Arvind Kejriwal को भारी ना पड़ जाए इस्तीफे का ऐलान, ये मुख्यमंत्री भी ले चुके हैं Risk || Daily Line

  • 4 days ago
Arvind Kejriwal को भारी ना पड़ जाए इस्तीफे का ऐलान, ये मुख्यमंत्री भी ले चुके हैं Risk || Daily Line

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00:00दिल्ली के मुझूदा मुख्यमंतरी अरविंद केजरिवाल सीयम पत छोड़ने की गोशना कर चुके हैं।
00:09केजरिवाल ने एलान करते हुए कहा कि वो दिल्ली के सीयम पत से दो दिन बाद स्थीफा दे देंगे।
00:13और अगले सीयम का फैसला विधायक दल की बैठक में ही होगा।
00:17अरविंद केजरिवाल के इस फैसले पर राजनेतिक चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है।
00:21सवाल उठ रहे हैं कहीं केजरिवाल को अपना ये फैसला भारी तो नहीं पड़ेगा।
00:25कुछ लोग इसे केजरिवाल की मास्ट और स्ट्रोक के रूप में देख रहे हैं।
00:29हाला कि पहले भी ऐसा देखा गया है कि देश में ठीक इसी तरह कई वाके हुए हैं।
00:35कभी ब्रस्टचार में किसी को पत छोड़ना पड़ा तो कभी मजबूरी के चलते हैं।
00:39कुछ राज्जियों में तो एक के स्टीफे के बाद, दूसरे के सीयम बनने के बाद,
00:43दोनों नेताओं के बीच मनमुटाओं भी हो चुका है।
00:46फिर चाहे वो बिहार के जीतनम माझी का मामल हो या फिर ज्हारकंड में चमपाई सोरेट का।
00:51लेकिन यहां मामला अलग है। अर्विंद केजरिवाल पर दिल्ली शराम नीति में घोटाला का आरूप है।
00:57और सुप्रीम कोड से वो बेल के बाद से बाहर है।
01:00केजरिवाल इसी मामले में 177 दिनों तक जेल में रह चुके हैं और वहीं से सरकार चलाये हैं।
01:06लेकिन अब जबकि वो कुर्सी से उतर रहे हैं तो इस कदम को अलग अलग नजरियों से देखा जा रहा है।
01:12केजरिवाल ने इस तीफे का एलान करके जंता का विश्वास जीतने की कोशिश की लेकिन उनका एक कदम खत्रे की घंटी भी साबित हो सकता है।
01:20अब ये कैसे खत्रे की घंटी बन सकता है आज हम इसी पर इस वीडियो में बात करेंगे।
01:25अब ये कैसे खत्रे की घंटी बन सकता है आज हम इसी पर इस वीडियो में बात करेंगे।
01:35अब ये कैसे खत्रे की घंटी बन सकता है आज हम इसी पर इस वीडियो में बात करेंगे।
01:46अब जेल से रिहाई के बाद उन्होंने ये बड़ा दाउ खेला है। लेकिन बहुत से लोगों का मानना है कि केजरिवाल का ये दाउ उनकी छवी को दिल्ली की नजरों में बहतर करेगा।
01:56क्योंकि उनकी कट्टर इमानदारी की छवी पर भरस्टाचार के दाग लग गये हैं। केजरिवाल कुरसी से उतर कर किसी और को CM बनाएंगे। लेकिन यहाँ पर एक और संभावना नजराने लगी है।
02:06दरसल केजरिवाल ने कहा है कि वह और मनीश शिषोधिया, CM पद की रेस में नहीं है। इसका मतलब यह है कि वह किसी और को CM बनाएंगे। आप समस्या यह है कि अगर कोई और व्यक्त CM बन जाता है तो फिर वह अपने पद से हटना नहीं चाहेगा। और इसका नतिजा आप
02:36चुनाव भी लड़ेगा। लेकिन सबको पता है कि केजरिवाल ही बहुमत आने पर अगले मुख्यमंतरी भी बनेंगे।
02:41कई राज्यों में देखा गया है कि किसी मुख्यमंतरी को पत से हटने के बाद उससे वही रुत्वा और अपनी कुर्सी पाने में मशकत करनी पड़ी है।
02:49बिहार और ज्हारकंड इसका जीता जाकता उधारन है।
02:52बिहार में नितिष कुमार ने जीतनरम माजी के लिए अपनी सीट खाली कर दी थी। लेकिन बाद में दोनों के बीच में काफी सियासी संगर्च देखा गया।
