• 2 months ago
In this video we will discuss what happened to Pluto and why it is no longer considered a planet

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00:00दोस्तो जहां हमारा सोलर सिस्टम खतम होता है
00:03वहाँ स्टार्ट होती है काइपर बेल्ड
00:05और काइपर बेल्ड के अंदर अगर कोई ऑब्जेक्ट सबसे बड़ी है
00:08तो वो है प्लूटो
00:15इन फैक्ट प्लूटो एक ऐसी जगा पर है
00:17जहां सनलाइट एक परसेंट से भी कम पहुँचती है
00:20और उस जगा पर टेमपरेचर माइनस दोसो डिग्रीस सेलसियस से भी नीचे चला जाता है
00:24जोके इतना ठंड है के आपकी हडियों को भी जमा देगा
00:27तो बस यूँ समझ लो के प्लूटो वहाँ है
00:29जहां अंधेरा है, ठंड है और शायद और भी बहुत कुछ
00:33जिस सब के बारे में हम आज की इस वीडियो में डीटेयल से डिसकस करेंगे
00:37तो जीहां दोस्तो आज की वीडियो प्लूटो पर होने वाली है
00:40क्योंके जब से मैने स्पेज पर swims वीडियो मनाना
00:42स्टार्ट की हैं, तब से मैंने हाँवेशा
00:44अपनी वीडियो में यही बोले के हमारे
00:46सोलर सिस्टम में 8 Planets हैं
00:48इंके अगर हम गूगल पर भी सेर्च करते है,
00:50तो गूगल भी हमें यही बोलते है
00:52के सोलर सिस्टम में आठ प्लानेट्स हैं
00:54जिनमें मर्क्यूरी पहला है और नप्च्यून आखरी प्लानेट है
00:57अब सवाल यह है के प्लूटो कहां गया
00:59तो यह एक ऐसा सवाल है
01:01जोके मुझे कमिट्स में सबसे जाधा पूछा गया
01:03Where is Pluto?
01:05Is Pluto not in our solar system?
01:07प्लूटो के बारे में शायद आप भूल गये हो
01:09और भाई अगर सोलर सिस्टम में आठ प्लानेट्स हैं
01:11तो फिर प्लूटो आखर कहा है
01:13तो यार आप लोगों के लिए मैं इतना ही बोलूंगा
01:15के टैंशन मत लो
01:17क्योंके आज की इस वीडियो में
01:19आपको इन सबी सवालों के जवाब मिलने वाले हैं
01:21वैसे तो मुझे डेली बहुत से कमिट्स
01:23आते रहते हैं लेकिन जिस टॉपिक
01:25के उपर मुझे सबसे जाधा कमिट्स आए है
01:27वो प्लूटो ही है
01:29लोग ये जानना चाहते हैं के प्लूटो के साथ
01:31आखिर क्या हुआ और आखिर क्यूं
01:33अब उसे एक प्लानेट नहीं माना जाता
01:35लोगों के मन में प्लूटो को लेकर बहुत सारे
01:37सवाल हैं और अगर हमें इन सबी
01:39सवालों का जवाब जानना है तो उसके
01:41लिए हमें प्लूटो की कहाणी को भी शुरू से शुरू
01:43करना पड़ेगा यानि हमें वक्त
01:45में पीछे जाना पड़ेगा और प्लूटो की
01:47डिस्कवरी से लेकर उसके डाउन ग्रेट होने
01:49तक की कमप्लीट कहाणी को डीटेल से डिस्कस
01:51करना पड़ेगा तो हमेशा की तर हाँ ये वीडियो
01:53भी काफी इंट्रेस्टिंग होगा इसलिए
01:55इसको एंड तक देखते रहना मैं हूँ
01:57उब्दुल हन्नान और आप देख रहे हैं आपका
01:59अपना चैनल इंफो फैमिली
