नाकामियाबी के वक्त पॉजिटिव कैसे रहें?

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जीवन में आने वाली नाकामयाबी से हताश होकर हमें आत्महत्या और दुसरे नकारात्मक विचार आते है। तब इनसे किस प्रकार बाहर निकले? ऐसी परिस्थितियों में हमें नकारात्मक विचारों से किस प्रकार निपटना चाहिए?
Transcript
00:00यह ये एक सinhos पफेलर से चालू रैई हैं...
00:04में कोई फिल्म में जाता हूँ
00:06उसका विज़िस occupied कौछ थैसमा मजव हो जाता
00:10क कि ये षेवश्ट पारण है
00:11तकना हूँ कि उन्हें तेविशिए है
00:13रख के इसाप्र ऐसा होता है
00:15मेरी यह थिन्किंग है
00:17और इससे ज़्यादा
00:19कभी कभी बहुत डिपरेस हो जाता हो
00:21कि रात को नीन नहीं आना
00:23और जैसे
00:25खरब गड़त गड़त
00:27सोच आना कि डिपरेस्यन से
00:29सुसाइड कर रहे है
00:33नहीं यह तो सब हमारे जीवन में
00:35जो भी होता है
00:37हमारा ही इसाब है पुरुणो का
00:41इसे हिम्मत हारने की जुरुत नहीं है
00:43डिपरेस्यन में जाने की जुरुत भी नहीं है
00:47ऐसा थोड़ी कि हमेशा हमको
00:49सक्सेस ही मिले
00:53सक्सेस नहीं भी मिलता है
00:57तो उससे नासी पास होने की जुरुत नहीं है
00:59हिम्मत से चलो
01:01कभी ना कभी कही न कही
01:03आपको सक्सेस मिल जाएगा
01:05नेगेट्र थिंकिंग में मत पड़ो
01:07सुसाइड के लिए तो बिलकुल मत
01:09बहुत कतनाचीग है
01:13एक बार सुसाइड किया
01:15या सुसाइड करना सोचा न तो भी
01:17ऐसे कर्म के बीच
01:19बोय जाते हैं
01:21किसी साथ
01:23जनम तक
01:25ऐसा ही हमें
01:27मिलता है सुसाइड करने का
01:29इतना भुगतने का
01:31इतना टेंशन इतना टॉर्चिरिंग
01:33मैंड को
01:35और फिर मरना
01:37आत्माक्या करके
01:39तो यदि ऐसा
01:41कुछ आपने गलती से
01:43सोच लिया हो तो आप उसके लिए
01:45आप करो और तैने निष्चे करो
01:47कि ऐसा मुझे कुछ करना
01:49ही नहीं है और
01:51ऐसे विचार आये तो
01:53उसमें मेरी कोई साइन नहीं है
01:55मैं कभी ऐसा तो नहीं
01:57ही करूँगा विचार आये तो भी
01:59उसको इगनोर करो ऐसे विचार को
02:01आप बिल्कुल
02:03विचार
02:05विचार
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