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भेड़िया 2 HORROR STORY | BHEDIYA PART 2 | HINDI KAHANIYA | HINDI STORIES
भेड़िया Part 2 | BHEDIYA IN UP | UP REAL STORY | HINDI BEDTIME STORY
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FunTranscript
00:00अप तक आपने देखा सेट, हरिलाल और उसका नोकर बिर्जू गाओं से दूर दूसरे गाओं में आम बेचने के लिए जाते हैं।
00:18उस दिनों से मंगलपूर गाओं में यह अफा फैली हुई थी कि गाओं से बहार जंगल में रात को जंगली जानवर लोगों का शिकार कर रहे हैं।
00:28आते समय सेट और बिर्जू का सामना एक खुंखार और भेहंकर भेडिये से होता है।
00:34भेडिया सेट को उठा कर जंगल में ले जाता है और सेट एक खुंखार आदमखोर भेडिये में बदल जाता है। अब देखे आगे।
00:44अरे अरे ये क्या हो गया मेरे सर में अरे मैं तो कल से यही इस जंगल में बिखोश पड़ा हूँ अरे नहीं और और और सेट जी अरे नहीं सेट जी का क्या हुआ वे तो बहुत भेहंकर भेडिये में बदल गए थे अरे आब क्या होगा
01:12मुझे चलदी से इस भेहंकर जंगल से निकल जाना चाहिए और गाउं में जाकर सब को भेडिये की सूचना देनी चाहिए हा हा हा यही सही रहेगा अरे ये क्या हो गया है
01:30फिर बिर्जू जैसे तैसे जंगल से निकल कर अपने गाउं पहुंसता है भागो भागो भागो भागो अरे अरे क्या हुआ तुझे तुने क्या दिन में ही भूत देख लिया क्या हा हा हा हा अरे पर ये तेरी हालत किसने की अरे मैं इसको जानता हूँ यह तो सेट हीरलाल क
02:00भैयी बंचाओ
02:05मुझे बंचाओ यार
02:08तुम भी बंच़ो।
02:11अपने घर में जाके सबको बता तो
02:14वो आगया है
02:16वो किसी को नहीं चोड़ेगा
02:20बंचाओ बंचाओ
02:22अरे अरे
02:24किसको बंचाओ पर
02:26कौन है वो जिस से तुझे इतना तर लग रहा है बला
02:31अरे भाई अरे भाई वह भौत खतरनाक है
02:39काला आदम खोर जो किसी को नहीं छोडेगा
02:46सब को मार डालेगा वो
02:50अरे अृरे भाई लगता है ये तो पागल हो गया है
02:54मैं तो कहता हूँ इसके सेठ हीरालाल को यहां बुला लो
02:58यह उसी के सामने ही सब पताईगा कि इसे भला किस शोरी लग रहा है
03:02अरे अरे अरे सेड जी सेड जी से ही तो आदम खोर भेडिया बन गये हैं
03:13और वो किसी को नहीं चूडेंगे
03:17'' क्या.''
03:18''अरे.''
03:19''ये, ये, ये,ये क्या बोल रहा है तू!!''
03:22''अमेela कुश समज्मे नहींं आरा?''