02:01तो दोस्तो अगर बात करें
02:03बात करें प्लूटो की तो प्लूटो को
02:05पूरे 76 सालों तक एक प्लानेटी समझा जाता
02:07रहा यानि 1930 में जब
02:09प्लूटो को पहली बार देखा गया तो
02:11इसे 9 प्लानेट डिकलियर कर दिया गया
02:13और फिर 1930 से लेकर 2006
02:15तक यानि पूरे 76 सालों
02:17तक इसे एक प्लानेटी समझा गया
02:19तो अगर आप 2006 से पहले के
02:21स्कूल की डो तो आपने अपनी
02:23स्कूल बुक्स में डेफिनेटली यही पढ़ा होगा
02:25के सोलर सिस्टम में 9 प्लानेट्स हैं
02:27और प्लूटो आखरी प्लानेट है
02:29प्लूटो काफी लंबे टाइम तक प्लानेट्स की लिस्ट में था
02:31तो लोगों के लिए शायद ये बात
02:33हजम करना मुश्कील है के प्लूटो
02:35अब एक प्लानेट नहीं है
02:37दोस्तों 2006 में प्लूटो को प्लानेट्स की लिस्ट से
02:39हटा दिया गया और उसे एक ड्वार्फ प्लानेट
02:41डिक्लेयर कर दिया गया
02:43यानी यूँ समझ लो के प्लूटो अब एक प्लानेट
02:45नहीं है बलके एक एस्ट्रोइड है
02:47अगर आप गूगल पर लिखो के प्लूटो
02:49का नेम अब क्या है तो गूगल बोलेगा
02:51एस्ट्रोइड नमबर 134340
02:53अब ये सब कैसे हुआ
02:55क्यों हुआ चलो थोड़ा डिटेयल से
02:57समझते हैं दोस्तो ये कहानी
02:59शुरू हुई थी 1905 में क्योंके
03:011905 में एक साइन्टीस्ट थे
03:03जिनका नाम था परसीवल लोवल
03:05उन्हें ये लगता था कै नेप्ट्यून आखरी प्लानेट नहीं है
03:07बलके इसके पीछे एक
03:09प्लानेट और भी है जो के हमारी
03:11नजरों से अब तक छुपा हुआ है क्योंके जब उन्हों
03:13ने युरेनस और नेप्ट्यून के और्बिट्स को
03:15स्टडी किया तो उन्हें ये फिल हुआ
03:17के कोई चीज इन दोनों प्लानेट के और्बिट
03:19को डिस्टर्ब कर रही है और वो चीज और
03:21कुछ नहीं बलके एक बहुत बड़ा
03:23प्लानेट है जिसे वो नाम देते है
03:25प्लानेट एक्स खैर वो चाहते थे
03:27प्लानेट एक्स को डिस्कवर करें
03:29बट अनफोर्षिनेटली उनकी डेथ हो जाती है
03:31और उनकी ये डिस्कवरी अधूरी रह जाती है
03:33दोस्तो पर्सिवल लोवल की एक
03:35उब्जरवेटरी भी थी जिसका नाम था
03:37लोवल उब्जरवेटरी
03:3915 में उनकी डेथ हुई थी और
03:411915 से लेकर 1929 तक
03:43जानी पूरे 14 सालों तक
03:45उनकी उब्जरवेटरी में काम करने वाले
03:47एस्ट्रोनॉमर्स ने प्लानेट एक्स को
03:49ढूनने की भर्पूर कोशिश की बट
03:51पूरे 14 साल कोशिश करने के बाद भी उनकाम
03:53रहे और उन्हें प्लानेट एक्स नहीं मिला
03:55खायर 14 साल ऐसे ही
03:57गुदर गए और फिर 1929
03:59में एक नए एस्ट्रोनॉमर्स ने उनकी उब्जरवेटरी
04:01को जॉइन किया जिनका नाम
04:03था क्लाइट टॉमबॉः
04:05क्लाइट टॉमबॉः एक यंग एस्ट्रोनॉमर थे
04:07और उन्होंने सिरफ एक साल में ही वो काम
04:09गर दिखाया जो बिशले 14 सालों
