐसा कुछ नहीं है.
08:25फिर क्या? हाँ देखते हो? भविश्य बताते हो?
08:29मैंने कहा ना ऐसा कुछ भी नहीं है.
08:31फिर लोग आपके बारे में ऐसा क्यों बोलते हैं? और आप घर से दो बार भाग भी गए थे न? सच है की नहीं?
08:39हाँ सच है, पर तुम्हें कैसे पता?
08:42लोग कह रहे थे कि कबीर को पागल पन चड़ गया है.
08:47मैं तुम्हें पागल की तरह दिखता हूं?
08:49पुरा नहीं लेकिन थोड़ा सा पागल पन दिख रहा है.
08:54आधा पागल पन भी रहता है न?
08:56एक अच्छी च्छत भी नहीं है, एक दर्वाजा भी नहीं है, पता नहीं कान लेकर आ गए, एक पागल सादु बाबा के घर में, मेरे बाबा भी अन्धे हो गए थे, ना घर देखा, ना खानदान देखा, बस पैसे देखे और शादी कर ली, ये सब पता होने के बावजूद
09:26लेकिन क्यों?
09:27अगर मेरे बाबा ने मुझसे एक बार भी पूचा होता तो
09:31और अगर मैंने पूचा होता तो?
09:33शादी होने के बाद, अब क्या पूचना?
09:36क्या आप जवाब दोगे?
09:39हाँ, पूछो
09:40मैं जिस बस्ती में रहती थी,
09:42मेरे घर के पीछे एक अच्छा लड़का रहता था,
09:45सावकार का बेटा था,
09:47वो मुझसे शादी करना चाता था,
09:50आगे?
09:51बाबा ने मुझसे पूचा होता तो, मैं
09:54उन्हें कह देती कि
09:56वो मुझसे प्यार करता है,
09:58और मैं उसी से शादी करूँगी,
10:00आपके साथ मेरी शादी तै हो गई है,
10:05ये बात उस लड़के को पता चल गई,
10:07हम दोनों यहाँ से भाग जाते हैं, ये उसने कहा,
10:11मैं उसके साथ भाग कर चली भी जाती पर,
10:14सच में उससे शादी करना चाथी थी?
10:17और क्या?
10:19मैं उसे जानती थी,
10:21और वो मुझे अच्छे से जानता था,
10:23चै, ये गलत हुआ,
10:26हाँ, ये नहीं होना चाहिए था,
10:28लेकिन मैं अपनी गल्ती आपपर नहीं डाल रही हूँ,
10:33बाबा ने मेरी शादी आपके साथ करवाई है,
10:36अब तक गल्ती मेरी नहीं थी,
10:39लेकिन तुम्हें घर लाने के पाद सारी गल्ती मेरी ही होगी,
10:43ऐसा है तो, अभी आप क्या करोगे?
10:46उसके साथ, अगर तुम खुश रहना चाहती हो,
10:49तो जरूर चली जाओ, उसी के साथ रहो,
10:51अगर ये बात पहले कही होदी,
10:54तो मैं तुमसे शादी करता ही नहीं।
11:00मैं अभी अकेले उसके घर पर जाओ,
11:03वो भी इतनी रात को, उपर से बारिश हो रही है.
11:08तुम्हें अकेले जाने की जरुवत नहीं,
11:10मैं खुज छोड़ कर आता हूँ तुम्हें.
11:12क्या कहा? आप मुझे छोड़ने चलेंगे?
11:16उस लड़के के पास, आज कहा था ना भागना चाहता है.
11:21मुझे वहाँ छोड़ने के लिए, सच में आप मेरे साथ चलोगे?
11:25अगर तुम्हें अकेले जाना है, तो जाओ ना.
11:29अगर कहोगी कि छोड़ कर आओ, तो मैं छोड़ आओंगा.
11:34बोलो, जैसा कहोगी करूँगा.
11:38जयदा सूचो मत, तुम अपने गेहने, कपड़े, सब कुछ ले जा सकती हूँ.
11:43लेकिन वो सब अभी मेरे कैसे हुए?
11:46वो सारी चीजे सासुमा की है ना?
11:49नहीं रुही, वो तुम्हें शादी में मिली.
11:53तुम जहाँ रहोगी, वो तुम्हारे साथ रहेगी.
11:56चलो, चलते हैं.
12:07अरे, यहाँ पर नाओ नहीं है.
12:09तुम डरों नहीं, तुम्हें ज़रासा भी विगाए बिना,
12:12मैं नदी पार कराँगा.
12:13आजा, कंदे में आओ.
12:19मेरे बाबा को आप ही सब कुछ बता देना ठीक है,
12:22कि आप ही ने मुझे वहाँ भेजा है.
12:27मैं आप से कभी-कभी मिलने आया करूँगी.
12:30ठीक है.
12:40मैं आपको एक बात बताओं क्या?
12:43बोलो.
12:43सब लोगों के साथ जगडा मत करना.
12:47अगर कोई आपको मारेगा, तो मुझे दर्ध होगा.
12:50तुम मेरी चिन्ता मत करो.