03:24''शामू भाई। तू एक काम कर।''
03:27''हम सब इसको लेकर''
03:29''मेरे घर जा रहैं।''
03:30''तू वही ैसके सेड के साथ मेरे घर आ जाणा।''
03:33फिर गाउंगे कुछ लोग भीर्जूक को अपने घर ले जाते हैं
03:39वहीं दूसी तरफ බामू जल्दि सेेट जी की दुखाण पर जाता है
03:44झेट जी ! शामू भाई ! क्या हुआ
03:50सेट जी काहें
03:53शामू भाई भाईया तो दुकान पर है ही नही वे तो कल सूबा से ही आम बेशने के लिए दूसरे गाउ में गए थे
04:00भाई वो तो सब ठीक है पर तुमारे यहाँ पर काम करने वाला एक मज़दूर हमें गाउं के जंगल के पास चक्णी हालत में मिला
04:08वे बहुत गबराया हुआ है भाई और पता नहीं अजीब अजीब सी बाते कर रहा है अच्छा कोन है वो चल भाई तू मेरे साथ ही चल हाँ हाँ हाँ हाँ भाई चलो चलो चलो फिर वे दोनों फटाफट बिर्जू के पास पहुँच जाते हैं अरे अरे ये तो बिर्जू है
04:38सेड़ जी सेड़ जी बचा लो बचा लो सेड़ जी बचा लो
04:42सेड़ जी मैं किसी को नहीं छोड़ेगा सेड़ जी किसी को नहीं
04:46अरे अरे पर हुआ क्या है तू क्यों इतना गबराया हुआ है
04:51फिर बिर्जू पिछली राज जंगल में जो कुछ भी हुआ सब बताता है
05:21यह सब सुनकर सभी गाँवाले हैरान हो जाते हैं
05:40अच्छा तो तेरे कहने का मतलब है कि भेडिये के वार से भाईया एक आदमखोर भेडिया बन गए है
05:47जी जी जी जी जी जी सेड़ जी जी सेड़ जी जी जी जी जी जी जी जी जी जी जी जी जी जी जी जी जी जी जी जी जी जी जी जी जी जी जी जी जी जी जी जी जी जी जी जी जी जी जी जी जी जी जी जी जी जी जी जी जी जी जी जी जी जी जी जी जी जी जी जी जी ज
06:17नमन यार ये भी तो हो सकता है कि तुम्हारे भईया वही जंगल में गायल हलत में पड़े हुए हूँ
06:25हूँ अरे अरे हा तुमने सही कहा मेरे भईया मुझे अभी जंगल में जाना होगा मेरे भईया जरूर किसी मुसीबत में है
06:36हा हा हा भाई मैं भी तुम्हारे साथ चलता हूँ जंगल में हा हा हा हा हा भाई चलो चलो चलो
06:42फिर नमन और गाउं के कुछ लोग सेट को ढूनने के लिए बेजू के बताई हुई जंगा पर चले जाते हैं
06:50जैसे ही वे सब जंगल में जाने लगते हैं जंगल और भी जादा घना और डरावना हुने लगता है
06:58तभी एक भेडिये की रोने की आवाज आती है जिसे सुनकर सब तर जाते हैं
07:06अरे अरे अरे बाई ये जंगल में कैसी कैसी आवाजे आ रही है चलो चलो यार हमें हमें हमें वापस चल लेना चाहिए
07:18नहीं नहीं दोस्त हमें उस जंगा पर जाकर पता लगाना ही होगा कि आखिर ये माजरा है क्या
07:26और फिर वे लोग जंगल में आगे चलने लगते हैं थोड़ी देर के बाद आखिरकार वे सब बताई हुई जंगा पर पहुँच ही जाते हैं
07:38अरे अरे यहां तो हमने सब जंगे अच्छे से देख लिया पर भाईया का कहीं कोई पता नहीं चला आखिर भाईया है कहा
07:48फिर वे सब वापस गाउ में लोट आते हैं थोड़ी देर बाद शाम से रात हो जाती है