03:00इससी तरह ज्हारकंड में भी हुआ।
03:02यहाँ पर हेमन्त सोरेन ने मुख्यमंतरी पद चमपई सोरेन को दे दिया।
03:06लेकिन बाद में जब हेमन्त सोरोन की वापसी हुई तो ज्हारकंड मुक्ति मोर्चा में खूब उठापटक हुई।
03:11इसका नतीजा यह हुआ कि चमपई सोरेन बागी हो गये और आज भाजपा के साथ।
03:16ऐसी दिक्कत एक बाद दिल्ली में पहले भी आ चुकी है।
03:20यह पहली बार नहीं हुआ है कि जब दिल्ली के सत्ता समाल रहे किसी नेता को ब्रस्टचार के आरूम में गिधने के बाद पद छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा।
03:27इससे पहले दिल्ली के दिग्गज नेता रहे मदलाल खुराना को भी साल 1996 में दिल्ली के मुख्यमंतरी के पद को छोड़ना पड़ा था।
03:35उससे में खुराना और बीजेपी के ततकालीन अध्यक्ष लालकिर्ष्ट अडवानी जैन हवाला केस में घीरे थे।
03:41विपक्ष ने ब्रस्टचार के मसले पर घेरा तो जनवरी 96 में अडवानी ने बीजेपी अध्यक्ष का पद छोड़ दिया और बेदाग सावित होने तक चुनाओं नहीं लड़ने का एलान भी कर दिया।
03:53उसके बाग खुराना पर भी प्रेशर बन गया और उन्होंने भी CM की कुरसी छोड़ दिया।
03:57बाद में दो साल तक साहिब सिंग वर्मा दिल्ली की मुख्यमंतरी रह ले लेकिन विधान समा चुनाओं से ठीक पहले फयास की महगाई ने वर्मा की कुरसी भी छीन लिए।
04:06साल 1999 में दिल्ली की पहली मैला मुख्यमंतरी के रूप में सुष्मा सुराज मिली।
04:12सुष्मा सुराज सिर बावन दिनों तक ही मुख्यमंतरी रह पाइं और चुनावी नतीजे आए तो बीजेपी बुरी तरहार गई।
04:18साल 1993 में जिस बीजेपी क्यों उनचास सीटे आई थी हैं।
04:22पाँच साल बाद एंटी इंकम्बिंसी के वज़े से सिर पंधरा सीटो पर सिमट गई।
04:26जबकि 1993 में 14 सीटे पाने वाली कॉंग्रेस, 1998 में 52 सीटो तक आगई।
04:31और शीला दिक्षिप के नितरत में कॉंग्रेस के सरकार बन गई।
04:35यानि सत्ता विरोधी लहर ने नतीजों को ठीक उलड़ दिया।
04:39सत्ता रूड आम आदमी पार्टी और मुख्यमंतरी अर्विंद केजरिवाल कथित शराब घुटाले में फसे हैं।
04:44सीयम से लेकर तत्कालीन डिप्टी सीयम और अन्य बड़े नेताओं को जेल तक जाना पड़ा है।
04:49हाली में बड़े नेताओं के रिहाई तो हुई है लेकिन भस्तचार का नेरेटिव अभी भी खत्र नहीं हुआ।
04:54मतलब साफ है कि मुद्धों पर दिल्ली की जंता खुलकर अपना निर्णे सुनाती रही है।
04:59इस समय केजरिवाल पर भस्तचार का आरोप है तो ये भी समस्या है कि दिल्ली की जंता इसी मुद्धे पर वोट करे और आमाद्मी पार्टी को संकट का सामना करना पड़े।
05:24इस समय केजरिवाल पर दिल्ली की जंता खुलकर आरोप है तो ये भी समस्या है कि दिल्ली की जंता है तो ये भी समस्या है कि दिल्ली की जंता है तो ये भी समस्या है कि दिल्ली की जंता है तो ये भी समस्या है कि दिल्ली की जंता है तो ये भी समस्या है कि दिल्ली की जंता
05:54है तो ये भी समस्या है कि दिल्ली की जंता है तो ये भी समस्या है कि दिल्ली की जंता है तो ये भी समस्या है कि दिल्ली की जंता है तो ये भी समस्या है कि दिल्ली की जंता है तो ये भी समस्या है कि दिल्ली की जंता है तो ये भी समस्या है कि दिल्ली की जंता है तो ये भी
06:24कि दिल्ली की जंता है तो ये भी वीडियो पाने के लिए देखते रहे हैं.

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