12:52तुमारा दिल जो कहता है, वो करो.
12:55अब, अब जाओ तुम.
12:58अरे रूही, तुम कुछ भोल गई हो क्या?
13:02भोल गई होती तो, एक ऐसी जिन्दगी खो देती मैं.
13:07फिर वो, वो लड़का, वो क्या...
13:10माफ कर ये, मैं आपके साथ ही रहा हूँ.
13:14रूही, क्यों, क्या हुआ, वापस क्यों आ गई तो?
13:20मुन्ना ने किता मीलि, बोल में हाँ वो साथ भूल गाई था,
13:26तो मैं प्रियाँ देंगा खोला गा रहा हूं.
13:29कुछ प्रियाँ जो तूम चीज़ कर रहता है
13:34रोही क्यों क्या हुआ वापस क्यों आ गई तो
13:44मुन्ना ने कहा था जो संदे को समझ में आया वो मुझे समझ में नहीं आया था
13:50ऐसे कबीर को छोड़कर मैं कहीं और चली गई होती तुझे जो करना है कर
13:56जबरदस्ती नहीं है ये कहकर आपने मेरे दिल में प्यार जगा दिया ऐसे इंसान को छोड़कर जाओंगी तो भगवान मुझे माफ नहीं करेगा
14:08इसलिए मैं अपनी मरजी से यहां वापस आई हूँ आपको छोड़कर मैं कहीं नहीं जाओंगी
14:18मुझे अपना लोगे न आप बोलीए आजाओ जी मुझे उठा लेजे
14:48मुझे अपना लोगे न आजाओ जी मुझे उठा लेजे
14:58मुझे अपना लोगे न आजाओ जी मुझे उठा लेजे
15:08प्यार जो देखा देख़के तंगो पालिया
15:24बहुत पड़ गया है बहुने भी गाना गाना शुरू कर दिया
15:28पती पती दोनों गाना गाते बेठेंगे तो घर का कुछ नहीं होगा
15:32चूप रही है जी नई-नई शादी हुई है बच्चों की
15:36गुण गुणाएंगे नहीं, तो क्या मूफ़ फुला कर बैठेंगे तुम्हारी तर।
15:48राजस, क्या हुआ भाई, सुबा सुबा तुम यहां पर हो, क्या बात है?
15:53अब इस घर में तेरे लिए जगए नहीं है कभीरा, ऐसा बोलकर सारे समान के साथ बाहर फैक दिया मेरे अब्बुने.
15:59अरे बापरे, लेकिन क्यूं किया?
16:01वो क्या है, उस दिन तुने और मैंने दोभेर करी जाकर हमने कोटवाल के साथ जो भेहस्वाजी की थी न, इसलिए.
16:07होना ही था, ऐसे पराकरम दिखाते रहोगे तो कौन सा बाप चुप रहेगा?
16:13जी?
16:14बूलो जी?
16:15मेरा दोस्त राजस आया है, कुछ है?
16:18हाँ जी?
16:19जल्दी लाऊना, चिंता मत कर, कुछ नहीं होगा, तु यही रह, कुछ न कुछ हो जाएगा, मैं हुना.
16:26जी, ये लो जी.
16:33उन दोनों को क्या बना कर दिया बेटी?
16:35सूजी गुड का हलवा.
16:36अच्छी बच्ची.
16:39कितने लोगों को कूटा आपने, कितने लोगों को गिराया आपने, कितने लोगों का सिर काटा.
16:44आप कितने क्रूर हो, हमें पता है.
16:46इसलिए, बाजशास सलामत को हमने कहा था, कि आपको कोटवाल बना कर काशी नगर भेज़ दिया जाये.
16:53लेकिन आप, इतने कमजोर आत्मी हो, हमें पता नहीं था.
16:56शेख साहब, आप किसके सामने कढ़े हैं ये?
17:00सोच समस कर बात किजिये मुझसे.
17:03मुझे कमजोर बोलने की हिम्मत कैसे किया आप?
17:06और नहीं तो क्या?
17:08वो यहाँ पर, वहाँ पर हमें और हमारे मजब को गाली देते वे फिरता है.
17:13यह सब जानने के बाद भी, आपने उसे सजा क्यों नहीं दी? बताईए.
17:17वो एक पागल है, सिर्फिराव आत्मी.
17:21उस पागल से डर रहे हैं आप?
17:24पागल से डर रहे हैं आप?
17:26पागल हो या काफिर हो, आपको बस उसका मुझ बंद करना है.
17:30और अगर आपने वैसा नहीं किया, तो लोग क्या सोचेंगे पता है?
17:34क्या सोचेंगे?
17:35काशी नगर के कोतवाल, एक काफिर लड़के से डर कर पीछे हट गया, ऐसा बोल कर लोग आपर हसेंगे.
17:42अगर ये सब ऐसी चलते रहा, तो हम धर्म गुरु लोग धर्म की रखशा करेंगे, अगर अपने पर बहुत बात है, तो यह कुछ बात हैं कोटे.
