ALL NEW KABIR DOHE | कबीर दोहे | SHIVA CHAUDHARY | kabir dohe |

  • 3 days ago

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00:00साइत ना दीजिये जामे कुटुम समाल
00:20साइत ना दीजिये जामे कुटुम समाल
00:29मैं भी भूखा ना रहो
00:34साधु ना भूखा जाए कभीरा
00:39साधु ना भूखा जाए
00:44माया मरी ना मन मरा
00:49मर मर गए शरी
00:54माया मरी ना मन मरा
00:59मर मर गए शरी
01:04आशा त्रिशणा ना मरी
01:09कह गए दास कभीर कभीरा
01:14कह गए दास कभीर
01:18माला वेरत जग भया
01:21भीरा ना मन का फेल
01:23करका मन का जारी
01:25मन का मन का फेल
01:31रात गवाई सोए के
01:36दिवस गवाया खाय
01:41रात गवाई सोए के
01:46दिवस गवाया खाय
01:51हीरा जनब मॉल
01:56कोड़े बदली जाए कभीरा
02:01कोड़े बदली जाए कभीरा
02:10कभीरा
02:17अतिका भला न बोलेना
02:23अतिकी भली न चूप
02:28अतिका भला न बोलेना
02:33अतिकी भली न चूप
02:38अतिका भला न बरसेना
02:43अतिकी भली न ढूप कभीरा
02:48अतिकी भली न ढूप
02:53कभीरा
02:58कभीरा
03:05कभीरा तेरे जगत में
03:10उल्टी देखी री
03:15कभीरा तेरे जगत में
03:20उल्टी देखी री
03:25पापी मिलकर राज करे
03:30साधु मांगे भीख कभीरा
03:35साधु मांगे भीख
03:39चलती चक्की देख कर
03:44दिया कभीरा रोय
03:49चलती चक्की देख कर
03:54दिया कभीरा रोय
03:59दूई पाटल के बीच में
04:04साबत बचाना कोई कभीरा
04:09साबत बचाना कोई कभीरा
04:19कभीरा
04:26जब तू आया जगत में
04:31लोग हसे तू रोय
04:36जब तू आया जगत में
04:41लोग हसे तू रोय
04:46ऐसी करनी ना करी
04:51पाछे हसे सब कोई कभीरा
04:56पाछे हसे सब कोई कभीरा
05:01नहाए धोए क्या हुआ
05:06जो मन मैल न जाय
05:11नहाए धोए क्या हुआ
05:16जो मन मैल न जाय
05:21मीन सदा जल में रहे
05:26धोए बास न जाय कभीरा
05:31धोए बास न जाय कभीरा
05:41कभीरा
05:51कभीरा
05:57पानी के राँ बुदबुदा
06:02असमानत की जात
06:07पानी के राँ बुदबुदा
06:12असमानत की जात
06:18देखते ही छप जाएगा
06:23जो सारा परभात कभीरा
06:28जो सारा परभात
06:33जिन घर साधु ना पूजिये
06:38घर के सेवा ना ही
06:43जिन घर साधु ना पूजिये
06:48घर के सेवा ना ही
06:53देखर मरगट जाने
06:58भूत बसे तेन माही कभीरा
07:03भूत बसे तेन माही
07:08माला भेरत जग भया
07:11भूत बसे तेन माला भेरत जग भया
07:16भूत बसे तेन माला भेरत जग भया
07:24पाहन पूजे हरी मिले
07:29तो मैं पूजो पाहा
07:34पाहन पूजे हरी मिले
07:39तो मैं पूजो पाहा
07:44याते ये चंकी भली
07:49पीस खाय संसार को भीरा
07:54पीस खाय संसार
07:59सब धरती कागज करो
08:05लेखनी सब वनराज
08:10सब धरती कागज करो
08:15लेखनी सब वनराज
08:20साथ समुंदर की मसी
08:25गुरु गुर लिखा न जाए कभीरा
08:30गुरु गुर लिखा न जाए कभीरा
08:35माला फेरत जग भया फेरा न मन काफे
08:40कर का मन काधार दे मन का मन काफे
08:50कभीरा
08:55कभीरा
09:02पाछे दिन पाछे गए
09:07हरी से किया नहें
09:12पाछे दिन पाछे गए
09:17हरी से किया नहें
09:23अब पछताए हो ते क्या
09:28छड़िया जुग गई खेत कभीरा
09:33छड़िया जुग गई खेत
09:38माला फेरत जग भया फेरा न मन काफे
09:43कर का मन काधार दे मन का मन काफे
09:53कभीरा
10:00कभिरा
10:06जब मैं था तब हरी नहीं
10:11अब हरी है में नहीं
10:16जब मैं था तब हारी नहीं
10:21अब हरी है मैना ही
10:27सब उद्धियारा मिट गया
10:32दीपक देखा माही कभीरा
10:37दीपक देखा माही
10:42माला फेरत जग भया
10:44फिरान मन काफे
10:47करका मन का दारी रे
