कार्टून Chidiya Wala Cartoon|Tuni Chidiya Cartoon | Hindi Cartoon Kahani|
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00:00कालुकविः की पत्नी पिशले महिने गर्मी से मर गे थी
00:04कालुकविः की एक चॉटी सी बेड़ी भई थी
00:07जिसका नाम मुण्णी था
00:09पिताजी मुझे भी अपने साथ घर जलेने ले जाये
00:13मुझे घर में अकेले बहर तरह लगता है
00:16मुन्नी बेटी बाहर भी खत्रा होता है
00:19कभी तेज उनना पड़ता है
00:21तो कभी चाड़ियों में छुपना पड़ता है
00:24पिता जी, यहां घर में अकेले भी तो खत्रा है
00:28कोई अपने बच्चों को ऐसी अकेले जोडता है क्या?
00:32फिर कालु कव्वा अपने बेटी मणी को अपने साथ ले जाता है
00:37मुणी आप यहां बैठे जाओ
00:40यहां से कहीं जानाना
00:41मैं वो सामने वाले केल से दाना लेकर आता हूं
00:45भीताजी जल्ड आना
00:47मैं इंतजार करूँ की आपका
00:49खालू का वज़ चला जाता है
00:51थोड़ी देर बाद आस्मान पर एक चील आकर मंडनाने लगती है
00:56मगर छोटी मुन्नी कव्वी को नहीं पता था
00:59के वो चील कितनी ख़दरनाक है
01:02इसलिए वो छुपने की बजाए उसी जगापर बैठी रहती है
01:07तोटे तोटे भीया देखो
01:09वो सामने खालू की बेटी अगेली बैठी हुई है
01:12वो चील उसे खा जाएगी
01:14हमें उसे बचाना होगा
01:16जल्दी चलो वर्ना वो चील उसे खा लेगी
01:20तोटा और चिरिया मुन्नी कव्वी के पास चाते हैं
01:24जल्दी करो जल्दी से हमारे साथ चलो
01:27वो चील आ रही है
01:29चिरिया और तोटा मुन्नी को लेकर जाडियों में छुप जाते हैं
01:34थोड़ी देर भाद कालू कवा भी आ जाता है
01:37वे भेया आज तो हमने आपकी बेटी को बचा लिया
01:41आप अकेले कैसे अपनी बेटी का पालन पोसन कर सकते हो
01:44कभी बाहर जाना होता है तो कभी घर के काम
01:48चुरिया बहन मेरे लिए ये सब बहुत मुश्किल है
01:52मगर मैं क्या करूँ
01:54कवे भेया आप मेरी माने तो दूसरी शादी कर ले
01:59आपकी पतने घर के काम और आपकी बेटी का दिहां रखा गरेगी
02:03ऐसे तम्हारे लिए अपनी बेटी को पालना आसान हो जाएगा
02:08कवे चुरिया की बात ठीक ही तो है
02:11रात को कालू कवा अपने घर में लेटा हुआ
02:15चुरिया की बात सोच रहा था
02:17उसकी बेटी सोई हुई थी
02:19और फिर कवा सोचते सोचते सो जादा है
02:23कालू यार मेरी बहन का पती पिशली बारिश में मर गिया था
02:28एक बेटा है उसका
02:30अगर तुम कोहो तो मैं उसकी शादी तम्हारे साथ करवा देता हूँ
02:35बुरे यार मैं उसके बेटे को अपनी बेटी की तरहां ही पाल लूँगा
02:40ये तुम्हारा एहसान होगा मुझपर
02:43तुम अपनी बहन से मेरी शादी करवा दो
02:46फिर दूस रहे दिन बुरा कवा अपनी बहन गोरी कवी की शादी
02:52कालू कवे से करवा देता है
02:54घर तो अच्छा बहला है रहा मेरा बेटा आराम से रह सकेगा
02:59पती जी क्या ये तुम्हारी बेटी भी हमारे साथ ही रहेगी
03:03गोरी इसके लिए तो मैंने दूसरी शादी की है
03:07वरना मुझे क्या जरूरत थी
03:10इसका मतलब तुम अपनी बेटी के लिए नाकराणी लाए हो पत्नी नहीं
03:15मैंने ये कब कहा तुम्हारा काम बच्चों का दिहां रखना ही तो होगा
03:20बाकी का काम मैं देख लूँगा
03:23सुभख हो जाती है
03:25ये रही परची सामान ला दो रसोई का
03:28मैं आज नाश्ता घर में ही बनाऊंगी
03:31कालु कवा अपनी नवेली दुलहन से सामान की परची लेकर घर से निकलता है
03:38वो दुकान पर जाता है और घर के लिए राशन लेता है
03:43मा मैं भाई से खेल लूँ
03:46भाई कौन? कौन भाई? चल परे हट मेरे जगू बेटे से
03:59तुम मेरे बेटे की जगा लेनी की कोशिश करो
04:02दूसरे दिन कालु कवे को किसी काम से दूसरे जंगल जाना पड़ता है
04:08गोरी मैं दो दिनों के लिए दूसरे जंगल जा रहा हूं