04:11में कोई ना कर सका और वो काम था
04:13प्लानेट एक्स को ढून निकालना
04:15जी हां दोस्तो क्लाइट टॉमबॉः ने प्लानेट एक्स
04:35क्लाइट टॉमबॉः ने पुरे एक साल तक
04:37स्टार्स को अच्छे से उब्सर्व किया और
04:39जैनिवरी 1930 में आखिर कार उन्होंने
04:41एक ऐसा स्टारा ढून निकाला जो के
04:43अपनी जगा से हिल रहा था पहले तो उन्हें
04:45लगा कि शायद ये कोई मिस्टेक हो सकती है
04:47लेकिन जब उन्होंने लगातार कई
04:49दिनों तक उस स्टार की इमेजिस ली
04:51तो उन्हें ये कनफर्म हो गया कि वो कोई स्टार
04:53नहीं बलके एक प्लानेट है
04:55क्यूंकि वो अपनी जगा पर फिक्स नहीं था
04:57बलके वो एक पॉंट से दूसरे पॉंट की तरफ
04:59मूफ कर रहा था तो फाइनली उन्होंने
05:01एक मूविंग स्टार ढोन निकाला और यू
05:03प्लानेट एक्स डिस्कवर हुआ दोस्तो
05:05प्लानेट एक्स अब डिस्कवर हो चुका था
05:07लेकिन प्रॉबलम ये थी कि एस्ट्रोनॉमर्स
05:09से उस प्लानेट का नाम डिसाइड नहीं हो पा रहा था
05:11उनके पास बहुत सारे नेम्स की सगेशन्स
05:13आने लगी जैसे कुरोनस
05:15एटलेस, एरेबिस, परसीफोन
05:17और प्रोमीथियस वगारा वगारा
05:19खैर उनके पास बहुत सारे नेम्स थे
05:21लेकिन उन्हें नहीं लगता था
05:23कि इन मेंसे कोई भी नाम इस प्लानेट के लिए
05:25परफेक्ट होगा, तो काफ़ी सारे सगेशन्स
05:27आने के बाद उन्हें जो नाम सबसे अच्छा लगा
05:29वो था प्लूटो, दोस्तो
05:31तो वही अगर हम प्लानेट X को देखें
05:33तो प्लानेट X भी एक ऐसी जग़ा पर था
05:35जोके लगबग अंडर वर्ल्ड की तरह है
05:37यानी काईपर बेल्ट
05:39और अगर आपको काईपर बेल्ट का नहीं पता
05:41तो मैं आपकी जानकारी के लिए बताता चलू
05:43जिसमें बहुत सारे एस्ट्रोइड्स
05:45कॉमेट्स, ड्वार्फ प्लानेट्स
05:47और आईसी रोक्स वगरा शामिल है
05:49तो दोस्तो स्पेस के इस रीजन को
05:51हम काईपर बेल्ट की जग़ा पर देखें
05:53तो वही अगर हम प्लानेट X को देखें
05:56तो मैं आपकी जानकारी के लिए बताता चलू
05:58के प्लानेट नेप्शियून के आगे एक ऐसा रीजन स्टार्ट होता है
06:01जहां ड्रिलियन्स औप जेक्ट से एक गोल चक्कर बनाकर सन के गिर्द और्बिट कर रही है
06:05जिसमें बहुत सारे एस्ट्रोइड्स,
06:07कॉमेट्स, ड्वार्प प्लानेट्स और आईसी रोक्स वगरा शामिल है
06:11तो दोस्तों स्पेस के इस रीजन को हम काईपर बेल्ट कहते हैं
06:14और काईपर बेल्ट में अगर कोई ऑब्जेक्ट सबसे बड़ी है
06:17तो वो प्लूटो ही है
06:18तो शायद अब ये कहना गलत नहीं होगा
06:20के काईपर बेल्ट एक अंडर वर्ल्ड है
06:22और प्लूटोस अंडर वर्ल्ड का राज है
06:24तो यही वो वज़ा थी
06:25के प्लानेट्स का नाम प्लूटो रखा गया
06:27और फिर 1930 में ही इसे 9th Planet डिक्लेयर कर दिया गया
06:31वैल सोलर सिस्टम का 9th Planet अब डिस्कवर हो चुका था
