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Maharana Pratap Singh ke itihasik yudh, Haldighati ke baare mein janiye! ️ Maharana Pratap ne Akbar ke khilaf apni veerata ka pramaan diya. Bharat ka veer putra Maharana Pratap ki jang ke baare mein aur unki legendary fight ke bare mein explore kijiye. Haldi Ghati ke yudh mein Maharana Pratap ki jaan kisne bachayi, aur Jhala Bida kaun tha? Jhala Bida ne kaise Maharana Pratap ki jaan bachayi? Is video mein aapko milenge jawab!

Man Singh, Akbar aur Maharana Pratap ke beech ke is maha yudh ki kahani ko dekhiye, jo ab trending aur viral ho chuki hai. Aaj hi dekhiye aur janiye Haldi Ghati ki history aur Maharana Pratap ki veerata ka adhyayan. Shorts mein trending aur viral content ke liye subscribe karein!
Transcript
00:00हल्दी घाटी की धर्ती पर जब महाराणा पृताब का जीवन खत्रे में था, एक योध्धा ने अपनी पहचान मिटा दी, ताकि इतिहास महाराणा को अमर बना सके.
00:07वो वीर था ज्ञाला बीदा, जिसे दुश्मनों ने महाराणा समझकर अपनी तलवारों से लहु लुहान कर दिया.
00:13ज्ञाला बीदा, जिने ज्ञाला मान के नाम से भी जाना जाता है, का जन्म 15 मैं 1542 को राजराणा सुर्थन सिंह जी और राणी सेमकामवर के घर हुआ था.
00:21वह गुजरात के हलवद में मकवाना राजपूतों के वीर वंशज थे, उनके पूर्वज ज्ञाला अज्जा और सज्जा ने मेवार और महाराणा की रक्षा के लिए पीढियों तक प्राणों की आहुती दी थी.
00:31ज्ञाला बीदा के पूर्वजों को महाराणा सांगा ने अजमेर का ठिकाना दिया था.
00:35खानवा के युद्ध में जब महाराणा सांगा गंभीर रूप से घायल हो गए, तब ज्ञाला अज्जा ने राणा का प्रतीक चेहन पहन कर युद्ध की कमान संभाली और वीरगती को प्राप्थ हुए.
00:44यही साहस और बलिदान का जजबा था, जो ज्ञाला बीदा को विरासत में मिला था.
00:481576 महाराणा प्रताप, अकबर की विशाल सेना के खिलाफ, हल्दी घाटी के युद्ध के लिए तैयार थे.
00:53युद्ध से पहले कच्वाहा मान सिंह महाराणा के पढ़ाव के पास पहुचे, सभी सामन्तों ने मान सिंह पर हमला करने का प्रस्ताव रखा, लेकिन ज्ञाला बीदा ने मान सिंह पर हमला करने के प्रस्ताव का विरोध किया.
01:04उनका मानना था कि धोखे से युद्ध जीतना वीरता नहीं, अठारह जून 1576, हलदी घाटी का युद्ध शुरू हो गया.
01:10महाराणा प्रताप और उनकी सेना ने मुगलों का डट कर सामना किया, लेकिन जब चेतक घायल हो गया और महाराणा खुद गंभीर रूप से घायल हो गया, तब ज्ञाला बीदा ने वो किया, जिसे इतिहास ने हमेशा याद रखा.
01:20ज्ञाला बीदा ने महाराणा की अंगरखी पहनी और उनकी जगह मोर्चा संभाला, दुश्मनों ने उन्हें महाराणा समझ कर हमला किया, भयंकर युद्ध के बाद ज्ञाला बीदा ने वीरगती प्राप्त की, लेकिन उन्होंने महाराणा को सुरक्षित निकलने का समय द
01:50उनकी वीरता की कहाणी सद्धियों तक जीवित रहेगी
01:53अगर आपको ये वीर गाथा पसंद आई, तो इस वीडियो को लाइक करें, चैनल को सब्स्क्राइब करें
01:57और ऐसी और कहाणियों के लिए बेल आईकन दबाए

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