17:58अगर आप चुप रहेंगे, तो फिर यहां का राजा हिन्दू है
18:02इसलिए कोटवाल का खेल नहीं चल रहा है, ऐसा लोग सोचेंगे
18:06अगर ये सब ऐसे ही चलते रहा
18:09तो हम धर्म गुरु लोग धर्म की रक्षा कैसे करेंगे?
18:12मैं दिलि के सुलताउन का प्रतिनीधी हूं
18:16और धर्म का भी प्रतिनीधी हूं अभी ये बोलने वाले
18:19आपही है न शेक सहब, धर्म की रक्षा करना
18:24आप जैसे शेख मौली के आतमें नहीं
18:27सिर्फ तुमिं धर्म की रक्षा नहीं करते, हम भी करते
18:30और ये बात तुम्हें याद रहे, लेकिन तुम में और हम में एक फर्ख है।
18:34तुम जैसे शेख मॉली सिर्फ बोलते हैं, लेकिन जानते होना हम एक राजा के राज्य के प्रतिनीधी हैं।
18:42इसलिए जो भी बोलना सोच समझ कर बोलना।
18:46अब सुनु, मैं तुम्हें एक बात पताता हूँ, एक हजार चार सो वर्ष पहले जीसिस क्राइश्ट का धर्म शुरु हुआ, और वो पूरी दुनिया में फैल गया।
18:58और उसे फैलाने वाले कौन थे, यह धर्म गुरु या यह लोग।
19:03अरे लोग सहाब जी, लोग।
19:05बिल्कुल गलत है आपकी सोच, उस धर्म को फैलाने वाले ढंड़ा पकड़ के खड़े रहने वाले राजा थे, समझे क्या? राजा ने फैलाया था।
19:15अगर उसे लोगों के उपर धर्म गुरु के उपर इतना ही विश्वास है, तो वो धर्म ना तो बढ़ेगा और ना ही वो धर्म फैलेगा।
19:23धर्म के नाम पर राज्य सामराज्य पैदा होते हैं, उस राज्य सामराज्य की छाया में धर्म फलता भूलता है।
19:32धर्म की रक्षा करना धर्म के लोग नहीं करते हैं, राजा की तलवार करती हैं, मौली जैसे इंसान राज्य का भार नहीं उठा सकते हैं, सिर्फ तिमाद चलाने वाला ही ये सब कर सकता है।
19:47और कोई भी नहीं, हम अपनी चतुराई से और भावना के साथ खेल खेलते हैं, कही से भी पत्थर फेक कर नारियल के पेड़ पर लटके वे नारियल को गिरा देते हैं।
20:02इंदु मुसलिम सिख हो इसाई इस जग में है भाई भाई फिर एक जगां के लिए क्यूं लडते हैं
20:18सुनो उसे सुनो, हमारि धर्म के विरुदungs..哇ई है वह, सुनो उस गाना गाणे वाले को यहाँ लेकर आउ
20:27अगर कही से भी पथ्थर फेख कर नारियल के पेड़ से नारियल गिरा देंगे आप
20:32तो वो काफिर कही और गाना गाकर
20:35काओ वालो को हम लोगों के खिलाफ भड़का सकता है
20:38सिख साइया
20:45ए ए चलो
20:46कौन हो
20:47चलो
20:48क्या हुआ कहा ले जा रहे हो
20:50बताओ न कहा ले जा रहे हो मुझे
20:53या बता तु क्या गा रहा था
21:12अगर एसी बात है तो घडिर के और भी गान्य तुझे पता हुँगे
21:15हां माल्यक बज एक दो और पता है
21:19वही गाते गात एखोमता रहे थे
21:21अगर ऐसी बात है तो फिर दूसरा गाना भी गा दे तू
21:25हाँ ठीक है गाता हूँ
21:27काले हो या हो गोरे वो देवा है सब के हम सब हैं उसकी सरण में
21:39आ जाना तू भी उसकी सरण में
21:46सारे जग का वो स्वामी तू क्यूं चिन्ता करे है तू आजा उनकी सरण में
21:58तेरे पाप...
21:59बस बहुत खुब बहुत खुब तुम बहुत अच्छा गाते हो
22:05ये तो आपका बड़पण है माली
22:10इसे अंदर ले जाकर खाना खिला दो भर पेट खिलाना
22:15ओ खाना
22:18चल
22:35सुनो इसकी लाश को बाजार के रास्ते पर गुमा कर
22:41इसकी जोपडी के सामने फेक कराना
22:49अगर इसकी लाश को रास्ते के जरिये भेजेगे
22:52पर जो भी देखेगा उसके दिल में डर पैदा हुआ
23:01कभीरा कभीरा क्यों क्या हुआ
23:04गाना गाते हुए मुन्ना कोतवाल के महल के सामने से जा रहा था
23:07सैनिक उसे अंदर ले गए और थोड़ी देर बाद उसके लाश बाहर ले कर आए
23:10और उस लाश को बाजार के रास्ते से यहां ला रहे हैं
23:19कोई भी कभीर का गाना नहीं गाना चाहिए
23:22यह हमारे कोतवाल का हुकुम है अगर किसी ने ऐसा किया
23:25तो यही हाल होगा उसका
23:35इसका खुन किस ने किया और लाश को लेकर कहँ जा रहे हो
23:38हम इस लाश को दफनाने के लिए जा रहे हैं चलो रास्ता छोड़ो
23:41दफन करने नहीं जाने दूँगा
23:44और अगर तुम लोगों को दफन करना ही है
23:46तो हमारे उपर से गुजरना होगा
24:17मना बेटा कहा है तु?