07:58अरे अरे अरे भाई यह सब क्या क्या सुनने को मिल रहा है गाउ में भाई शामू मुझे तो लगता है सेट अपने काम से कहीं और निकल गया होगा और यह उसका नोकर रात को पी के खामका ही मन धडंग खानिया बनाये जा रहा है
08:16हाँ भाई क्या तो तुम सही रहे हो चलो भाई अग तो गाउ में ही चोकनना रहना पड़ेगा आजकल गाउ से ही लोग गुमशुदा जो हो रहे है
08:28चल भाई शामू मेरा घर तो आ गया तू भी अपने घर ठीक ठाक से पहुंच जाना
08:34फिर शामू अपने घर की तरफ चल पड़ता है
08:38तभी थोड़ी दूर जाने के बाद अचानक से उसके आसपास कुछ अजीब सी आवाजिया आने लगती है
08:45जैसे की मानो उसका कोई पीछा कर रहा हूँ
08:50अरे अरे अरे को कोन है वहाँ
08:58तभी उसे एक साया दिखाई देता है
09:02जैसे की मानो कोई भिर्ये की शकल का इंसान उसके पास से ही गुज़रा हो
09:09अरे अरे अरे भाई भाई भाई कोन है वहाँ
09:14चल चल चल शामू जहां से दल्दी से निकल जा
09:21ओर ओर कहीं ए बिड़जू की बाद सचतो नहीं ए जङकल का आतम खोर जाँवर है
09:29कहीं ओरनही रहे नहीं कहीं death commit
09:32कहिं वही तो नहीं आ गया चल चल चल चल चल चल चल चल चल
09:37अरे नहीं आरे आरे नहीं
09:40अरे नहीं, क्या करूँ, पीछे मुड़कर देखी या भाग चलूँ, क्या करूँ
09:53फिर जैसे ही शम्भू पीछे मुड़कर देखता है उसके भोष उड़ जाते हैं
10:00पास की ही जाडियों में एक बहुत बड़ा आदम खोड भेडिया जिसका शरीर आदा भेडिया और आदम मानव जैसा होता है
10:10नहीं, भागो, भागो, भागो, भागो
10:17यह देखते ही शम्भू जैसे ही वहां से भागने लगता है वैसे ही वह भेडिया उस पर अपने नूकीले पंजों से भार कर देता है
10:29ओ शम्भू वहीं गिर पड़ता है
10:32अरे, अरे, अरे, बचाओ, बचाओ, कुई है, कुई है, बचाओ, बचाओ, बचाओ
10:47बहुत समय पहले की बात है, मंगलपूर गाउं में सोमेश नाम का आदमी अपनी पतनी के साथ रहा करता था
11:00दो साल पहले सोमेश के माता पिता का एक कार एक्सिदेंट में बेहांत हो जाता है
11:07जिसके कारण सोमेश बहुत ही अकेला पड़ जाता है
11:12सोमेश बहुत ही जिद्दी और किसी की बात ना सुनने वाला व्यक्ति था
11:18उसकी पतनी कमला उसे बहुत समझाती के हमें पोजा पाट और दान धरम करना चाहिए
11:26पर सोमेश कमला की एक ना सुनता और सिर्फ हर समय अपनी ही चलाता
11:33फिर एक दिर कमला अपने पती सोमेश से लड़ जगर कर दुखी होकर अपने घर के बाहर बैठी होती है
11:43कि तभी एक सादू महात्मा वहाँ से गुजरती है
11:47वे कमला को देखकर उसके पास आते हैं और बोलते हैं
11:52क्या हुआ बेटा तुम क्यों इतना परिशान हूँ
12:03मैं उने इतना समझाती हूँ कि आप पूजा करे करो अच्छे काम करे करो
12:10पर वो कभी भी मेरी बात नहीं मानते
12:13इनके माबाब जी का दिहान हुए दो साल हो गए है
12:18लेकिन इन्होंने उनके नाम की पूजा अभी तज नहीं करवाई
12:22मैं क्या करूँ
12:24भावजी अपनी आग बंद करके अंतर ध्यान हो जाते हैं
12:28और फिर थोड़ी देर बाद बोलते हैं
12:31बेटा तुम सही कह रहे हूँ