10:49मन का मन काफे
10:57कभीरा
11:02कभीरा
11:19मेरा मुझ में कुछ नही
11:24जो कुछ है सोतोर
11:29मेरा मुझ में कुछ नही
11:34जो कुछ है सोतोर
11:39तेरा तुझ को सौपत
11:44क्या लाकत है मोर कभीरा
11:53मनुष्य माया में सदेव लिपत रहता है
11:56और तेरा मेरा में होमेशा डूबमा रहता है
11:59परन्तू वास्तव में मेरा केलाने लायफ कुछद की देन है
12:05साधु भयेतो क्याबया
12:10जो नहीं बोली विचाल
12:15साधु भए तो क्या हुआ
12:20जो नहीं बोली विचाल
12:25हथे पराई आत्म
12:30ये जीव तलबार कबीरा
12:35ये जीव तलबार
12:39अरथार बोलने के बाद विचारने से कोई लाब नहीं होता
12:45सदा बोलने से पहले विचार करना चाहीं
12:49क्या पता आपकी कटु वाचन किसी को कितना चुप जाए
12:55जो तो को कान्ता बूवे
12:59ताही बोवत फूर
13:03जो तोको काटा बोवे ताही बोवतो फूल
13:13तोको फूल के फूल है वाखो है तिरसूल कभीरा
13:23वाखो है तिरसूल
13:27अथात जो कोई तेरे लिए काटे बोता है
13:31उसे तु फूल बो कर दे बुराई के बदले भलाई कर
13:35क्योंकि कर भला तो हो भला
13:40कर ना था सो कर लिया अब करी क्यों पछताई
14:00वो वे पेड़ बभूल का
14:05आम कहां तेखाए कभीरा
14:10आम कहां तेखाए
14:15अरठार...
14:16जो कुछ करना था
14:17वो तुम कर चुके हो
14:19करने के बाद
14:20अब पश्ठाने से क्या लाब
14:22जब बभूल का पेड़ बोया
14:24तो आम खाने के लिए कहाँ से प्राप्त हो सकते है।
14:28चीती चावल ले चली, बेच में मिल गई दार।
14:38चीती चावल ले चली, बेच में मिल गई दार।
14:48कह कभीर तू ना मिले, एक ले तू जीढार कभीरा, एक ले तू जीढार।
15:02अर्थाज, कभी भी एक व्यक्ति दो नाओं में पैर रखकर नहीं पार रह सकता।
15:07उसे एक ना एक नाओं को त्यागना जरूर पड़ेगा।
15:11क्योंकि कभी भी आपको दो नाओं नदी पार नहीं करा सकता।
15:15देखा देखी पाकड़े जाई अपरचे छूट।
15:35देखा देखी पाकड़े जाई अपरचे छूट।
15:45विर्ला कोई ठार सत्गुर सामी मोठी कभीरा।
15:55सत्गुर सामी मोठी कभीरा।
16:00सत्गुर साधव को ठीक मार बता गया।
16:03परंतु देखा देखी के कारण लोग भ्रमित हो जाते हैं।
16:07कोई ही व्यक्ति सत्गुर सी क्रपा से इस भ्रम से बचपाता है।
16:12साधु ऐसा चाहिए जैसा सूप सुभार।
16:22साधु ऐसा चाहिए जैसा सूप सुभार।
16:32सार सार कुग ही रहे थोथा दे उड़ाएं कभीरा।
16:42थोथा दे उड़ाएं।
16:46इस संसार में ऐसे सजणों की जरूरत हैं।
16:50जैसे अनासाक करने वाला सूप होता है।
16:53जो सार्थक को तो बचा लेंगे और निर्थक को उड़ा देंगे।
16:59धीरे धीरे रे मना धीरे सब कुछ होई।
17:09धीरे धीरे रे मना धीरे सब कुछ होई।
17:19माली सीचे सो गड़ा।
17:24रितु आये फल होई कबीरा।
17:29रितु आये फल होई।
17:32कभी ताज़ जी कहते हैं,
17:34मन में धीरे सकने से सब कुछ होता है।
17:37अगर कोई माली किसी पेड़ को सो गड़े पानी से सीचने लगे,
17:42तब भी फल तो रितु आने पर ही लगेगा ना।
17:46दोस पराये देखी करी चला हसंत हसं।
18:06अपने आद ना वैंगी जिनका देना अंत।
18:14कबीरा। जिनका देना अंत।
18:21कबीर ताज़ जी कहते हैं,
18:23यहां मनुश्य का स्वभाव है,
18:25कि जब वह दूसरों के दोश को देख कर हसता है,
18:28तब उसे अपने दोश याद नहीं आते।
18:33जिन खो जाते न पाईया गहरे पानी पे।
18:53मैं बपुरा बुडन डरा,
18:58रहा किनारे बैठ कबीरा।
19:08कबीर ताज़ जी कहते हैं,
19:10जो प्रयतर करते हैं,
19:12वो कुछ न कुछ वैसे ही पा लेते हैं,
19:14परन्तु जो डूबने के डर से पीछे रह जाते हैं,
