औरंगाबाद: केंद्र सरकार द्वारा 2014 में लाया गया स्वच्छ भारत अभियान रंग लाता दिख रहा है। 2 अक्टूबर 2014 को लॉन्च की गई इस योजना के 10 साल पूरे हो रहे हैं। स्वच्छ भारत अभियान ने बिहार के औरंगाबाद जिले के सदर अस्पताल की सूरत भी बदलकर रख दी है। प्रबंधक हेमंत राजन ने आईएएनएस को बताया कि इस योजना से पहले की स्थिति बहुत बदतर थी। यहां कूड़े का अंबार लगा रहता था और हॉस्पिटल आने में भी लोग डरते थे। अस्पताल लावारिस जानवरों का अड्डा बना हुआ था लेकिन आज अस्पताल पूरी तरह से स्वच्छ है। कहीं भी गंदगी देखने को नहीं मिलेगी। इस बिंदु पर कई अन्य कर्मचारी और सदर हॉस्पिटल में उपस्थित मरीजों के परिजनों से भी बात की गई तो इस योजना को लेकर सभी ने प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद कहा। लोगों ने कहा कि 10 साल पहले का जो नजारा था उसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है लेकिन आज जो सदर अस्पताल का दृश्य है वह अकल्पनीय है, स्वच्छता को लेकर लोगों ने प्रधानमंत्री पर भरोसा जताया है।
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00:30अपर इपने परवाद परवाद परवाद परवाद परवाद परवाद परवाद परवाद परवाद परवाद परवाद परवाद परवाद परवाद परवाद पर
01:00परवाद परवाद परवाद परवाद परवाद परवाद परवाद परवाद परवाद परवाद परवाद परवाद परवाद परवाद परवाद परवाद परवाद
01:31पहले कोई केरलेस था, कोई ध्यान नहीं देता था, बहुत गंधी राता था
01:34ठीक से कोई चीज का बेवस्ता भी नहीं मिलता था
01:37पहले हम लोग बीटी में जब सुलक सुलचाले का काम इस्टाट हुआ, तो बहुत कुछ और था, बहुत गंधा था
01:46हम लोग पूरा खाय, खाय, फ़ाय, फ़ाय, फ़ाय, फ़ाय, फ़ाय, फ़ाय, फ़ाय, फ़ाय, फ़ाय, फ़ाय, फ़ाय, फ़ाय, फ़ाय, फ़ाय, फ़ाय, फ़ाय, फ़ाय, फ़ाय, फ़ाय, फ़ाय, फ़ाय, फ़ाय, फ़ाय, फ़ाय, फ़ाय, फ़ाय, फ़ाय, फ़ाय, फ
02:16ाय, फ़ाय, फ़ाय, फ़ाय, फ़ाय, फ़ाय, फ़ाय, फ़ाय, फ़ाय, फ़ाय, फ़ाय, फ़ाय, फ़ाय, फ़ाय, फ़ाय, फ़ाय, फ़ाय, फ़ाय, फ़ाय, फ़ाय, फ़ाय, फ़ाय, फ़ाय, फ़ाय, फ़ाय, फ़ाय, फ़ाय, फ़ाय, फ़ाय, फ़ाय, फ़ाय, फ़ाय, �
02:46इस सर्चता अव्याण की को लेकर
02:50इसके बारे में हम यही कहना चाहेंगे
02:52की जो पहले, जो दस साल पहले की जो इस्तिति थी
02:55बहुत ही बुरा हाल था सदर अस्पताल का
02:59जब 2010 में मेरी जोईनिंग होई थी
03:03पीछे में गंदी नाली का बहाव था
03:07अस्पताल के पीछे आप जा नहीं सकते था
03:10जो किनारे-किनारे वरा पार्थ है हम लोगा
03:12उसमें जल जमाम हमेशा रहता था
03:14परियाप गंदगी थी
03:16उसमें तरव-तरव की जानवर, सुवर वगेरा रहते थे
03:20जिससे अस्पताल में संक्रमन का खत्रा बहुत अधिक था
03:24वो बढ़नी जाता था
03:26हम लोगों को बहुत समस्याय हुई
03:28बहुत जगह हम लोग गए, बाचित किये