24:21कहा है?
24:23मेरे बेटे
24:25मना बेटे
24:27महती मासूम बच्चा था मेरा
24:31इतनी छोटी उमर में चला गया
24:35देखो मुझे छोड़कर स्वर्ग में रहने चला गया ये
24:39भीख मांग मांग के
24:41काना खिलाता था मेरा बेटा
24:45किसके सहारे अंधी मांग को छोड़कर चला गया
24:48मैं भी तेरी तरह काना काते काते
24:51गली गली गूमोंगी
24:53मम जी
24:54अगर उसने आपको मार दिया तो?
24:56बेटे को तकलीप हुई
24:57तो मांको भी होती है ना बेटा
25:01आप यही पर बैठे रहे मा
25:03हमारे साथ को तोड़ना ही
25:05उसको तवाल शेक पंडित मॉली का उद्देश है
25:08हम लोग सब साथ मिलकर
25:10गाना शुरू कर दे तो
25:12उनका दिमाग खराब हो जाएगा
25:14अभी से ही
25:15हमारा संकल्प शुरू होता है
25:17आप केछाहो
25:20चल दी लग
25:21यह शकूरी पर रहे जो
25:25भल टी है
25:27भल?
25:29भल बांज्य भावा से आते हैं
25:39तनमी पर दुरर्णि ये नामी इसी Woow
25:41हम तक कि यह बेश मारिश मामिले किटी है
25:43देश गिर दे हो
25:45जोडता है जोडता हो
25:46छले करा पूरे जाल है
25:49बेटा उन्ना का अन्तिम सजकार हो गया क्या?
26:07माशाल्लाह माशाल्लाह
26:10बिहार की जंग में जो आपने जीत हासिल की है
26:14उसके लिये तह दिल से हम आपको बदहाई देते हैं
26:18अइसे यादगार दिन में
26:20आपको कोई ना कोई इमारत तो बनानी ही होगी
26:23बाडशाह सलामत
26:25मेरे मर्हुम अबजान
26:26महलुदार लोधी जी के बारे में
26:28आप सबको पता होगा
26:30उन्होने जो युद्ध जीते हैं
26:32उसके बारे में तो लोग शायरी गाते हुए गूम रहे हैं
26:35आपको लगता है कि आपके अबजान की हिम्मत
26:39और शाओरिया के बारे में हम नहीं जानते होंगे
26:41भुजूर, बहुत हिम्मत करके खड़े थे
26:43युद्ध में हमारे अबजान से जीतना छोड़ो
26:46उनके सामने खड़े होने का दम भी नहीं है शत्रों में
26:49अबजान ने एक बार बोल दिया तो
26:52दुश्मन लोग थर्थर्थर्थर कापने लगते हैं
26:55हम जानते हैं, हुजूर
26:57सही है, हुजूर
26:59एक ऐसे शहनशा की याद में
27:01एक बहुत ही सुन्दर इमारत बनाने का
27:04मेरा इरादा है
27:06सुभान अल्ला, बहुत खुँ, बहुत खुँ
27:09वो इमारत अमरित शिला की ही बननी चाहिए
27:12जब सुबा सुबा हम उसे देखे तो
27:15देखते ही रह जाये
27:18जी हुजूर
27:19खर्चे की परवा नहीं है
27:21काम चल्द शुरु होना चाहिए
27:23लेकिन, मुझे इस बात की फिक्र है
27:26कि इस काम को पूरा करने के लिए
27:28गितने मदद पर पूरा करते है
27:30जी हुजूर
27:31तो आप उस इमारत का
27:34जी हुजूर
27:35खर्चे की परवा नहीं है
27:37काम चल्द शुरु होना चाहिए
27:39लेकिन
27:40मुझे इस बात की फिक्र है
27:42कि इस काम को पूरा करने के लिए
27:44गितने मजदूर लगेंगे
27:45कम से कम 3000 मजदूर तो लगेंगे हुजूर
27:48क्या कहा?
27:493000?
