परिवार की चिंता

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जीवन और मृत्यु हमारे बस की बात नहीं है| इस वजह से अपने परिवार की चिंता रहती है की हमारे चले जाने पर उनकी देखभाल कौन करेगा? ऐसी चिंताओं और विचारों से किस प्रकार छुटकारा पा सकते हैं?
Transcript
00:00आज इंक्रिमेंट की खुश खबर पायल को देता हूँ
00:09अब तो पायल के लिए नहीं टूवेलर आ जाएगी
00:24वेदेही के लिए एड्बांस टांस क्लास हो पाएंगे
00:27और आगे जाके उसको डोक्टर भी बनाना है अगर उनके सपने पूरे करने के लिए मैं नहीं रहा तो
00:41जीवन मृत्यों हमारे हाथ में नहीं है मृत्यों तो कभी ना कभी आएगी तो
00:54हमें एक एसी चिंता रहते है कि हम चले गए तो उसके बाद फैमिली की संबाल कों लेगा फैमिली का क्या होगा तो एसी चिंता ये एसे विचार कभी आते है तो एक एसे दूर किये जा सकते है क्योंकि फैमिली डिपेंडन्ट होता है
01:06मगर चिंता करने से क्या फायदा मिलेगा उसके बदले परार्थना करो और सुविधा हो सके तो विवार में सुविधा करो सब पैसे की और सब और मुख्या चीज़ क्या है कि ये हम मानते है कि मैं चले जाओंगा ये लोग रह जाएगे ये लोग चले जे गए और मैं रह ग
01:36एक दुसरे कसाथ प्रेम से रहो उतना वर्तमान सुधारो
01:40और सचमुश तो किसको क्या पैसा, खाना, पिना, रहना सारी जिनगी का हिसाब खुद लेके ही आया है प्रत्तियक अलग अलग
01:50लड़के ये लड़के या वो भी अपना बेंक बिलेंस ही वापरते हैं, वाइप भी अपना बेंक बिलेंस वापरेगी,
01:56खाना, पिना, रहने का सब हिसाब खुद लेके आये हैं, उसकी चिंता सोचने जैसा ही नहीं है,
02:03सच मुझे चिंता करने से डिस्टप करते हैं संजोग को, बाकि नेचरली सभी का हिसाब पूरा होगा,
02:11सारी जिनगी का हिसाब लेके ही आये हैं, हमें ही ये करना है कि जो भी डिस्चार्ज कर्म,
02:18जो हिसाब वाला कर्मों का फल आएगा, उस टाम पर घ्यान में कैसे रहे, नए कर्म बीज बिगडे नहीं, उतना पूर्शात करने का हमारे हाथ में है,
02:28वाईफ है, बच्चे, सबको दिरे दिरे ज्यान सच्चंग में लाईए, उनको ज्यान दिला दो, कर्म भी सुधर सके, उतना पूर्शात उनके हाथ में है, वो सिखा दो उनको,
02:40तो यह इस भव में भी शांति, दूसरे भव में भी सिफसाइड, हमें इसके लिए मोक्स की सिफसाइड वाला यह ज्यान है, तो यह प्राप्त कराया, तो यह जो हमारे जाने के बाद उनका क्या होगा,
02:52तो यह ज्यान दिला दिया, तो उनकी सिफसाइड हो जाएगी, ऐसे जीवन जी सकेंगे, उसकी ग्रेंटी.

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