03:30उसकी नालय की सफाई के लिए
03:32हम लोग नालय की सफाई के लिए करवाये
03:38हर तरह का पेड़, पौधा, पौधा रोपन भी कराये गया
03:41लेकिन उसमें स्थिति में सुधार नहीं हो रही थी
03:44क्योंकि सदर अस्पताल काफी नीचे अस्थाल पर चला गया था
03:48और रोड उपर हो गया था
03:50इसके कारण से जल जमाव आम हो गया था
03:52बाहर का नाला का पानी सदर अस्पताल में आ जाता था
03:56तो ये भी समस्या से हम लोग जुझे हैं
03:58और उसके बाद हम लोगों ने
04:01एक मिशन सिश्टी अंतरगत में योजना आया था
04:04क्या हुआ था कि सवस्ता के उपर में
04:06हम लोगों ने काम्पेनिंग किया
04:08उसके बाद काया कल्प जो परुगराम आया
04:10उसके लेकर भी हम लोगों ने सजब रहे
04:13और उसमें एक वर्प प्लानिंग हम लोग बनाये
04:15प्लानिंग बनाने के बाद हम लोग नाले की सफाई कराए
04:18उसको धखने की बिवस्ताय कराए
04:20जहां जहां जल जमाँ हो रहा था
04:22उसमें ड्रेन सिस्टम की है
04:24अभी भी कुछ कुछ काज बाकी है
04:26सवस्ता के लिए हम लोग सवस्ता पकवड़ा भी चलाते है
04:29जिसमें डस्ट वीन में है
04:31और उसमें इंफोरमेशन हम लोग
04:33एक साइनिस के माध्यम से देते है
04:35कैसे चीज़ों को यूज़ करना है
04:37डस्ट वीन में सभास डस्ट वीन का प्रियोग करना है
04:39सोचाले में जाने से पहले क्या करना है
04:41सपाई करना कितनी देर करना है
04:43कचड़ा का कुड़े कुड़े दान में ही डालना है
04:45इस तरह का केम्पेनी हम लोग करते भी हैं
04:47और एस्टेरिलाइजेशन के लिए
04:49हम लोगों ने एक केम्पेनी किया था
04:51अंदर में
04:53सिस्टर के द्वारा जो भी हमारे
04:55सिस्टर इंचार्ज है
04:57उनको हम लोग हैंड़वासिंग के बारे में
04:59शिखाते भी हैं
05:01बताते हैं कि हैंड़वास कितनी देर में कैसे करना
05:03सिस्टर स्टेप के बारे में बताया जाता है
05:05संकरमन से कैसे बचना चाहिए
05:07खुद बचना चाहिए
05:09हम अपने बच्चे को बदल सकते हैं
05:11यह सब चीज़ में बहुत सुधार हुआ है
05:13दस सालों में बहुत परिवर्धन हुआ है
05:15बहुत ज़्यादा सरफल है
05:17यह उनके दुबारा बहुत ही अच्छा सोच है
05:19उसका परिणाम आज यह है
05:21सदर अस्पताल में हर जग साथ सपाई होने लगी है
05:23लोगों में एक जागरूप
05:25अभी लोग जागरूप हो गया है
05:27चीज़ों को समझने पहले
05:29लोग ठूक देते थे कहीं भी
05:31और कहीं भी कच्रा को फेक देते थे
05:33यहां जानवार छोड़ देते थे
05:35बहुत सारे चीज़ था
05:37इसमें बहुत सारे बदलाव है
05:39आज की देज़ में सभी चीज़ों में
05:41लोगों में जागरूपता फैला है
05:43लोग समझे हैं
05:45मुझी जी की योजनाव को
05:47सजगता से लिया है
05:49आगर बढ़ना चाहिए
05:51प्रसाहित करना चाहिए
05:53उनके कारी योजनाव को
05:55मैं ही कहूँगा कि ये योजना बहुत ही अच्छा है
05:57और बहुत सराहनिय कदम रहा है