12:34तुमने अपने पित्रों की कोई भी पूजा नहीं कराई है
12:37और नाहीं कोई शराद निकाला है
12:40इसी कारण तुमारा पती तुमारी नहीं सुनता
12:43हमारे पुर्वर्च देव लोग से
12:46हमारी और हमारे गर की रक्षा करते हैं
12:49और हमें बोरी शक्तियों से बचाते हैं
12:52अगर तुमने पूजा नहीं करवाई
12:55तो आगे और भी बहुत सी काले शक्तिया
12:58पर बाबा जी फिर हमें क्या करना चाहिए
13:01तुम्हें अपने मा बाबो जी का शराध करना होगा
13:04जिससे वे प्रसन होकर तुमारे गर की रक्षा करेंगे
13:07ये कहकर बाबा जी वहाँ से चली जाते हैं
13:10फिर शाम होते ही कमला घर पर
13:13अपने पती का इंतिज़ान कर रही होती है
13:16सोमेश के आते ही कमला जू कुछ भी हुआ
13:19सब सोमेश कुछ बताती है
13:22कमला की बात सुनकर सोमेश कुछ बहुत गुस्ता आजाता है
13:25अरे ये सब बाबा मामा का चक्कर में
13:28तु कहा पढ़ रही है ऐसा कुछ नहीं होता
13:43हमें मा बाबो जी के लिए पूजा तो करवानी ही चाहिए
13:46अरे कमला तु नहीं समसती इन बाबाओं को
13:49ये ऐसे ही पहले हम भला सुसला लेते हैं
13:52और फिर घर को लोट के भाग जाते हैं
13:55अजी आप ऐसा क्यों बोल रहे हो
13:58हमें अबने मा बाबो जी की आत्मा की शांती के लिए
14:01पूजा तो करवानी ही लेनी चाहिए
14:04मुझे कुछ नहीं सुनना
14:07मैं इन सब चक्रों में नहीं पढ़ता
14:10और नहीं इन बातों पर विश्वास करता हूं
14:13सोमेश गुसे में ऐसे ही बिना खाना खाये ही सो जाता है
14:17फिर आदी रात को अचानक से सोमेश की आग खुलती है
14:21सोमेश को घर के बहार के बहुत ही अजीवों गरीब आवाजे आ रही होती है
14:27वै खिर्की से बहार देखता है
14:29तो उसे कोई नहीं दिखता
14:32फिर वै डर्डे डर्डा घर से बहार जाकर देखता है
14:36कि कहीं कोई चोर तो नहीं गुस आया है
14:39सोमेश से घर से थोड़ी दूर ही जंगर शुरू हो जाता था
14:42जंगर से इतनी ड्रावनी आवाजे आ रही थी
14:46कि सोमेश बहुत जादा घबरा जाता है
14:49तभी उसकी नजर जंगर में एक पेड़ पर पड़ती है
14:53पेड़ के पीछे मानो ऐसा लग रहा होता है
14:57कि कोई ना कोई खड़ा है
14:59सोमेश पेड़ के पास ही बनी परचाई को देखकर
15:03बहुत ही जादा घबरा जाता है
15:05उसकी तो मानो सास्य रोग जाती है
15:08तभी मानो पेड़ के पिछे से कोई अचानक से चाकता है
15:13उसे देखकर सोमेश बहुत जादा डर जाता है
15:17और तभी की तभी तँरण घर कि दरव भागता है
15:21भूत,भूत, भूत
15:24सोमेश की आवास सुनकर कमला तुरण जाग जाती है
15:28फोमेश घर पर आते ही कमला को जो कुछ भी होन सब बताता है।
15:34हा हा हा मैंने तो आपको पहले ही कहा था रजी
15:38कि पित्रों के पूजा करानी बोध भी ज़रूरी है।
15:41उन बाबा जी ने सही ही कहा था
15:44पूजा नहीं हुई तो बुरी शक्तियों का साया
15:47हमारे गल घर में चरूर आएगा और आप है कि मेरी एक नहीं सुनते।
15:54सोमेश कुछ नहीं बोलता