06:34लेकिन कोई भी ये नहीं जानता था
06:36के इस प्लानेट का साइज आकर कितन है
06:41तो दोस्तों गर बात करें प्लूटो के साइज की
06:43तो शुरुवात में साइन्टीस को ये लगा के
06:45प्लूटो अर्थ से बहुत बड़ा है और इसका
06:47साइज भी शायद यूरेनोस और नेप्ची उन के जितन है
06:49लेकिन दोस्तों ऐसा नहीं था
06:51दोस्तों जैसे जैसे प्लूटो को स्टडी किया जाता रहा
06:53तो ये पता चलता गया के प्लूटो
06:55ना तो अर्थ से बड़ा है और ना ही ये
06:57हमारी अर्थ के जितन है बलके
06:59असल में ये तो हमारे मोन से भी चोटा है
07:01जी हां दोस्तों प्लूटो का साइज हमारे
07:03मोन का लगबग आदा है और अगर हम
07:05प्लूटो का साइज अर्थ से कमपेर करें
07:07तो अर्थ की चोड़ाई प्लूटो से 6 गुना जादा है
07:09और अगर अर्थ के अंदर प्लूटोस
07:11को भरा जाएं तो इसमें लगबग
07:13170 प्लूटो अराम से पिटा जाएंगे
07:15तो इससे आप खुद ही अंदाजा लगा लो
07:17के प्लूटो कितना चोटा होगा
07:19तो ये तो हो गया प्लूटो का साइज
07:21चलो अब बात कर लेते हैं प्लूटो के डिस्टेंस की
07:27तो दोस्तो अगर बात करें डिस्टेंस की
07:29तो प्लूटो इतना दूर है के आजकल के
07:31मोडरन टेलिसकोप्स भी उसकी इमेजिस को
07:33सही से कैप्चर नहीं कर पाते
07:35तो प्लूटो सन से 7.4 बिलियन किलोमेटर्स
07:37या फिर
07:3949.4 एस्ट्रोनॉमिकल यूनिट्स दूर है
07:41और अगर आपको एस्ट्रोनॉमिकल यूनिट्स का
07:43नहीं पता तो मैं आपको बताता चलो
07:45के सन और अर्थ के बीच का जो
07:48उसे हम साइस की लेंग्विज में एक एस्ट्रोनॉमिकल यूनिट कहते हैं
07:50यानी जैसे प्लूटो सन से
07:5249 एस्ट्रोनॉमिकल यूनिट्स दूर है
07:54तो इसका मतलब वो सन और अर्थ से
07:5649 गुना जाधा फासले पर है
07:58और जैसे के मैंने बोला के प्लूटो सन से
08:00इतना दूर है के आजकल के
08:02मोडरन टेलिसकोब्स भी उसकी इमेजिस को
08:04अच्छे से कैप्चर नहीं कर पाते
08:06तो ये हैं प्लूटो की वो इमेजिस जो के
08:08हबल टेलिसकोब ने लिए हैं
08:10इन में आप देख सकते हो के प्लूटो कितना फजी दिखाई दे रहे है
08:12ना तो प्लूटो का सही से कलर दिख पा रहा है
08:14और ना ही उसकी इमेजिस दिख रही है
08:16तो यही वज़धी के साइन्टिस्ट को
08:18प्लूटो को स्टडी करने में दिक्कत हो रही थी
08:20और वो ये समझ चुके थे के अगर उनको
08:22प्लूटो को अच्छी से स्टडी करना है तो उन्हें
08:24प्लूटो पर एक special space craft भेजना पड़ेगा
08:26और यही सब सोचकर वो
08:28एक special space craft को design करते हैं
08:30जिसका नाम था New Horizons
08:36दोस्तो New Horizons अब तक का इकलोता
08:38ऐसा space craft है जो के प्लूटो पर गया
08:40इसको specially इसलिए बनाया गया था
08:42के यह प्लूटो पर जाकर हमें
