• 2 months ago
Explore the critical decisions and missed opportunities during the 1999 IC-814 hijacking, as revealed by then-RAW Chief AS Dulat. Discover how a single misstep put an entire nation in crisis and the lessons learned that remain relevant today.

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00:0024 दिसम्बर 1999 का दिन था
00:03काटमांडू से दिल्ली जाने वाली इंडियन एरलाइन्स की फ्लाइट
00:07IC 814 अपने निर्धारित समय पर उडान भर चुकी थी
00:12यात्रियों को अन्दाजा भी नहीं था
00:14कि उनका सफर एक खतरणाक मोड लेने वाला है
00:18जैसे ही विमान भारतीय हवाईक शेत्र में प्रवेश करता है
00:22पांच आतंकवादी अपने हथियारों के साथ अचानक कॉकपिट पर कभजा कर लेते हैं
00:27यात्रियों के बीच हड़कंप मज जाता है
00:29विमान को जबरदस्ती अमरिजसर में उतारा जाता है
00:33समय की सुयां तेजी से घूम रही थी और हर मिनट कीम्ती था
00:37RAW के ततकालीन प्रमुक A.S. Dulat और पंजाब पुलिस के शीर्ष अधिकारी
00:42अमरिजसर हवाई अड्डे पर स्थिती को संभालने के लिए तैयार थे
00:46हालांकी समस्या यह थी कि सभी को उपर से आदेश का इंतजार था
00:51एक फोन कॉल, एक सपष्ट निर्देश और शायद संकत टल सकता था
00:56पंजाब के DGP सरबजी सिंग के शब्द आज भी दुलत के कानों में गूँचते हैं
01:01मैं के PS गिल नहीं हूँ और मैं अपनी नौकरी को जोखिम में नहीं डाल सकता
01:06मुख्यमंत्री साहब ने कहा है कि उन्हें अमरित सर में खून घराबा नहीं चाहिए
01:11दिल्ली से भी यही संकेत आ रहे थे
01:14निर्ने लेने में असमंजस और किसी अनहोनी के डर से कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया गया
01:20पचास मिनट का समय था पर किसी ने कोई साहसिक निर्ने नहीं लिया
01:25विमान को रोकने का सुनेहरा मौका हाथ से फिसल गया
01:29आतंकवादी विमान को लेकर कन्धार की ओर रवाना हो गये
01:33अब स्थिती और भी विकट थी
01:35कन्धार तालिबान के कबजे वाला क्षेत्र जहां आतंकवादियों की स्थिती मजबूत थी
01:41भारतिय सरकार के पास अब कोई विकल्प नहीं था
01:44सिवाय बातचीत के
01:46भारतिय वार्ताकारों ने अपने स्थर पर सरवोत्तम प्रयास किये
01:50आखिरकार तीन प्रमुक आतंकवादियों की रिहाई के बदले यात्रियों की जान बचाई गई
01:56विमान के अपहरण की यह घटना पूरे देश को सोचने पर मजबूर कर गई
02:01क्या होता अगर अमरित सर में ही कारवाई कर ली जाती?
02:04क्या हम इस त्रासदी से बच सकते थे?
02:07A.S. Dhulat ने बाद में स्विकार किया
02:09हमने सबसे अच्छे संभव सोधे की कोशिश की
02:13लेकिन अगर विमान अमरित सर से ना उड़ता तो कहानी कुछ और होती
02:17आज भी IC-814 की कहानी भारतिय सुरक्षा एजन्सियों और सरकार के लिए एक सीक बनी हुई है
02:24कि कभी-कभी निर्णे लेने में देरी बहुत भारी पड़ सकती है
02:28यह संक्षिप्त कहानी IC-814 अपहरण की घटनाओं
02:33और उसमें शामिल लोगों की मनहस्थिती को दर्शाने का प्रयास करती है
02:37अगर आपको कहानी पसंद आए तो कृपया चैनल को सब्सक्राइब करना न भूलें

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