15:57फिर अगली सुबर सोमेश अपने काम पर चला जाता है
16:01और कमला रात को जो कुछ भी हुआ उससे इतना डर जाती है
16:06उससे समझ ही नहीं आ रहा होता है कि वे क्या करे
16:17बाबा जी के पास जाने का फैसला करती है
16:20बंबु बाबा जी बाबा जी मेरे और मेरे पती को बचा लीजिये
16:25हमें उस चुडेल से बचा लीजिये बाबा जी
16:29क्या हुआ क्या हुआ बेटा तुम क्यों इतना परिशान हो
16:33और कौन सी चुडेल जिसे तुमें खत्रा है
16:36फिर कमला रात को जो कुछ भी हुआ सब बाबा जी को बताती है
16:41बाबा जी आग बन करकर अंतर ध्यान हो जाते हैं
16:46और थोड़ी देर बाद बोलती है
16:49बचा मैंने तुमें पहले भी बताया था न
16:53कि यह सब तुमारे पुरवचनों और अपने मा बापू जी के शराद ना करने के कारण हो रहा है
17:00तुमें अपने पुरवचनों की पूजा करनी चाहिए
17:03मैं इन सब बुरी शक्तियों से तुमारी रक्षा करेंगे
17:08पर हाँ बाबा जी आब आप भी बताये कि हमें क्या करना चाहिए
17:13आब आप जो कहोगे मैं वो करूँगी इन संकर्ट से हमें बचा लीजिये बाबा जी
17:19ठीक है बच्चा तुमें अपने स्वर्गे मा बाबू जी की आत्मा की शांती के लिए पूजा करनी होगी
17:27जिसे वे खुश होकर तुमारी और तुमारे पते की रक्षा करेंगी
17:31फिर बाबा जी सोमेश के माता पिता की आत्मा की शांती के लिए पूजा करती है
17:37ये लो बच्चा ये भूबूती है ये तुमारे घर पर आई सभी काले शक्तियों से तुमारी रक्षा करेंगी
17:45फिर राद में सोमेश जैसे है अपने घर के पास पहुँसता है उसे वही सब आवाजे आने लगती है
17:53वे बहुत ही जादा घवरा जाता है और भूद भूद चिलाने लगता है
17:59तबी वे चुड़ेल सोमेश के बिकुछ सामने आ जाती है
18:03सोमेश के तो मालो खुश ही उड़ जाती है रहे डर के मारे कापने लगता है
18:10खा जाओंगी खा जाओंगी
18:15तभी कम्रा भी अहाँ आ जाती है
18:19चुड़ेल की काली शक्तिया जैसे ही सोमेश के अंदर परवेश करने को होती है
18:24तभी आस्मान से एक सफेद रोशनी सोमेश और सोमेश की पत्नी के आसपास परुत्र शक्तियों का गोला बना देती है
18:34जिसे देखकर सोमेश और उसकी पत्नी हैरान हो जाते हैं
18:39उन्हें सामने ही अपने मा बापु जी के दर्शन होती है
18:44सोमेश बहुत ही खुश हो जाता है
18:46जैसे की मानो उसके माता पिता सर्ग में बैटकर उसके परिवार की रख्षा कर रहे हो
18:53तभी कमला बाबा जी की दी हुई विभूती को उस चुडैल पर थैंग देती है
18:59विभूती के गिलते ही चुडैल गायब हो जाती है
19:03फिर सोमेश हमें माफ कर दीजिये मा बाबा जी
19:07मैं बहुत ही गलत था और बहुत ही जादा मूर्ख भी था
19:11जो आपकी आत्मा की शांती के लिए पूजा ना करा सका
19:16मुझे माफ कर दीजिये
19:18बेटा तुम तो हमारे बच्ची हो
19:21हम दोनों तुम से बहुत ही जादा प्रसर्फ है
19:25साथ ही हमारी भोग से बहुत ही जादा खुश है
19:28कि उसने हमारे लिए वे पूजा करवाई
19:31हमारा अश्यवाई सदर्ब तुम दोनों के साथ ही रही है
