हमें गुस्सा क्यों आता है? गुस्सा आने का असली कारण क्या है? आईये जानें पूज्य नीरु माँ से अपने क्रोध की समस्या को हल करने के सरल उपाय।
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00:00मुझे गुशा बहुत आता है तो उसका क्या करूँ?
00:21तो क्रोध आने का सबसे कौमन कारण क्या है?
00:27सामान्य कारण, सब में ये लिखाई देता है क्रोध आने का कारण.
00:33तो क्या है? एक तो, जब हमारी मरजी के मुतावित कुछ नहीं होता है,
00:43तब गुशा आजाता है. हमारी मरजी के मुतावित होता है,
00:46तो कोई परॉबलेम नहीं है, आनन, आनन, आनन देता है.
00:51लेकिन हमारी मरजी के खिलाब कुछ हो गया, तो फ़ुरण गुशा आजाता है.
00:56आजाता है न? ति जाए ममी हो या पापा हो, कोई भी हो, गुशा आजाता है.
01:05शायद पापा के सामने नहीं बोल पाते हो, लेकिन ममी को तो कुछ भी बोल देते हो गुशे में.
01:14होता है न ऐसा, कि पापा को भी बोल देते हो, पापा को नहीं बोल देते हो, अच्छा है.
01:24तो यह गुशा बहुत खतरनाक चीज है क्या, अच्छी नहीं है.
01:31यह इससे हमें बहुत अशान्ती हो जाती है, हमारी वज़े से घरवालों को भी अशान्ती.
01:37अगर अपने मित्रों पर गुशा आ गया, तो उनको भी अशान्ती कर देते हैं.
01:44तो यह अच्छी चीज नहीं है, तो इसका प्रतिकमन करना चाहिए, क्योंकि इससे आपके गुशे से औरों को कितना दुख होता है, होता है न?
01:53हाँ, होता है.
01:54तो यह गलत चीज है, इससा नहीं होना चाहिए.
02:01और दुसरा कारण है, हमारी बात सामने वाले को समझ में ना आये जल्दी, एक बार, दो बार, तीन बार कहने पर भी, तो फिर हमारा दिमाग आउट हो जाता है.
02:16जैसे कि आप बड़ी भाई होते हैं, अपने चुटी भाई, बेन को कुछ कहते हैं, तो नहीं मानते हैं, समझते हैं, तो आउट हो जाता है.
02:28तो यह समझने का जो ग्रास्पिंग पावर है, उसमें डिफरेंस होने के वज़ज़ से इसा होता है.
02:37तो हमें ही अज्जस्में लेना चाहिए, हमारे आर्पियम पास्ट है, सामने वाले के लो है, इसके वज़ज़ से सामने वाला हमारी हाई आर्पियम वाली बात नहीं समझ रहा है.
02:52तो उस समय हमारे आर्पियम हमें लो करना चाहिए, लो वाला नहीं हाई कर पाएगा.
03:07समझ वाले के लो करना चाहिए, लो वाले के लो करना चाहिए, लो वाले के लो करना चाहिए, लो वाले के लो करना चाहिए, लो वाले के लो करना चाहिए, लो वाले के लो करना चाहिए, लो वाले के लो करना चाहिए, लो वाले के लो करना चाहिए, लो वाल