19:19उन्हें जीवन में कभी कुछ नहीं मिलता।
19:28जहां दया तहां धर्म है,
19:37जहां लोब वह पाव।
19:52जहां क्रोध तहां काले है,
19:57जहां क्षमा वहां पक्बीरा।
20:07कभीरदास जी कहते हैं,
20:09कि जहां दया है वही धर्म है,
20:12जहां लोब वहां पाव,
20:15और जहां क्षमा है वहां इश्वर का वास।
20:19जो तिलमा ही तेले है,
20:24जो चकमक में आज,
20:29जो तिलमा ही तेले है,
20:34जो चकमक में आज,
20:39तेरा साई तुझ में है,
20:44जाग सके तो जाग कभीरा,
20:49जाग सके तो जाग कभीरा,
20:54कभीर दास जी कहते है,
20:56जैसे तिल के अंदर तेल होता है,
20:59और आग के अंदर रोशनी है,
21:02फिर वैसे ही हमारा इश्वर हमारे अंदर ही विध्धमान है।
21:06जाती न पूछो सादु कोई,
21:11पूछ ले जी ग्यान,
21:16मोल करो तल्वार का,
21:22बड़ा रहने दो म्यान कभीरा,
21:28बड़ा रहने दो म्यान,
21:32कभीर दास जी कहते है,
21:34सादु से उसके जाती मत पूछो,
21:37पूछ ले जी ग्यान,
21:40कभी तास जी कहते हैं सादू से उसके चाती मत पूछो
21:46बलकी उनसे घ्यान की बाते करें उनसे घ्यान लेजी
21:52जग में बैरी कोई नहीं जो मन शीतल हो
22:04यहाँ आपा तो डाले दे दया करें सब को एक बीरा
22:14दया करें सब को
22:19कभी तास जी कहते हैं अगर आपका मन शीतल है
22:24तो दूलाम नहीं आपका बात पूछो
22:29तीरत गए सेक फल संत मिले फल चार
22:41तीरत गए सेक फल संत मिले फल चार
22:51तीरत गए सेक फल संत मिले फल चार
23:01सत गुर मिले अनेक फल कहें कभीर विचार
23:15कभीर दास जी कहते हैं
23:19तिरत करने से एक पूण ले इदं रुणनता है
23:21पारं टो सच्ची गुरू के पामलेने से
23:24जीवन में आनाक पूण्डे मलते हैं
23:28रांग बुलाबा है भेजिया
23:33दिया कभीरा रॉए
23:38राम बुलावा भेजिया
23:43दिया कभीरा रोई
23:48जो सुख साधू संग में
23:53सूबै कुंध न होई
23:56कभीरा सूबै कुंध न होई
24:02कभीरदास जी कहते हैं
24:04जिन वित्यू का समय नस्ती काया
24:07तो कभीरदास जी रो पड़े
24:09क्योंकि जो आनन्त संद्व और सचनों की संगती में है
24:13उतना आनन्त तो स्वर्ग में भी नहीं आता
24:17लूट सके तो लूट ले
24:22हरी नाम की लूट
24:27लूट सके तो लूट ले
24:32हरी नाम की लूट
24:37अन्त समय पच्छताएगा
24:42जब प्राण जाए छूट कभीरा
24:47जब प्राण जाए छूट
24:52कभीरदास जी कहते हैं
24:54कि ये संसार ज्यान से भरा है
24:56हर जगए राम बसे है
24:58अगरी समय है कि राम की भक्ति करो
25:01नहीं तो जब अंत समय आएगा तो पच्छताओगे
25:15बुरा जो देखन मैं चला
25:20बुरा ना मिले आको
25:25बुरा जो देखन मैं चला
25:30बुरा ना मिले आको
25:35जो मन देखा आपना
25:40मुझसे बुरा ना कोई कभीरा
25:45मुझसे बुरा ना कोई
25:50दुख में सुमिरन सब करे
25:55सुख में करे ना कोई
26:00दुख में सुमिरन सब करे
26:04सुख में करे ना कोई
26:09जो सुख में सुमिरन करे
26:14तो दुख काए कोई कभीरा
26:19तो दुख काए कोई
26:24माला फेर तुझग भया
26:26फेरा ना मन काफ़े
26:29कर का मन का डाल दे
26:31मन का मन का फेल
26:37माटी कहें कुमार से
26:41तू क्यों रोन दे मौन
26:46माटी कहें कुमार से
26:51तू क्यों रोन दे मौन
26:57एक दिन ऐसा आएगा
27:02मैं रोदूँगी तो है कभीरा
27:07मैं रोदूँगी तो है कभीरा
27:12कभीरा
27:24काल करे सो आज कर
27:29आज करे सो अब
27:34काल करे सो आज कर
27:39पल में परले होगी
27:44पहुरी करेगा कम कभीरा
27:49पहुरी करेगा कम
28:09पहुरी करेगा कम

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