27:50हुजूर
27:52कहीं न कहीं से लोगों को उठाकर लेकर आएंगे
27:54चाहिए वो कोई हो
27:56किसी भी प्रदेश के हो
27:58चाहिए किसी भी जाती के हो
28:00मायने नहीं रखता
28:01लेकिन इमारत बंजाने के बाद
28:03उन लोगों का क्या हश्र होगा
28:05सोचना पड़ेगा
28:07कुछ न कुछ करना पड़ेगा
28:09इतने सारे लोगों को कहा से ला सकते हैं
28:11ये मैं बताओ हुजूर
28:13हाँ बताओ
28:15हुजूर ये एक खास बात तो आपको बताई होगी
28:17कि ये सब रहस्य है
28:19आप आज्या दीजिये
28:21अच्छी बात है आईये
28:37आईये आईये स्वामी जी
28:39तश्रीफ रखिये
28:43धन्यवाद जी
28:45धन्यवाद
28:47पिछली बार जब आप यहाँ आये थे
28:49उसके बाद मैं खुदी उस जगे पर जाकर आया था
28:51वहाँ पर रहने वाले लोग
28:53बहुत सालों से उस जगे पर रह रहे है
28:55अच्छा
28:57बाशा सलामत ने खुद हुखम किया है
28:59तो समझली जिए
29:01आप का काम एक हफते में हो जाएगा
29:03सड़ा सुनो
29:05पर अपने खुद जेव करी
29:07अपने अपते बहुत ज़िवन जाचा
29:09यह गए जुड़ी
29:11अच्छा, बाडशा सलामत ने खुद हुक्म किया है
29:18तो समझ लीजी आपका काम एक हफ़ते में हो जाएगा
29:21सरा सुनो, सुनो, ये जो विशाल जगा है
29:29बाडशा सलामत सिकंदर लोदी जी
29:32कुरु छेतर के धर्म छेतर के लिए
29:34सबको ऐसे ही दी गई थी
29:37आद आप से बिनाज़ाइ ससी हो गए
29:45आद काम डिली में उस्पत्मा कराए जाया है
29:52बाडशा में लोगों पर खाना हुआ है
29:58और टिली का सिका हम मते पीछा हो गया थी
30:03अगर किसी ने भी इस वैसले को नकारा तो उसे गोर दंड मिले गा.
30:10सुनो भाईयो, सुनो.
30:21अगर वो हमें किसी दूर गाओं में फेक आये तो क्या होगा?
30:24इमारत बनाना असान है क्या?
30:26काम कराने वाले को मारे दुखी चिन्ता कहां से होगी?
30:28वहाँ पर जाकर लाश बनने से अच्छा है कि हिम्मत करके बोल दो कि हम नहीं जाएंगे.
30:32अगर हम उनकी बात मानते रहेंगे तो वो हमें दबाते रहेंगे.
30:36जो आएगा उसे देख लेंगे.
30:38अगर वो लोग हमारे चार आदमी को मार सकंते हैं,
30:40हम ऊपने एक हम 날 किया?
30:41हमारे पास भी शक्ती है, शल्स्तर है.
30:43हम भी दिखाएंगे.
30:44बाहर पाशेटें!
30:48रक्चाओ, बस करो.
30:50अगर वो आमे आकर मारेंगे...
30:52...तो हम लोग क्या?
30:53கुछ मार कहते रेंगे?
30:54उन्हों लोगों का अतियाचार हम दो उकमे?
30:56एक बात बताता हूं आपोगालोक सुनो...
30:59हन्सा से हन्सां ही मिलती है...
31:01शांति नहीं मिलती...
31:02एक बात बताता हूँ आप लोग सुनो, हिंसा से हिंसा ही मिलती है, शान्ती नहीं मिलती, मार खाके खड़े होने वाले ही असली मर्द होते हैं, कल से हम सब मिलकर, साथ भैटकर, यही पर सचसं करेंगे, भजन करेंगे, चाहे मैना लगे या साल लगे, जब तक ये जगा हमारी
31:33नर्क से भी पूरी यातना दे सकते हैं,
31:35लेकिन हमारे विश्वास को नहीं आरा सकते हैं,
31:39बोलिये, अब सब मेरा साप देंगे.
31:56रुही, अंधेरा हो गया है, दिया क्यों नहीं चलाया?
31:59पूर्य घर में रोषनी तो है, दिय की क्या ज़रूरत?
32:03मुझे तुम्हारी बात समझ में नहीं आई.
32:05मुझे समझ में आगई.
32:07क्या समझ में आगई?
32:09मुन्ना की कहीँवी बात.
32:11कबीरा से अगर शादी करोगी, तो तुम्हारी जिंदगी पूरी रोषनी से भर जाएगी.
32:18ऐसा कहा था मुन्ना ने.
32:20ये बात सच में उसी ने कही थी.
32:22दूद गिरजा इतने अच्छे हो रहे हैं, आटा गिरजा इतने अमीर हो रहे हैं.
32:27लेकिन क्या ये दूद हम पी सकते हैं?
32:30क्या इस आटे से रोटी बना सकते हैं?
32:32घर का मर्द होना मतलब, घर की जिम्मेदारी समहलना.
32:36आपके उपर जिम्मेदारी आये, इसलिए बाबा ने आपकी शादी कराई है.
32:40अपना काम उन्होंने आपपर सौपा है.
32:42मैं तो अपना काम करी रहा हूँ ना.
32:44लेकिन क्या फाइदा? उससे आप चार जनों का पेट भरना तो छोड़ो.
32:49उसमें जो हमने पैसा करच किया है, वो पैसा भी हमें वापस नहीं मिल रहा.
32:54गर के मालिक हो आप. गर में क्या चाहिए और क्या होना चाहिए इसका आपको ध्यान रखना चाहिए.
