• 2 months ago
‍♂️ आचार्य प्रशांत से मिलना चाहते हैं?
लाइव सत्रों का हिस्सा बनें: https://acharyaprashant.org/hi/enquir...

आचार्य प्रशांत की पुस्तकें पढ़ना चाहते हैं?
फ्री डिलीवरी पाएँ: https://acharyaprashant.org/hi/books?...

~~~~~

वीडियो जानकारी: 24.04.2021, घर बैठे शिविर (ऑनलाइन), ग्रेटर नॉएडा, उत्तर प्रदेश, भारत

प्रसंग:
~ भगवद गीता में श्रीकृष्ण क्या बताते हैं अर्जुन को?
~ यदा-यदा ही धर्मस्य का अर्थ क्या है?
~ श्रीकृष्ण द्वारा दी गई धर्म की परिभाषा क्या है?
~ ऐसा क्यों कहा जाता है कि कलयुग के बाद सतयुग आएगा?
~ जब पाप बढ़ जाता है तो श्रीकृष्ण आते हैं, इसका क्या अर्थ है?
~ अधर्म बढ़ने पर अधर्म को ख़त्म करने के लिए धर्म की स्थापना खुद ही होती है इसका क्या अर्थ है?

यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भव- ति भारत ।
अभ्युत्थान- मधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्- ॥४-७॥

परित्राणाय- साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्- ।
धर्मसंस्था- पनार्थाय सम्भवामि युगे युगे ॥४-८॥

संगीत: मिलिंद दाते
~~~~~

Category

📚
Learning

Recommended