04:12मेरी मुन्नी का दिहान लखना
04:15मैं सारा दिन तेरी मुन्नी का दिहान ही थो रखती हूं
04:18कवा अपने घर से निकल जाता है
04:21गोरी कवी मुन्नी की सोतेली मा बहुत बुरी थी
04:25वो किसी बी तरहां मुन्नी को अपनी बेटी समझने को दियार ना थी
04:31अब यहां बैठी-बैठी मेरा मुँ क्या देख रही हो
04:34जाओ और जाकर बर्तन धोलो
04:36मुन्नी की बच्ची
04:38माँ, मगर भाई तो खिलानों से खेल रहा है
04:42मैं भी खिलानों से खेल लोगी
04:44मुकाबला करेगी, वो मालिक है घर का
04:48मुन्नी दर जाती है और जाकर बर्तन धोने लगती है
04:52शाम हो जाती है
04:54माँ, मुझे भूग लगी है
04:56भूग लगी है तो रसोई से जाकर थोड़ा नमक खाले
05:00माँ, मगर भाई तो खिलानों से खेल रहा है
05:04मैं भी खिलानों से खेल लोगी
05:06मगर भाई तो खिलानों से खेल रहा है
05:09मैं भी खिलानों से खेल लोगी
05:11इसे बात पर गोरी कवी को गुसा आ जाता है
05:14और वो मुन्नी को मालने लगती है
05:17मनभूस कहिंकी, आज मैं तुझे छोड़ूंगी नहीं
05:21अब देखो, मेरे बेटे पर नज़ा रहती है तुम्हारी
05:24भाई खेल रहा है, भाई खा रहा है
05:27छोड़ दे, मा मुझे छोड़ दे
05:30ऐसे गोरी कवी अपने सोधेली बेटी
05:33मुन्नी पर बहुत हत्याचार करती थी
05:36कालु कवा भी घर आ जाता है
05:39मुन्नी, मेरी बेटी, देखो, देखो
05:42मैं क्या लाया हूँ तुम्हारे लिए
05:45मिठाई, मेरे पापा मेरे लिए मिठाई लाए है
05:48और मेरे बेटे के लिए क्या लाए हो
05:51मैं जगू के लिए ये पापड और समोसा लाया हूँ
05:56ये मिठाई यहां रखो, मैं मुन्नी को दे दूँगी
05:59घर में पानी नहीं है, तुम ये मटका लो
06:02और नदी से पानी भर लाओ
06:04कालु कवा मटका उठाकर नदी से पानी लेने निकल जाता है
06:09अपना मू दूसरी दरफ करके चुप चाप बैठ जाओ
06:13शकल देखी है अपनी मिठाई खाने वाली
06:16जगू, मिठाई खा ले
06:18रखो, रखो समोसा, समोसा बाद में खा लेना
06:21ये तो तुम्हारा ही है
06:23ये मिठाई पहले खाओ
06:25जगू मिठाई लेकर खा लेता है
06:29रात हो जाती है
06:31मुन्नी, मुन्नी सौ गई हो क्या?
06:34नहीं पिताजी
06:36मिठाई कैसी थी बेटी
06:38स्वादिष्ट थी पिताजी
06:40मुन्नी ऐसे कहते हुए
06:42सो जाती है
06:44दूसरे दिन गोरी कव्वी
06:46कालू कव्वे से कहती है
06:48कालू जी मेरे बेटे के लिए
06:50कपड़े और शूस देने है
06:52आज मुझे शहर वाले जंगर ले जाओ
06:54कालू गोरी को
06:56अपने साथ ले जाता है
06:58गोरी का बेटा
07:00बहुत शरार्ती था
07:02वो खेलता खेलता रसोई में चला जाता है
07:04और दिया सिलाई से
07:06आग जला लेता है
07:08आग थोड़ी ही देर में
07:10गर की दिवारों को लग जाती है
07:12बचाओ बचाओ
07:14कोई मुझे बचाओ
07:16मुन्नी जो बाहर बैठी
07:18बरतन धो रही थी वो भागती है
07:20वो जलती हुई आग
07:22में जाकर जगू को बाहर
07:24निकालती है
07:26जलते हुई घर का धूआ
07:28तो दूर दूर तक जा रहा था
07:30गोरी और गालू को पता चल जाता है
07:32के उनके घर में आग लग गई है
07:34वो भागे भागे आते है
07:36जब्बू मेरे बेटे
07:38क्या तुम ठीक हो
07:40मा मुन्नी बेहन ने
07:42मुझे जलती हुई आग में
07:44कूत कर बाहर निकाला है
07:46वरना मैं तो कब का
07:48जल कर मर गया अता
07:50मुन्नी का पांख जल गया है
07:52गोरी अमें मुंलनी को
07:54डोक्रड के पास ले जाना होगा
07:56नही पिता जी
07:58मै ठीक हुँ
08:01मुन्नी मेरी बेटी
08:02यहाँ आओ मेरे पास
08:04गोरी मुल्नी को गले से लगा लेती है
08:18कालु कहवा ये सब सुन रहा था और उसे अपनी बेटी पर गर्ब था
08:24जिसने मुश्किल समय में बहादुरी और हिम्मल से मुकाबला किया
08:29फिर वो सब खुशी खुशी रहने लगते हैं