08:44उसकी clear images दिखाए और साथ
08:46इसाथ प्लूटो को study भी करे तो
08:48जैसे ही New Horizons प्लूटो पर पहुँचकर
08:50उसकी images लेते है तो वो
08:52images कुछ ऐसी होती हैं अब इन तस्वीरों
08:54में आप देख सकते होँ के प्लूटो के colors
08:56कितने clear हैं और कैसे प्लूटो
08:58की सारी details नज़र आ रही हैं
09:00दोस्तो New Horizons को 2006 में
09:02launch किया गया था जो के प्लूटो के
09:04पास फिर 2015 में पहुचा
09:06यानी उसे प्लूटो तक पहुँचने में पूरे 9 साल
09:08लग गए और अपने 9 साल के इस
09:10लंबे सफर में उसने क्या कुछ देखा
09:12ये एक काफी लंबा topic है जिस पर
09:14हम किसी next वीडियो में details से
09:16discuss करेंगे तो चलो आगे बढ़ते हैं
09:18दोस्तो वैसे तो New Horizons प्लूटो
09:20पर जाने वाला इकलोता space craft है
09:22लेकिन New Horizons से पहले Voyager 1
09:24और Voyager 2 को भी launch किया गया था
09:26जिनने हमारे Solar System के
09:28Gas Giants को study करना था
09:30Voyager 1 ने Jupiter और Saturn को study किया था
09:32और Voyager 2 ने Uranus और Neptune को
09:34अब fact ये है कि अगर Scientist चाहते
09:36तो वो Voyager 1 और Voyager 2 को
09:38प्लूटो पर भी भेज सकते थे
09:40जब तक उनके माइन में ये बात आई नहीं थी
09:42और प्लूटो पर भेजने की बज़ाए
09:44उन्होंने इन दोनो Space Crafts को
09:46Interstellar Space में भेज दिया
09:52दोस्तों जैसे के हम जानते हैं कि
09:54प्लूटो सन से पूरे 7.4 बिलियन किलो मेटर दूर है
09:56तो ये दूरी इतनी जाद है
10:10और इसी दरहा अगर टेंपरेचर की बात करें
10:12तो प्लूटो का टेंपरेचर सभी प्लानेट्स से जाधा ठंड है
10:14जहां यूरिनस का लोवेस टेंपरेचर
10:16माइनस 224 दिगरीश सेल्सियस
10:18और नेप्चियून का माइनस
10:20214 दिगरीश सेल्सियस है
10:22वहीं प्लूटो का टेंपरेचर माइनस 233 दिगरीश सेल्सियस तक चला जाता है
10:26जो के इसको बाकी सभी प्लानेट्स से जाधा ठंडा बनाता है
10:32दूस्तो आपको ये जानकर हरानी होगी
10:34के हमारे सोलर सिस्टम में जितने भी प्लानेट्स हैं
10:36तो उनका ओरबिट राउंड नहीं बलके एलिप्टिकल है
10:40यानी सभी प्लानेट्स एक सरकल में ओरबिट नहीं करते
10:42बलके एक एक शेव पाथ में ओरबिट करते हैं
10:44जिसे हम एलिप्टिकल ओरबिट कहते हैं
10:47तो सभी प्लानेट्स का ओरबिट थोड़ा थोड़ा एलिप्टिकल है
10:50लेकिन वही अगर हम प्लूटो को देखें
10:52तो प्लूटो का ओरबिट थोड़ा नहीं
10:54बलके एक्स्ट्रीमली एलिप्टिकल है
10:56इन फैक्ट ये इतना जदा एलिप्टिकल है
10:58कभी कभी प्लूटो अपने ओरबिट में नप्च्यून से आगे आ जाता है
11:01और एठ्थ प्लानेट बन जाता है
11:03और ये कैसे होता है?