33:01आखे बंद करने से आखे खोलने तक गर में खत्म होकर बारिश शुरू हो जाएगी.
33:08इस गर में अगर छत नहीं डाली तो सब लोग पानी में तिनके की तरह बह जाएंगे और अपना घर भी खो बैठेंगे.
33:18इसमें से किसी बात को सोचे बगए आप लोगों को मिलाकर समु बनाकर अगर आप सच्चंग करना ही चाहते हैं तो फिर इस घर में तीनों लोगों को जहर देकर चले जाएगा.
33:34रूही क्या कहा? क्या कहा तुमने?
33:38ओ, कबीरा को गुसा भी आता है?
33:41अरे ये गुसा नहीं, ग्रोध है.
33:44दोनों बातों में अंतर है ही क्या?
33:47सच्चंग का मतलब, चार पांच लोगों का एक साथ बैट कर अफीम और गांजा भूँक कर मजाग करना नहीं होता रूही.
33:57ये एक जंग है, ये एक कोशिश है.
34:01अगर हमारे बरबात होने से हजारों घर बच जाते हैं, तो मैं अपना जीवन सफल मानुगा.
34:17अगर हमारे बरबात होने से हजारों घर बच जाते हैं, तो मैं अपना जीवन सफल मानुगा.
34:47क्या हुआ भाई?
34:59एक आदमी है, वो घोड़े से कभीरा के घर पर आया है, और उसके घर के पास कुछ सिवाही भी खड़े है.
35:05अरे यार, हमारा कभीरा हमारे अंदर सत्संग की आग लगाकर, कही वो फूद बाजशा से मिलने तो नहीं गया?
35:14अरे यार, हमारा कभीरा हमारे अंदर सत्संग की आग लगाकर, कही वो फूद बाजशा से मिलने तो नहीं गया?
35:18अरे यार, हमारा कभीरा हमारे अंदर सत्संग की आग लगाकर, कही वो फूद बाजशा से मिलने तो नहीं गया?
35:24अरे यार, हमारा कभीरा हमारे अंदर सत्संग की आग लगाकर, कही वो फूद बाजशा से मिलने तो नहीं गया?
35:29अरे यार, हमारा कभीरा हमारे अंदर सत्संग की आग लगाकर, कही वो फूद बाजशा से मिलने तो नहीं गया?
35:31अरे यार, हमारा कभीरा हमारे अंदर सत्संग की आग लगाकर, कही वो फूद बाजशा से मिलने तो नहीं गया?
35:34अरे यार, हमारा कभीरा हमारे अंदर सत्संग की आग लगाकर, कही वो फूद बाजशा से मिलने तो नहीं गया?
35:37अरे यार, हमारा कभीरा हमारे अंदर सत्संग की आग लगाकर, कही वो फूद बाजशा से मिलने तो नहीं गया?
35:41अरे यार, हमारा कभीरा हमारे अंदर सत्संग की आग लगाकर, कही वो फूद बाजशा से मिलने तो नहीं गया?
35:44या, या जब नहीं आये तो क्या करेंगे?
35:46अगर एसी इस्थिती आये, तो कभीरा के मिलने से पहले हम लोग काशी चौड़ कर चले जाएंगे और कही दूर जाकर अपनी जिन्दगी जीएंगे
35:52इसा कुछ नहीं होगा, कबीरा जरूर आएगा इस बात का मुझे पूरा विश्वास है
35:58घर के अंदर बुला ऐसे क्या बात है, बताये स्वामी
36:01तुम सबका मजाक उडाते वे घूमते रहते हो न, ये सब करना छोड़ दो
36:05दूसरों का मजाक उडाते वे घूमना, कबीरा के लक्षन नहीं होते है
36:10तो फिर, कबीरा का क्या काम होता है, स्वामी जी
36:14शार्दा माता के चरणों में बैठकर, एकांत को अपने में ओडकर, चिन्ता को अगर भुला देंगे
36:20तो कान में स्वर्की अपसरों की खिलखिलाग, और उनकी खनक सुनाई देगी
36:25सिर्फ सुनाई ही देंगी स्वामी जी, वो सामने प्रकट नहीं होंगी
36:29बीच-बीच में ऐसे फाल्तू के सवाल मत पूछा करो तुम, बात कहीं और और चले कहीं और गए
36:33देखो, तुम सच में कवी की रचना हो, एक कवी रत्न हो
36:38और इस कवी रत्त का जो स्थान है, वो काशी नगर की इस मामुली सी जोपडी में तो बिलकुल नहीं है
36:45तुमें तो दिल्ली के, बाच्षा के दरबार में प्रवेश करना चाहिए
36:50बाच्षा बहुत महान है, धर्मशास्तर के बारे में उन्होंने अपार अध्येयन किया है
36:58उनके जिन्दी के धर्शन से सब सीख सकते हैं
37:02आप मुझे आगे बढ़ाने के बात कर रहे है ना
37:06हाँ, एक बार अगर तुम्हारी उनसे पहचान हो गई, तो बात खत्मी
37:12उसके बाद तुम्हें पकड़ने वाला कोई नहीं
37:15और तुम्हारे लिए धन, दौलत के दरवाज्ये खुल जाएंगे
37:18हाँ, फाल्तू में लोगों को डांते फिरते रहते हो तुम
37:21तुम, कबिरा, कभी कभी तुम्हारा बर्ताव मुझे समझ में नहीं आता है
37:26कैसा बर्ताव, स्वामी जी?
