अजमेर में लगा देश का पहला एलएचबी बोगी मेंटेनेंस प्लांट
कैरिज कारखाने में लगी 60 करोड़ रुपए लागत की मशीन
- वर्चुअल वेल्डिंंग ट्रेनिंग सेंटर का जीएम ने किया उद्घाटन
अजमेर. अजमेर मंडल के कैरिज कारखाने में एलएचबी कोच की मेंटेनेंस के लिए कराेड़ों रुपए की आधुनिकतम मशीन लगाई गई है। इससे जल्द काम शुरू हो जाएगा। इसी तरह कारखाने में वर्चुअल वेल्डिंग ट्रेनिंग सेंटर भी शुरू किया गया है। इसमें एआई की मदद से प्रशिक्षु स्क्रीन से प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगे। आधुनिकीकरण के तहत लगी मशीनों की समीक्षा व इनकी कार्यप्रणाली देखने के लिए मंगलवार को उत्तर-पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक अमिताभ अजमेर पहुंचे। यहां उन्होंने दोनों केन्द्रों पर जाकर कार्य प्रणाली को देखा व अधिकारियों को इसमें पारंगत होने की बात कही।
अजमेर में देश का पहला एलएचबी कोच प्लांट
अजमेर का कैरिज कारखाना देश का पहला ऐसा कारखाना होगा जहां एलएचबी कोच के रखरखाव के लिए एसेंबली एंड डिसएसेंबली ऑफ एलएचबी बोगी प्लांट लगाया गया है। प्लांट इसी माह के अंत तक काम करना शुरू कर देगा।
चीफ टेक्निकल एडवाइजर युवराज सिंह ने बताया कि एलएचबी कोच की बनावट सामान्य कोच से भिन्न होती है। इसमें मानवीय त्रुटि की संभावना न्यून होती है। इसकी खासियत इसे मशीन से बोगी से अलग कर मेंटेनेंस के बाद फिर से बोगी में फिट कर दिया जाता है।
- वर्चुअल वेल्डिंंग ट्रेनिंग सेंटर का जीएम ने किया उद्घाटन
अजमेर. अजमेर मंडल के कैरिज कारखाने में एलएचबी कोच की मेंटेनेंस के लिए कराेड़ों रुपए की आधुनिकतम मशीन लगाई गई है। इससे जल्द काम शुरू हो जाएगा। इसी तरह कारखाने में वर्चुअल वेल्डिंग ट्रेनिंग सेंटर भी शुरू किया गया है। इसमें एआई की मदद से प्रशिक्षु स्क्रीन से प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगे। आधुनिकीकरण के तहत लगी मशीनों की समीक्षा व इनकी कार्यप्रणाली देखने के लिए मंगलवार को उत्तर-पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक अमिताभ अजमेर पहुंचे। यहां उन्होंने दोनों केन्द्रों पर जाकर कार्य प्रणाली को देखा व अधिकारियों को इसमें पारंगत होने की बात कही।
अजमेर में देश का पहला एलएचबी कोच प्लांट
अजमेर का कैरिज कारखाना देश का पहला ऐसा कारखाना होगा जहां एलएचबी कोच के रखरखाव के लिए एसेंबली एंड डिसएसेंबली ऑफ एलएचबी बोगी प्लांट लगाया गया है। प्लांट इसी माह के अंत तक काम करना शुरू कर देगा।
चीफ टेक्निकल एडवाइजर युवराज सिंह ने बताया कि एलएचबी कोच की बनावट सामान्य कोच से भिन्न होती है। इसमें मानवीय त्रुटि की संभावना न्यून होती है। इसकी खासियत इसे मशीन से बोगी से अलग कर मेंटेनेंस के बाद फिर से बोगी में फिट कर दिया जाता है।
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00:00Thank you for watching my video.