11:04चलो मैं समझा देता हूँ
11:06दोस्तों जब प्लूटो अपने ओरबिट में सन के सबसे दूर वाले पॉंट पर होता है
11:09तो इसका डिस्टेंस 7.4 बिलियन किलो मेटर ओता है
11:12जिसे हम एफिलियन कहते हैं
11:14और एसे ही जब प्लूटो सन के सबसे क्लोज वाले पॉंट पर आ जाता है
11:18तो इसका डिस्टेंस 4.4 बिलियन किलो मेटर रह जाता है
11:21जिसे हम पेरिहिलियन कहते हैं
11:23और इसी पॉंट पर आकर प्लूटो नेप्चियून से आगे आ जाता है
11:26क्योंके दोस्तो नेप्चियून का डिस्टेंस 4.5 बिलियन किलो मेटर है
11:30बट प्लूटो इस पॉंट पर 4.4 बिलियन किलो मेटर दूर ओता है
11:34और ऐसा एक बार हो भी चुक है
11:36दोस्तो फैबररी 1979 से लेकर फैबररी 1999 तक
11:40यानी पूरे 20 सालों तक प्लूटो नेप्चियून से आगे था
11:43और सोलर सिस्टम का अठमा प्लानेट था
11:45जोके काफ़े इंट्रेस्टिंग बात है
11:47ऐसे ही दोस्तो अगर रोटेशन की बात करें
11:49तो प्लूटो भी वीनस और उरेनस की तरह कलोकवाईज रोटेट करते है
11:53जहां सभी प्लानेट्स एंटी कलोकवाईज घूमते हैं
11:55वहीं ये तीनों कलोकवाईज घूमते हैं
11:57दोस्तो वैसे तो प्लूटो साइज में मर्क्यूरी और वीनस दोनों से ही बहुत चोटे है
12:05लेकिन मर्क्यूरी और वीनस दोनों के पास एक चीज ऐसी नहीं है जो प्लूटो के पास है
12:09और वो चीज है मून
12:11जिहां दोस्तो जहां मर्क्यूरी और वीनस के पास अपना एक भी चांद नहीं है
12:15वहीं प्लूटो के पास पूरे पांच चांद है
12:17जो है निक्स, स्टिक्स, हाइड्रा, कैर ब्रस और सबसे स्पेशल कैर ओन
12:23क्योंके दोस्तो कैर ओन प्लूटो का सबसे बड़ा चांद है
12:25जो के प्लूटो के साथ डांस करता रहता है
12:27यानी वो प्लूटो के गिर तो और्बिट करता ही है
12:29लेकिन साथ साथ प्लूटो को भी अपने गिर और्बिट कराता है
12:33और ये सब कैर ओन के बड़े साइस की वज़ा से होता है
12:35दोस्तो कैर ओन का साइस प्लूटो का लगबग हाप है
12:39और यही वज़ाए के कैर ओन की ग्राविटी प्लूटो पर बहुत ज़्यादा एफेक्ट डालती है
12:43इसकी वज़ासे प्लूटो और कैर ओन दोनों ही इक दूसरे के गिर धूमते रहते हैं
12:47वैल दोस्तो जब मैं ये सब पढ़ रहा था
12:49तो मैंने एक इंट्रेस्टिंग चीज और पढ़ी
12:51और वो ये कि अगर प्लूटो एक प्लनेट ना होता
12:53तो आज ये नप्छून का एक चांद होता
12:55बिकोस काफी साइन्टीस्ट का ये मानना है
12:57कि एक टाइम ऐसा था
12:59जब प्लूटो और ट्राइटन दोनों ही नप्छून के पास से गुजरे
13:02प्लूटो तो नप्छून के पास से निकल गया
13:04लेकिन ट्राइटन को नप्छून की ग्राविटी ने कैप्चर कर लिया
13:07और उसे अपना एक चांद वना लिया
13:09यानि अगर प्लूटो भी नप्छून के और्बिट में आ जाता
13:12तो आज ये भी ट्राइटन की तरह नप्छून का एक चांद होता
13:15वेल दोस्तों प्लूटो के बारे में बताने को अभी भी बहुत कुछ है
13:18लेकिन मुझे लगता है कि वीडियो काफी साथ लंबा हो जाएगा
13:21और आप लोग बोर हो जाओगे
13:22तो चलो अब मैं जादा बातें नहीं करता
13:24और आपको आपके सवाल का जवाब देता हूँ कि प्लूटो आखिर एक प्लानेट क्यों नहीं है
13:29तो चलो अब बात करते हैं प्लूटो के डाउन ग्रेट की
13:35दोस्तों 1930 से लेकर 2006 तक यानी पूरे 76 सालों तक प्लूटो एक प्लानेट रहा
13:41और 2006 में प्लूटो को प्लानेट की लिस्स से हटा दिया गया
13:44और ऐसा क्यों हुआ चलो समझ लेते हैं