37:28तुम लोगों को प्रेम और भक्ती कहते रहते रहते हैं उस बात को लेकर
37:31बात सुनो, देखो, वो सब कुछ अलग ही है
37:35उस जीस को मैंने नहीं कहाता, स्वामी जी
37:37इनसान के प्यार को बढ़ाती है असली भक्ती
37:41गलत समझ लिया है तुमने
37:43भगवान को प्यार करने वाला इनसान, इनसान से भी तुम प्यार करता है ना
37:47अगर ऐसा है तो, उनके जगा उनके लिए छोड़ दो
37:49वो भगवान सिर्फ आपके ही आचारे नहीं है
37:53वो तो हम लोगों के साथ भी है
37:55ये बात आप क्यों नहीं समझ रहे है
37:58इसी एहंकार के वज़े से तेरी धोपडी को जलाया गया था
38:01पहले तु इस बात को समझ ले की तेरी आउकात क्या है
38:04मैं यहाँ पे तेरी मदद करने आया था
38:06और तु मुझे ही घमन्ड दिखा लाया
38:08मेरी बात सुल ले ये सारा सचसंग रोग दे
38:11माफ कर ये सोमी जी
38:12रुही चलो
38:15कबीरा
38:18जाये
38:19अपने बाच्छा को बोल दीजे
38:21बहुत सारे बंधनों को बांधने वाला कबीर
38:24कभी कुछ तोड़ता नही
38:35अरे रैदस
38:36वो देख हमारा कबीरा आ गया
38:52सिर्प सचसंग ही नही कबीरा
38:53उस तरफ नाच गाने की तयारी भी चल रही है
39:15हम यहां से सिधे काशी के लिए जाएंगे
39:18वहाँ पर हमारे खिलाफ आवाजे उठ रही है
39:20इसलिए हम उहाँ खुछ जाकर देखेंगे
39:23कि वो दंगे कौन करवा रहा है
39:25दंगे, कौन से दंगे
39:27यह कौन है दंगा करने वाला
39:29कभीरा का कराया हुआ दंगा
39:31धरम किलिए जो हो रहा है वो दंगा
39:35देखिये जहांपना
39:36प्रजा राजा की संतान की तरह होती है
39:39दुष्मन की फोज नहीं
39:40आज अगर धर्म की महत्य पोर्ण सवा नहीं होती तो
39:44हम भी आपके साथ ही आते हैं
39:46सम्भल कर जाएगे
39:48खुदा हाफिज
39:49खुदा हाफिज
39:50अल्ला हाफिज
39:51चलो भाई चलो
39:53चाहे कुछ भी हो जाए
39:55हम साथ साथ रहेंगे
39:58चाहे बुद हो या सुत
40:00हम साथ साथ रहेंगे
40:02इस भूमी को हम चन्मत करते रहेंगे
40:07इस भूमी को हम चन्मत करते रहेंगे
40:10यही है काफिल
40:12दबीर
40:13आदाग
40:14नमस्ते सोनी जी
40:15तुम्हारा नाम
40:16हमने बहुत सुना है
40:17तुम्हारे साथ
40:18कुछ दिर बात करने की
40:20मेरी ख्वाहिश है
40:21जी कहिए
40:22तुम लोग इस रास्ते पे क्यों बैठे हो
40:24आखिर कर क्या रहे हो
40:26भगवान का भजन कर रहे हैं स्वामी जी
40:28भजन
40:29यहाँ इस रास्ते पे बैठके
40:31यहाँ इस रास्ते पे बैठके
40:33यहाँ इस रास्ते पे बैठके
40:35यहाँ इस रास्ते पे बैठके
40:36यहाँ इस रास्ते पे बैठके
40:37यहाँ इस रास्ते पे बैठके
40:38यहाँ इस रास्ते पे बैठके
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43:52यहाँ इस रास्ते पे बैठके
43:53यहाँ इस रास्ते पे बैठके
43:54यहाँ इस रास्ते पे बैठके
43:55यहाँ इस रास्ते पे बैठके
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43:59यहाँ इस रास्ते पे बैठके
44:00यहाँ इस रास्ते पे बैठके
44:01यहाँ इस रास्ते पे बैठके
44:02यहाँ इस रास्ते पे बैठके
44:03यहाँ इस रास्ते पे बैठके
44:04यहाँ इस रास्ते पे बैठके
44:05यहाँ इस रास्ते पे बैठके
44:06यहाँ इस रास्ते पे बैठके
44:07यहाँ इस रास्ते पे बैठके
44:08यहाँ इस रास्ते पे बैठके
44:09यहाँ इस रास्ते पे बैठके
44:10यहाँ इस रास्ते पे बैठके
44:11यहाँ इस रास्ते पे बैठके
44:12यहाँ इस रास्ते पे बैठके
44:13यहाँ इस रास्ते पे बैठके
44:14यहाँ इस रास्ते पे बैठके
44:15यहाँ इस रास्ते पे बैठके
44:16यहाँ इस रास्ते पे बैठके
44:17यहाँ इस रास्ते पे बैठके