19:37फिर सोमेश सुधर जाता है
19:40अब वे हर साल अपने मा बापू जी का शराथ करता है
19:43और सभी बातों के लिए अपनी पत्नी से सला भी लेता है
19:48ऐसे ही अब वे दोनों खुशी खुशी रहने लगते हैं
19:53बहुत समय पहले की बात है
19:55दोर्कुर गाउ में भागिरती नाम की एक उरत अपने परिवार के साथ रहा करती थी
20:04उसका एक बेटा था जिसका नाम था पवण
20:09पती के देहान्त हो जाने के कारण भागिरती बहुत ही अकेली हो जाती है
20:16और उसके परिवार में गरीबी छा जाती है
20:20पती मरने से पहले बहुत सारा कर्ष छोड़ कर चला जाता है
20:27जिसके कारण भागिरती को अपना सारा जीवन गरीबी में जीना परता है
20:35उसका बेटा पवण बहुत ही समझदार और होशियार होता है
20:41वह हमेशा अपनी क्लास में फर्स्ट आता है
20:46जिसे देखकर स्कूल के सारे बच्चे उससे जलते और उसके ना ही पास आते और ना ही उसका कोई दोस्पन ता
20:59यह देखकर पवण कभी कभी बहुत जाधा दुखी हो जाता
21:04पर पवण बहुत ही अच्छा और नेक बच्चा होता है
21:10भागरती हमेशा अपने बेटे को यह ही समझाती कि बेटा तुम हमेशा एक अच्छे और एमांदार इनसान ही मनना
21:21कभी भी किसी के साथ बहिमानी मत करना क्योंकि एमांदारी का रास्ता ही सच्चा रास्ता होता है
21:31पवण अपनी मा को घर घर काम करते देख बहुत दुखी होता, पवण अपनी मा को परिशान बिल्कुल नहीं देख सकता था, इसलिए वहें भी कभी कभी अपनी मा के साथ काम करने लगता
21:46तब भागिरती उसको बोलती कि बेटा तु पढ़ लिख कर अच्छा अफसर बन जा, मुझे बहुत खुशी होगी, ऐसे ही कुछ दिन बीच गए, पवण की मा दिन पर दिन भूड़ी होती जा रही थी, पवण को ये देख कर बहुत दुख होता, और दुखी होकर वह एक �
22:16राजू आ जाता है, राजू उसी गाओं के एक सेट का बेटा था, जोगी पवण के स्कूल में ही पढ़ा करता था, राजू आकर पवण का मज़ाग उडाता है, और उसे बहुत कुछ फिलाता है, कि कैसे उसके बाप ने बहुत सारा करजा हमसे लिया हुआ है, तुम लोग
22:47फिर अगले दिन स्कूल में मास्टर जी बच्चों को कुछ काम देते हैं, और कल तक सारा काम जमा करने के लिए बोलते हैं, पवण बहुत ही खुश होता है, क्योंकि वे पढ़ाई में बहुत ही अच्छा था, और वे सारा काम पहले ही कर चुका था,
23:08वहीं दूसरी तरव राजू बहुत ही ज़्यादा नलायक होता है, उसे डर लगने लगता है कि अब क्या होगा, उसको तो यह काम आता ही नहीं है, और वो कैसे एक ही दिन में सारा काम कर पाएगा, यह सोच सोचकर राजू बहुत ज़्यादा परिशान हो रहा होता है,
23:29तबी स्कूल की छुट्टी होती है तो पवन अपने घर आ जाता है, घर आकर देखता है कि उसकी मा की तबग बहुत ज़्यादा खराब है, दिन रात काम करने के कारण बागीरती की तबग बहुत ज़्यादा खराब हो जाती है, और वे चारपाई से उठ भी नहीं पाती, �
23:59जैसे तैसे वे घर में जितना भी पैसा होता है, सब इखटा करता है और उन्हें ले जाकर डॉक्टर को बुला लाता है, डॉक्टर उनके घर आकर उसकी मा का चेक अप करता है और कुछ दवाईया लिक देता है, और लिककर चला जाता है,
