मान्यता का भय

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जीवन के ज्यादातर भय हमारी मान्यता से और नेगेटिविटी से खड़े होते है| इन सारे भय और इन्सिक्युरिटी से बाहर निकलने के लिए देखें यह वीडियो...
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00:00हम मानते ही ऐसा होगा तो होगा तो, मगर हुआ कभी?
00:28हमारे पास solution लाने की शक्ति कम पढ़ रही है।
00:36यह हमेशा डर है, भय है, वो सब negativity से बहुत भर है, और insecurity से बहुत भर है।
00:44हम समाधान लाएंगे तो भय निकल जाएगा।
00:47हर चीज में ऐसा लगता है कि कोई चीज खोने का डर रहता है।
00:50जैसे मैं अभी बिमारी में से निकली तो लोगों से डर लगता है कभी।
00:56किसी से मैं भागती हूँ, फिल करती हूँ कि पहले कुछ confidence था, वो कहीं कुछ miss हो गया है, अपनों से डर लगने लगा है।
01:03हर चीज में ऐसा लगता है कि कोई चीज खोने का डर लगता है कभी।
01:08तो वो डर नहीं था, अच्छणक वो आ गया है अंदर।
01:11तो पता नहीं चल रहा है कि पहले ऐसा नहीं था, पर वो डर को मैं कैसे निकालूं।
01:18अपने ही दुखी कर रहे हैं, ऐसा फिल हो रहे हैं।
01:21अपना ही मान्यता ही है।
01:22और सब लोग ऐसा बोलते हैं कि भीमारी आयी तो तुम्हारे कुछ बुरे कर्म होंगे, इसलिए आयी।
01:28नहीं, उल्टा खुश होने का बुरा कर्म पुरा हो गया।
01:31समझो, पॉजिटिव समझो, गया है, कर्म छूट गया।
01:34बीस आने वाला, दीस मेंसे दो गये, तो भी अठ्रा रहेंगे, अठ्रा मेंसे दो गये, तो सोला रहेंगे, खुशी मनाने गये।
01:40दुखी क्यों होना?
01:41पॉजिटिव, यह हमेशा डर है, भै है, वो सब नेगिटिविटीस से बहुत भर है, और इंसुकिलिटीस से बहुत भर है।
01:49हम समाधान लाएंगे, तो भै निकल जाएगा।
01:52और बुद्धी तो, हमारी बुद्धी हमेशा भै बताती है, तो सॉलिशन निकालों।
01:57नहीं ऐसे पॉजिटिव, मन बताएगा था, बुद्धी बताएगा, ऐसा हो गया तो, तो पूछने कर, ऐसा हुआ है पहले कभी?
02:04तो हम मानते ही ऐसा होगा, हुआ ही नहीं है, होने वाला भी नहीं है, और होईगा तो हम सॉल करेंगे, चलो।
02:11तो हमारे पास सॉलिशन लाने की शक्ति कम पड़ रही है, इसके लिए सब हमें हावी हो जाता है, डर लग जाता है, यह हो जाएगा, वो हो जाएगा, तो यह तो मन बताता है उसके बात करने का,
02:29क्योंकि तेरे पास कोई आइडिया है सॉलिशन लाने का, नहीं है, तो फिर चॉप, get out.
02:35क्या तो हम तो, जब ग्यान लेते हैं, तो दादा भगवाण का अनुभव ऐसे होता है, कि हर परॉब्लेम में दादा भगवाण को याद करते गई, दादा भगवाण मुझे शक्ति दो, वेवार आया है, संभाव से मैं पूरा कर सको, जिरे जिरे शक्ति बढ़ती है, और स
03:05सच्मुझ तो कितने प्रकार के डर हम मानते ही, ऐसा होगा, तो होगा, तो होगा, कभी हुआ? ये चिड़िया रहती है, नहीं, कभुतर सब, तो हम एक फायरवक्स करेंगे, तो सब उड़के भग जाते हैं, दूसरी बार करेंगे, तो दो चार भागेंगे, दो चार देखे
03:35हमेरे तक आया गएगा नहीं, हमेरे तक नहीं आता है, तो हराम से खाते हैं, बोलो, ये चिड़िया के पास है, शक्ति मागो, तुम्हारे से समझ, हमेरे भी मिल जाएं
03:44पर मुझे इतना यकीन है, कि ये डर मेरे मन में है, होगा नहीं है
03:48सच मुझ नहीं है, सच मुझ नहीं है, अभी जो ज्ञान के रस्ते पर आया हो, तो ज्ञान से आगे बढ़ो, और दादाज़े की किताब भी बहुत सारी है, आ, मैंने पढ़ी थोड़ी बहुत, आ, तो उससे बहुत आपको शक्ति बढ़ेगी, कंफिडन्स पा�

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