44:18यहाँ इस रास्ते पे बैठके
44:19यहाँ इस रास्ते पे बैठके
44:20यहाँ इस रास्ते पे बैठके
44:21यहाँ इस रास्ते पे बैठके
44:22यहाँ इस रास्ते पे बैठके
44:23यहाँ इस रास्ते पे बैठके
44:24यहाँ इस रास्ते पे बैठके
44:26यह धरम रश्ठ है
44:27यह धरम रश्ठ है
44:29लोगों को मार्क से भटका रहे है
44:32इसके बस एकई सजा है
44:34मरित्यू धन्ड
44:35மिरित्यू धन्ड
44:37इस फकीर को
44:39हाथी के ...ribly shave to
44:42मरवा दो
44:46जी
44:48डरना मत
44:49डरना मत
44:50डरना मत
44:50डरना मत
44:51डरना मत
44:52अविश्वास होता है
44:54कबीरा
45:18कबीर अभी भी माफि मांग लो
45:20जान पक्ष देंगे हम तुम्हारी
45:22हुजूर
45:24किस गल्ती की माफि मांगो
45:26जान देना आपके हाथ में नहीं है तो
45:28आप किसी की जान क्या लोगे
45:30आतियो को छोड़ दो
45:50अविश्वास होता है
45:52कबीर अभी भी माफि मांग लो
45:54जान तुम्हारी
45:56हुजूर
46:20अल्लाह
46:50अल्लाह
46:52अल्लाह
46:54अल्लाह
46:56अल्लाह
46:58अल्लाह
47:00अल्लाह
47:02अल्लाह
47:04अल्लाह
47:06अल्लाह
47:08अल्लाह
47:10अल्लाह
47:12अल्लाह
47:14अल्लाह
47:16अल्लाह
47:18अल्लाह
47:20अल्लाह
47:22अल्लाह
47:24अल्लाह
47:26अल्लाह
47:28अल्लाह
47:30अल्लाह
47:32अल्लाह
47:34अल्लाह
47:36अल्लाह
47:38अल्लाह
47:40अल्लाह
47:42अल्लाह
47:44अल्लाह
47:46अल्लाह
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47:50अल्लाह
47:52अल्लाह
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48:00अल्लाह
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48:04अल्लाह
48:06अल्लाह
48:08अल्लाह
48:10अल्लाह
48:12अल्लाह
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49:00अल्लाह
49:02अल्लाह
49:04अल्लाह
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49:16अल्लाह
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49:20अल्लाह
49:22अल्लाह
49:24अल्लाह
49:26अल्लाह
49:28अल्लाह
49:30अल्लाह
49:32अल्लाह
49:34अल्लाह
49:36अल्लाह
49:38पूर्टा तुमार
49:40पूर्टा तुमार
49:42पूर्टा तुमार
50:08हजूर जड़ा सोचिये
50:12अजात कर दो इसे
50:14सुन फकीर
50:16आज सूरज ढूबने से पहले
50:18तुझे मेरे राज्य से बाहर जाना होगा
50:20तुझे यहां से तड़ी पार किया है
50:22कहीं और जाके सिंद्गी जी
50:24मैं ऐसे नहीं जाने वाला हूँ हुँजूर
50:26जब तक आप वज़ा नहीं देंगे
50:28कि काशी से हमारे लोगों को नहीं भगाएंगे
50:30तब तक यह जगा मैं नहीं छोड़ूंगा
50:32फकीर यह हमारी परचा है
50:34मेरे राज्य में रहती है
50:36फिर यह तेरे लोग कैसे हुए
50:38मेरी जो इक्षा होगी वो होगा
50:40जल तू अब निकल यहाँ से
50:42ठीक है उजूर
50:44मैं चलता हूँ
50:48ए फकीर
50:50कहा जाएगा तू
50:56अपने राज्य में उजूर
50:58तेरा राज्य?
51:00हाँ उजूर
51:02वहाँ देखभाल के लिए नौकर नहीं है
51:04हाती घोडा इन जानवरों के पास बल नहीं है
51:06वजर, सोना, चांधी
51:08ऐसी कोई संपत्ती नहीं
51:10वहाँ पर मेरा, तेरा
51:12ऐसा कुछ नहीं है
51:14मेरा राज्य
51:16बहुती बढ़ा है उजूर
51:18विश्वास और भरोसे से भरा हुआ
51:20मेरा राज्य है
51:22इनसान को प्यार से अपनाने वाला
51:24विशाल राज्य है मेरा
51:26चलता हूँ उजूर
51:56विशाल राज्य है मेरा
51:58चलता हूँ उजूर
52:26विशाल राज्य है मेरा
52:28चलता हूँ उजूर
52:56विशाल राज्य है मेरा
52:58चलता हूँ उजूर

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