24:18अब पवण को यह समझ ही नहीं आ रहा होता है कि वे दवाई किस पैसे से लिकर आए, क्योंकि सारे पैसे तो डॉक्टर की फीज देने में ही निकल गए, उसे कुछ समझ ही नहीं आ रहा होता है, तबी उसे उस सेट की यादाती है और सोचता है कि वे ही मेरी मदद कर सकते है
24:49पवण सेट के पास जाकर अपने सारी बाते उन्हें बताता है और कुछ पैसे देने को बोलता है, पर सेट को तो उस पर बिल्कुल देया नहीं आती और वे उसे यह कहकर भगा देता है
25:06चा पहले दिये हुए पैसे चुका जो तेरे पाप ने मुझसे लिये थे यह कहकर उसे अपने घर से जाने को बोलता है यह सारी बाते सेट का लड़का राजू सुन रहा होता है
25:24जब पवन सेट के घर से बाहर आ जाता है तो उसे कुछ समझ नहीं आ रहा होता है कि वे कहा जाए, किस से मलत माँगे तब राजू उसके पास आता है और बहुत ही चलाकी से यह बात बोलता है कि मैं तुमारी मलत कर सकता हूँ पर एक शर्थ पर
25:44पवन कहता है कि क्या शर्थ है वो राजू कहता है कि मैं तुमारी दवाई के पैसे लेकर आ जाओंगा पर बदले में तुम्हें मुझे अपने स्कूल का सारा काम करकर देना होगा ताकि मैं कल उसे स्कूल में जमा कराके फर्स्ट आ सकूँ यह सुनकर पवन हरान हो जाता है
26:15वह यह सब करने के लिए हां बोल देता है राजू उसे कुछ पैसे लाकर देता है जिससे पवन जल्दी से जाकर दवाई खरिकता है और घर पहुंसता है और जाकर अपनी मा को दवाई खिलाता है और उनकी बहुत सेवा करता है
26:35फिर वह पूरी रात मेहनत करकर सारा काम ख़तम करता है और सुभर राजू को स्कून कर सारा काम करकर दे देता है
26:46फ्लास में मास्टर जी सब को अपना काम जमा करने को बोलते हैं तो सब बच्चे अपना अपना काम जमा करवा देते हैं पर पवन ही एक ऐसा बच्चा होता है जिसने अपना काम नहीं करा होता
27:02यह देखकर मास्टर हरान हो जाते हैं कि ऐसा कैसे हो सकता है इतना होशियार और इमानदा लड़का जो हमेशा पहले स्थान पर आता है आज उसने काम ही नहीं किया
27:18मास्टर जी जब राजू का काम देखते हैं तो उन्हें समझ में आता है आखिर का जो तो मास्टर जी है ना वे उसकी कोपी पर लिखी राइटिंग को पहचान देते हैं और राजू और पवन दोनों को अपने पास पुलाते हैं और उन्हें सब कुछ सच सच बोलने को कहते
27:48पाकी धवाई के पैसो के लिए सारी रात मेहनत करके राजू के लिए सारा काम किया
27:55यह सब सुनकर मास्टर जी को पवन पर बहुत प्यार आता है और वे उसे गले से लगा लेते हैं
28:04और दूसरी तरव राजू को बहुत ही ज़्यादा डाट लगाई जाती है उसके पिता सेट को स्कूल में बुला लिया जाता है और उसे सब माते बताई जाती है
28:18सेट को अपने और अपने बेटे की करतूतों पर बहुत शर्मिंदा होना पड़ता है वे मास्टर जी के साथ पवन के घर जाता है और पवन और उसकी माँ दोनों से माफी मांगता है और भविशय में कभी भी ऐसी गलती ना हो ऐसी कसम खाता है