13:47दोस्तों बात कुछ यूँ है कि प्लूटो के लावा और भी बहुत सारी ऑबजेक्ट्स ऐसी हैं
13:51जिनने प्लानेट बनाया जा सकता था
13:53जैसे सिरिस नाम के इस ड्वार्व प्लानेट को ही देख लो
13:56ये ड्वार्व प्लानेट मार्स और जुपिटर के बीच
13:58यानि एस्ट्रोइट बेल्ट में मोजूद है
14:00तो ये भी तो एक प्लानेट बन सकता था न
14:02इसके एलावा दोस्तो काईपर बेल्ट में भी
14:04बहुत सारे उब्जेक्ट्स और ड्वार्व प्लानेट ऐसे हैं
14:06जो के संके के गिर्द ओर्बिट कर रहे हैं
14:08जैसे एरिस, हाउमिया, और माके माके वगैरा वगैरा
14:12तो अब अगर इन सभी उब्जेक्ट्स को प्लानेट्स बना दिया जाता
14:15तो सोलर सिस्टम में इतने जादा प्लानेट्स हो जाते हैं
14:18जिनका शायद नाम याद करना भी मुश्किल हो जाता
14:20तो यही सब सोचकर 2006 में IAU
14:23जानी International Astronomical Union के एस्टरोनॉमर्ज ने
14:26एक प्लानेट के लिए कुछ शर्ते रख दी उनके मुताबिक
14:29अगर कोई उब्जेक्ट उन सारी शर्तों को पूरा करेगा
14:32तो वही उब्जेक्ट एक प्लानेट बनेगा और वो शर्ते ये थी
14:35प्लानेट को एक सलिस्टियल बोड़ी होना चाहिए और
14:39जो कि प्लूटो करता ही है
14:41प्लानेट के पास इतना मास होना चाहिए के वो अपने आपको
14:44आलमोस्ट एक राउंड शेप में ढाल सके तो प्लूटो ये
14:47शर्त भी पूरी करता है प्लानेट को एक मून नहीं होना
14:50चाहिए तो प्लूटो कोई मून तो है नहीं चोथी और आखरी
14:53शर्ग प्लानेट के आउर्बिट में उसका नेवर हूट क्लेर होना
14:56चाहिए अब इसका क्या मतलब वैल पहले तो मुझे भी
14:59इसका मतलब समझ नहीं आया था लेकिन काफ़ी स्टडी करने
15:03दोस्तो इसका मतलब है कि प्लानेट के पास एट लिस्ट
15:06इतनी ग्राविटी होनी चाहिए जिसे वो अपने और्बिट को
15:09क्लीन रख सके यानि वो अपने और्बिट में आने वाली
15:12किसी भी चीस को अपनी ग्राविटी से ही धका मारकर और्बिट
15:14से बाहर निकाल दे फिर चाहे वो कोई एस्ट्रोइड हो
15:17या फिर कोई ड्वार्व प्लानेट तो अन्फोर्चनेटली प्लूटो
15:20ये शर्थ पूरी ना कर सका प्लूटो के पास इतनी ग्राविटी
15:23नहीं है कि वो अपना और्बिट क्लीन रख पाए और यही
15:26वजए कि प्लूटो को 2006 में ही प्लानेट्स की लिस्स
15:29से निकाल दिया गया और उसे एक ड्वार्व प्लानेट डिकलेयर
15:32गर दिया गया यानि ऐसा प्लानेट जो कि इन सभी
15:35कंडिशन्स में से कोई न कोई कंडिशन मिस्कर रहा हो तो
15:38अपने अपनी बुक्स में प्लूटो को एज ए 9 प्लानेट पढ़ा था
15:41तो डेफिनेंटली आपको अप थोड़ा सैट फील हो रहा होगा
15:44क्योंके इन छोड़ा प्लूटो कभी बच्पन में छोटे बच्चों का फेवरट प्लानेट
15:48तो आई होब आपको आपके सभी सवालों का जवाब मिल गया होगा
15:51और इस वीडियो से कुछ नया सीखने को भी मिला होगा
15:53आपको तो पता ही है कि इन वीडियोस पर कितनी स्टड़ी होती है
15:56और फिर इनकी कितनी ज़ादा एडिटिंग करनी पढ़ती है
15:59और मेरी इस एफ़र्ट पर एक लाइक तो बनता ही है
16:01तो लाइक लाज़मी करना
16:03और अगर ऐसी ही अमेजिंग वीडियोस देखना पसंद करते हो
16:05तो मेरे इस छोटे से चैनल को फॉलो और सबस्काइब करके रख लेना
16:09पस तो फिर मैं मिलता हूँ किसी नेक्स्ट वीडियो में
16:11तब तक के लिए अल्लाहाफिस

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